रति की आंख से उसके मंगलसूत्र पर जैसे ही आंसू की एक बूंद टपकी। वो चौक कर अपने अतीत ...
- 2 - शनिवार का दिन और दिनों जैसा ही चढ़ा था। खिली हुई धूप ...
पिछले भाग में आपने पढ़ा , कैंटीन मे जब अर्जुन कुछ लड़कों को अपनी बहन के बारे मे उल्टी ...
मुझे लगा कि तुम मुझे पसंद नही करती बाकी मैंने क्या गलती कर दी जो तुम मुझे अभी शादी ...
लेखक: प्रफुल शाह खण्ड 58 सोमवार 10/07/2000 ‘सकाळ’ अखबार में रफीक़ मुजावर ने एक छोटी-सी खबर देखी। “निरा गांव ...
रति ने एक बार फिर अपने पैर में लगे टुकड़े को निकालने की कोशिश की पर जैसे ही उसने ...
प्लीज पापा ऐसा मत कीजिए..!! आप मुझे इस तरीके से बीच रास्ते में नहीं छोड़ सकते।" रिया ने कहा ...
लाजपत राय गर्ग समर्पण कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र के हिन्दी विभाग के सेवानिवृत्त विभागाध्यक्ष, केन्द्रीय साहित्य अकादमी में पाँच ...
एक साल पहले मेघना इस घर में ब्याह कर आई थी। अभिषेक की पत्नी बनकर। मन में एक नई ...
लेखक: प्रफुल शाह खण्ड 57 मंगलवार 06/06/2000 अचानक एक कॉन्स्टेबल की नजरों के सामने से सुजुकी समुराई बाइक तेजी ...
भाग 1कौन है ये अर्जुन दीक्षित?दिल्ली, दोपहर के 3 बजे...एक नौजवान लड़का अपनी hf deluxe बाइक से कहीं जा ...
"अरे ऐसे कैसे हो जाएगी तुम्हारी और नील की शादी..?? मैं और नील एक दूसरे को प्यार करते हैं। ...
मुखियाजी अपने कुछ लोगों के साथ जंगल से निकलकर पास ही के गांव की पुलिस चौकी पहुंचे। वहां पहुंचते ...
"अगर मेरी जगह मेघना और मेघना की जगह मै होता तब भी तुम यही कहती माँ। तब क्या तुम ...
रति ने दीवार पर लगी कील पर टंगा अपना बैग उठाया और रसोई घर में सिगड़ी पर रोटियां बना ...
11 व्यतीत होते समय के साथ घड़ी में शंखनाद होता रहा ….नौ, दस, ग्यारह, बारह….. एक, दो, तीन, चार….. ...
अक्षत नील और रिया के साथ नील के घर पहुंचा तो वहाँ का नजारा वाकई मे दिल दहलाने वाला ...
व्याधि भाग 2 रमेश और कोमल कस्बे वाले घर में पहुँच चुके थे। यह जगह वाकई बहुत खुबसुरत, शांत ...
लेखक: प्रफुल शाह खण्ड 56 मंगलवार 06/06/2000 सूर्यकान्त की सुबह मानो आगे सरक ही नहीं रही थी। रात्रि जागरण ...
सौरभ और उसके मम्मी पापा के जाने के बाद अभिषेक अपने कमरे में आया। मेघना फर्श पर बैठी घुटनों ...
10 अरबी समुद्र रात्री के आलिंगन में आ गया। द्वारका नगर की घड़ी ने आठबार शंखनाद किया। समुद्र तट ...
मनु बहुत देर से दरवाजे के बाहर खड़ी अक्षत और नील की बातें सुन रही थी। और उसके दिमाग ...
पथरीले कंटीले रास्ते 10 यह जेलर साहब का आफिस था । बङा सा हालनुमा कमरा । ...
लेखक: प्रफुल शाह खण्ड 55 शुक्रवार 05/06/2000 गुजरते हुए दिनों ने सूर्यकान्त और प्रतिभा को एक कठोर वास्तविकता को ...
मेघना ने ध्यान दिया कि सुबह से ही घर पर तैयारियां चल रही है। कल देर रात तक भी ...
रति ने रिसीवर नीचे रखा और अपनी आंखें बन्द की तो उसकी आंखों से आंसू बहने लगे। उसने खुद ...
अगले दिन नील की नींद खुली तो खुद को अक्षत के घर पाया। " मै यहाँ.. ?? यहाँ कब ...
पार्ट 5उसे आवाज की गूंज आज भी निर्वा के कानों में दस्तक देती है बार-बार। इस घटना से घर ...
पथरीले कंटीले रास्ते 9 रानी और बग्गा सिंह दोनों काफी देर तक जीप को जाते हुए देखते रहे ...
जबलपुर शहर की तूफानी अंधेरी रात में, एक लड़की खुद को बचाने के लिए हाथ में चाकू लिए बेतहाशा ...