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आखेट महल - 18

by Prabodh Kumar Govil
  • 684

अठारह गौरांबर ने देखा, प्लेटफॉर्म पर एक बेंच के पास छोटे-छोटे दो बक्से लिए और एक औरत चुपचाप ...

समय कि गति

by prabha pareek
  • 519

समय की गतिसमय क्या चीज़ है जीवन के पथ पर अनुभवों की थाती संभलाता अच्छे बुरे अनुभवों से झोलियाँ ...

हमें यह बात बता चुके हैं ।

by दिनेश कुमार
  • 582

एक कहानी :- दुआओं का असरएक होटल में बहुत ज्यादा भीड़ रहती थी, जिसका फायदा उठाकर एक आदमी रोजाना ...

आखेट महल - 17

by Prabodh Kumar Govil
  • 912

सत्रह दिन गुजरते गये। आखेट महल प्रोजेक्ट का काम दिन दूनी, रात चौगुनी रफ्तार से परवान चढ़ता रहा। वहाँ ...

आखेट महल - 16

by Prabodh Kumar Govil
  • 1.4k

सोलह बाहर से आने वाले सुविधा और सुरक्षा की दृष्टि से एक साथ झुण्डों में रहना पसन्द करते थे। ...

आखेट महल - 15

by Prabodh Kumar Govil
  • 1.1k

पन्द्रह आखेट महल और उसके आसपास का इलाका धीरे-धीरे ऐसा आकार लेता जा रहा था कि उसे पहचान पाना ...

आखेट महल - 14

by Prabodh Kumar Govil
  • 948

चौदह बातें न जाने कब तक चलती रहीं। गौरांबर को यह भी पता न चला कि कब उसे गहरी ...

आखेट महल - 13

by Prabodh Kumar Govil
  • 1.1k

तेरह किसी बहुत पुराने खण्डहर से सटा एक मकान का जर्जर और अधबना हिस्सा था वह। आसपास की टूटी-फूटी ...

मंजिले - भाग 9

by Neeraj Sharma
  • 597

------खैर हो ---- चलती का नाम गाड़ी है। बेशर्म लोग कुछ नहीं समझ ...

आखेट महल - 12

by Prabodh Kumar Govil
  • 783

बारह खेतों में ले जाकर काट के फेंक दें, कौन पकड़ने वाला है। साला हरामी, वो एक आदमी तो ...

आखेट महल - 11

by Prabodh Kumar Govil
  • 1.1k

ग्यारह शंभूसिंह के साथ गौरांबर उस दिन उसके गाँव में क्या आया, उसका तो मानो दूसरा जन्म ही हो ...

आखेट महल - 10

by Prabodh Kumar Govil
  • 837

दस ''खोल.. खोल.. खोलता है कि नहीं मुँह..।'' सिपाही जोर-से चीखा। और एक भरपूर तमाचा फिर उसके मुँह पर ...

आखेट महल - 9

by Prabodh Kumar Govil
  • 1k

नौ पुलिस का आखेट महल रोड के पेट्रोल पम्प पर तैनात सिपाही उस रात गौरांबर को कोठी में घुसने ...

आखेट महल - 8

by Prabodh Kumar Govil
  • 939

आठ घण्टा भर बीतते-बीतते फिर गौरांबर की जेब में पच्चीस रुपये थे। स्टेशन पर अन्दर आकर सामान उठाने में ...

द्वारावती - 75

by Vrajesh Shashikant Dave
  • 600

75 “मैं मेरी ...

ज्वार या भाटा - भाग 1

by ललित किशोर, ऊर्फ क्षितिज
  • 1.1k

"ज्वार या भाटा"भूमिकाकहानी ज्वार या भाटा हमारे उन वयोवृद्ध योद्धाओं की है जो अपने जीवन में अथाह अनुभव लेके ...

दो दिल एक मंजिल

by दिनेश कुमार
  • 963

1. बाल कहानी - गलतीसूर्या नामक बालक अपने माता - पिता के साथ शहर में रहता था । सूर्या ...

आखेट महल - 7

by Prabodh Kumar Govil
  • 1.3k

छ:शंभूसिंह के साथ गौरांबर उस दिन उसके गाँव में क्या आया,उसका तो मानो दूसरा जन्म ही हो गया। आधी ...

द्वारावती - 74

by Vrajesh Shashikant Dave
  • 504

74उत्सव काशी में बस गया था। काशी को अत्यंत निकट से उसने देखा - परखा। उसके भीतर एक सर्जक ...

आखेट महल - 6

by Prabodh Kumar Govil
  • 1.5k

उसने युवक को यह भी बता दिया कि कोठी से भागने के पहले रात को वहाँ क्या हुआ था ...

तमस ज्योति - 60 (अंतिम भाग)

by Pruthvi Gohel
  • 720

प्रकरण - ६०स्टूडियो में बैठे रोशनकुमारने कहा, "अपनी आंखों की रोशनी वापस आने से मैं उस दिन बहुत ही ...

द्वारावती - 73

by Vrajesh Shashikant Dave
  • 537

73नदी के प्रवाह में बहता हुआ उत्सव किसी अज्ञात स्थल पर पहुँच गया। चारों दिशाओं में घना जंगल था। ...

आखेट महल - 5

by Prabodh Kumar Govil
  • 1.6k

पाँचपुलिस का आखेट महल रोड के पेट्रोल पम्प पर तैनात सिपाही उस रात गौरांबर को कोठी में घुसने की ...

द्वारावती - 72

by Vrajesh Shashikant Dave
  • 585

72दोनों ने अदृश्य ध्वनि की आज्ञा का पालन किया। जिस बिंदु पर दोनों ने दृष्टि रखी वहाँ दृश्य दिखाई ...

तमस ज्योति - 59

by Pruthvi Gohel
  • 666

प्रकरण - ५९मुझे अब ऑपरेशन थियेटर में ले जाया गया। मैं ऑपरेशन थियेटर में कुछ भी नहीं देख सकता ...

छोटे-छोटे प्रयास

by दिनेश कुमार
  • 942

1. किसान की सीखएक बार बादलों की हड़ताल हो गई बादलों ने कहा अगले दस साल पानी नहीं बरसायेंगे। ...

द्वारावती - 71

by Vrajesh Shashikant Dave
  • 591

71संध्या आरती सम्पन्न कर जब गुल लौटी तो उत्सव आ चुका था। गुल की प्रतीक्षा कर रहा था।“गुल, मुझे ...

आखेट महल - 4

by Prabodh Kumar Govil
  • 891

चारगौरांबर को आज तीसरा दिन था इसी तरह से भटकते हुए। वह रात को सोने के लिए कभी रेलवे ...

तमस ज्योति - 58

by Pruthvi Gohel
  • 732

प्रकरण - ५८जैसे ही मैंने फातिमा के कदमों की आहट सुनी, मैंने फातिमा को अपने पास बुलाया और कहा, ...

द्वारावती - 70

by Vrajesh Shashikant Dave
  • 699

70लौटकर दोनों समुद्र तट पर आ गए। समुद्र का बर्ताव कुछ भिन्न दृष्टिगोचर हो रहा था। बालक की भाँति ...