विनाशकारी जन्मदिन भाग 4दाहिने हाथ ज़ंजीर ने वो काली तरल महाशक्ति के पूरे शरीर पर छिड़क दी और व्हिपर्स ...
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आर्या का सफ़र शुरू होता है।आर्या ने अपने परिवार को अलविदा कहा, और वह अपने सफर पर निकल पड़ी। ...
आर्या एक छोटे से गाँव में रहती थी, जो कि एक बड़े शहर से कुछ दूरी पर स्थित था। ...
विनाशकारी जन्मदिन भाग 3"तो तुम क्या चाहते हो?!क्या तुम चाहते हो कि वह हर शक्ति की 'सेवा' करे? उसके ...
भाग 4: क्रांति की नई राहगौरवनगर – विद्रोह की हलचलकबीर के धोखे का पर्दाफाश और उसकी सजा के बाद, ...
63 गाङी अंबाला स्टेशन पर करीब बीस मिनट रुकी । लोगों ने स्टेशन पर चाय पी । आखिर ...
25 अब तक आपने पढा कि सीधे सादे रविंद्र से शैंकी नाम के लङके का मर्डर हो जाता ...
विनाशकारी जन्मदिन भाग 2उसे ज़बरदस्ती नीचे दबा दिया गया, उसका हर पल, हर हरकत आतंक से भरी थी, खुद ...
प्रथम चरण - विषाद सूर्या घास पर एक चटाई बिछा कर लेटा हुआ था। ये भादवे की उमस भरी ...
अब आगे" तू मुझसे फिर झूठ बोल रही है । मुझे सीरत सच जानना है , " कोमल ने ...
भाग 3: साजिशों का जालगौरवनगर – तानाशाह की परछाईरात का अंधेरा धीरे-धीरे गहराता जा रहा था, लेकिन शहर के ...
भाग 2: खतरे की दस्तकगौरवनगर – रात के 11 बजेशहर का माहौल ऐसा था जैसे कोई बड़ा तूफान आने ...
राजश्री अवनी को यह समझ रही थी कि केस जीतने के लिए उसे फेमस वकील चाहिए और इसके लिए ...
पथरीले रास्तों का जंगल 25 अब तक आपने पढा कि सीधे सादे रविंद्र से शैंकी नाम के ...
"तानाशाह"लेखक: मनोज संतोकी मानसप्रस्तावनादेश का नाम भले ही "आजादिस्तान" हो, लेकिन इस धरती पर आज़ादी नाम मात्र की चीज़ ...
विनाशकारी जन्मदिन- भाग1सभी लोग कवच को जन्मदिन की शुभकामनाएँ देकर रोमांचित थे। कमाल की बात है, दशकों बाद भी ...
ठंड से जकड़ा हुआ बदन जो कांप रहा था, अब वह भयभीत भी था। उस ताप ने, जो अभी ...
सुहासिनी चुपके से नीचे चली गई। हवा की तरह चलने का गुण विरासत ले, वो बिना किसी की नज़र ...
कॉलेज का पहला दिन था। मैं हमेशा की तरह सबसे आगे की बेंच पर जाकर बैठ गया। यही मेरी ...
गायत्री जी से हमें पता चलता है कि किस तरह से वर्धा ने उसकी पत्नी और बेटी को शराब ...
शीर्षक - "मैजिकल वर्ल्ड"By - Shweta Pandeyरात के बारह बजे अचानक मेरी नींद खुलती है कुछ आवाज़ से, मैं ...
उस रात सभी लोग भूखे पेट सोये, लेकिन उनके पास हज़म करने के लिए बहुत सारी चीजें थीं। बम, ...
81 अक्ल कभी कभी वक्त को भी पंछी की तरह पर लग जाते हैं। ऐसे देखते देखते ही ...
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80 दिल की बात गोली की आवाज़ से नंदन और नन्हें ने सिर नीचे कर लिए थे, मगर ...
79 खून गाड़ी में ही दोनों के हाथ और मुँह बाँध दिए गए हैं, अब गाड़ी शहर से ...
अब तक उनके माता-पिता केवल उनका तिरस्कार करते थे, लेकिन अब यह उनके लिए बहुत बुरा मोड़ ले चुका ...
78 किडनैप मुरलीधर ने दोनों को गौर से देखते हुए कहा, “हाँ अब बताओ, तुम यहाँ क्या कर ...
77 प्लान अब वे लोग बाहर आने लगे तो नन्हें और नंदन जल्दी से वहॉं से निकल गएI ...