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The Book of the Secrets of Enoch.... - 3

by Tamiz
  • 195

अध्याय 11, XI1 उन पुरूषों ने मुझे पकड़ लिया, और चौथे स्वर्ग पर ले गए, और मुझे सब क्रमिक ...

अन्तर्निहित - 23

by Vrajesh Shashikant Dave
  • 75

[23]“शैल जी, मृतदेह के विषय में कुछ ज्ञात हुआ क्या?”“क्या ज्ञात करना चाहती हो?”“यही कि वह व्यक्ति कौन थी? ...

The Book of the Secrets of Enoch.... - 2

by Tamiz
  • 522

अध्याय 3, III1 जब हनोक ने अपके पुत्रोंको यह समाचार दिया, तब स्वर्गदूतों ने उसे अपके पंखोंपर उठा लिया, ...

The Book of the Secrets of Enoch.... - 1

by Tamiz
  • 1.3k

1 एक बुद्धिमान मनुष्य था, बड़े काम करने वाला मनुष्य था, और प्रभु ने उसके प्रति प्रेम की कल्पना ...

Between Feelings - 2

by pink lotus
  • (5/5)
  • 732

​(Market Scene का आगे का भाग)​Sayuri: "मुझे... मुझे इस Kyoto में काम खोजने के लिए किराए पर एक कमरा ...

अन्तर्निहित - 22

by Vrajesh Shashikant Dave
  • 732

[22]“क्या हुआ सारा जी?”“ऐसा कभी मत करना। यदि यह मंजूषा बंद कर दी गई तो ..।” सारा आगे बोल ...

अन्तर्निहित - 21

by Vrajesh Shashikant Dave
  • 732

[21]येला की कार्यशाला में भोजन के उपरांत सारा तथा शैल चिंतन करने लगे कि अब इस मंजूषा में आगे ...

Between Feelings - 1

by pink lotus
  • (4.8/5)
  • 1.3k

Author note :hiiiii dosto यह एक नोवल जैसे ही लिखी गई मेरे खुद के द्वारा बनाई गयी anime story ...

खास बुलावा

by Vijay Erry
  • 993

खास बुलावाविजय शर्मा एरीउस शाम दिल्ली की सड़कें बारिश से धुली हुई थीं। नवीन ने अपनी पुरानी स्कूटर को ...

अन्तर्निहित - 20

by Vrajesh Shashikant Dave
  • 897

[20]“तो वत्सर, आगे क्या हुआ? बताओ।” सारा ने पूछा।वत्सर ने गहन सांस ली। अभी भी उसकी दृष्टि व्योम में ...

अन्तर्निहित - 19

by Vrajesh Shashikant Dave
  • 810

[19]संध्या हो गई। शैल, सारा, वत्सर और येला एक कक्ष में जमा हो गए। शैल ने सारा का स्वागत ...

मां की अपनी बेटी के प्रति जागरूकता।

by Chhaya Seladiya
  • (5/5)
  • 882

मंगू को पागल अस्पताल के डॉक्टर के पास रखने की सलाह लोग अमरतकाकी को देते, तो उनकी आंखों में ...

अन्तर्निहित - 18

by Vrajesh Shashikant Dave
  • 1k

[18]दूसरे दिन प्रभात होने पर सारा तथा बाकी के तीन लोग आगे की यात्रा की सज्जता करने लगे। यात्रा ...

अन्तर्निहित - 17

by Vrajesh Shashikant Dave
  • 912

[17]वकार के घर रात्री के समय भोजन के उपरांत सारा, निहारिका, सपन तथा वकार बैठे थे।“वकार, कुछ व्यवस्था है ...

अन्तर्निहित - 16

by Vrajesh Shashikant Dave
  • 1.1k

[16]“मैं बताती हूँ। उस प्रदर्शनी में मैंने अपना कोई शिल्प नहीं रखा था। किन्तु वहाँ मुझे सब के सम्मुख ...

अन्तर्निहित - 15

by Vrajesh Shashikant Dave
  • 1.2k

[15]“शैल, इस प्रकार किसी निर्दोष व्यक्ति को प्रताड़ित करना पुलिसवालों का स्वभाव होता है यह मैं जानती थी। इसीलिए ...

Last Benchers - 3

by govind yadav
  • 1.7k

कुछ साल बीत चुके थे। राहुल अब अपने ऑफिस के काम में व्यस्त था, लेकिन अचानक कुछ पुरानी यादों ...

Last Benchers - 2

by govind yadav
  • 1.7k

क्लास 10 का वो साल अब याद बन चुका था। बोर्ड के एग्ज़ाम ख़त्म हो चुके थे, और सब ...

Last Benchers - 1

by govind yadav
  • (0/5)
  • 2.2k

हर क्लास में कुछ बच्चे होते हैं जो आगे बैठकर जवाब देते हैं,और कुछ जो पीछे बैठकर सोचते हैं।आर्यन ...

The Last Bus to Dreams

by Subodh Kumar Sinha
  • 1.7k

शीर्षक: सपनों की आख़िरी बसरात का सन्नाटा धीरे-धीरे रानिपुर की गलियों में उतर आया था। हवा में हल्की ठंडक ...

अंतर्निहित - 14

by Vrajesh Shashikant Dave
  • 1.5k

[14]सूरज अब अस्त हो चुका था। पश्चिम आकाश अपना रंग बदल रहा था। शैल भी अपना रंग बदल रहा ...

अंतर्निहित - 13

by Vrajesh Shashikant Dave
  • 1.7k

13]त्रिवेंद्रम रेलवे स्टेशन पहुंचकर शैल ने वत्सर के गाँव तक की यात्रा टेक्सी से पूरी की। गाँव में उसने ...

Amma Ki Yaad

by Harsh Thakur
  • 2.3k

पहाड़ों के एक छोटे से गाँव में रोहन अपनी अम्मा के साथ रहता था। गाँव छोटा था, लेकिन अम्मा ...

अंतर्निहित - 12

by Vrajesh Shashikant Dave
  • 2.1k

[12]“देश की सीमा पर यह जो घटना घटी है वह वास्तव में तो आज कल नहीं घटी है।”“क्या मतलब ...

गुल–दास्तां भाग 2

by ललित किशोर, ऊर्फ क्षितिज
  • 2.7k

Part 2टूटे काच को देख वह घर की ओर मुड़ गया पहुंचते ही सबसे पहले लेपटॉप खोला और बीते ...

जेन-जी कलाकार - 3

by Kiko Xoxo
  • 2.5k

लेखक का दृष्टिकोणअर्जुन की अलार्म घड़ी की तेज़ घंटी ने पूरे अपार्टमेंट में गूंज पैदा कर दी।वह कराहते हुए ...

अंतर्निहित - 11

by Vrajesh Shashikant Dave
  • 1.7k

[11]रात्री के भोजन के उपरांत सारा सोने के लिए सज्ज हो रही थी तभी उसके द्वार को किसी ने ...

जिन्दगी का सबसे बड़ा सच-मां के सिवा कोई अपना नहीं

by Varsha writer
  • (0/5)
  • 3.1k

आन्या की दुनिया हमेशा से सांवली रोशनी में नहाई रहती थी — घर भर की हल्की-हल्की भीड़, माँ की ...

अजीब बरसात

by Vijay Sharma Erry
  • 2.6k

---अजीब बरसात️ लेखक: विजय शर्मा एरीगाँव रामपुरा हमेशा अपनी साधारणता के लिए मशहूर था। खेतों की हरियाली, बैलों की ...

अंतर्निहित - 10

by Vrajesh Shashikant Dave
  • 2.4k

[10]प्रात: होते ही सारा खुली हवा में कुछ समय तक घूमने चली गई। प्रभात की वेला में उसे भारत ...