अठारह गौरांबर ने देखा, प्लेटफॉर्म पर एक बेंच के पास छोटे-छोटे दो बक्से लिए और एक औरत चुपचाप ...
समय की गतिसमय क्या चीज़ है जीवन के पथ पर अनुभवों की थाती संभलाता अच्छे बुरे अनुभवों से झोलियाँ ...
एक कहानी :- दुआओं का असरएक होटल में बहुत ज्यादा भीड़ रहती थी, जिसका फायदा उठाकर एक आदमी रोजाना ...
सत्रह दिन गुजरते गये। आखेट महल प्रोजेक्ट का काम दिन दूनी, रात चौगुनी रफ्तार से परवान चढ़ता रहा। वहाँ ...
सोलह बाहर से आने वाले सुविधा और सुरक्षा की दृष्टि से एक साथ झुण्डों में रहना पसन्द करते थे। ...
पन्द्रह आखेट महल और उसके आसपास का इलाका धीरे-धीरे ऐसा आकार लेता जा रहा था कि उसे पहचान पाना ...
चौदह बातें न जाने कब तक चलती रहीं। गौरांबर को यह भी पता न चला कि कब उसे गहरी ...
तेरह किसी बहुत पुराने खण्डहर से सटा एक मकान का जर्जर और अधबना हिस्सा था वह। आसपास की टूटी-फूटी ...
------खैर हो ---- चलती का नाम गाड़ी है। बेशर्म लोग कुछ नहीं समझ ...
बारह खेतों में ले जाकर काट के फेंक दें, कौन पकड़ने वाला है। साला हरामी, वो एक आदमी तो ...
ग्यारह शंभूसिंह के साथ गौरांबर उस दिन उसके गाँव में क्या आया, उसका तो मानो दूसरा जन्म ही हो ...
दस ''खोल.. खोल.. खोलता है कि नहीं मुँह..।'' सिपाही जोर-से चीखा। और एक भरपूर तमाचा फिर उसके मुँह पर ...
नौ पुलिस का आखेट महल रोड के पेट्रोल पम्प पर तैनात सिपाही उस रात गौरांबर को कोठी में घुसने ...
आठ घण्टा भर बीतते-बीतते फिर गौरांबर की जेब में पच्चीस रुपये थे। स्टेशन पर अन्दर आकर सामान उठाने में ...
75 “मैं मेरी ...
"ज्वार या भाटा"भूमिकाकहानी ज्वार या भाटा हमारे उन वयोवृद्ध योद्धाओं की है जो अपने जीवन में अथाह अनुभव लेके ...
1. बाल कहानी - गलतीसूर्या नामक बालक अपने माता - पिता के साथ शहर में रहता था । सूर्या ...
छ:शंभूसिंह के साथ गौरांबर उस दिन उसके गाँव में क्या आया,उसका तो मानो दूसरा जन्म ही हो गया। आधी ...
74उत्सव काशी में बस गया था। काशी को अत्यंत निकट से उसने देखा - परखा। उसके भीतर एक सर्जक ...
उसने युवक को यह भी बता दिया कि कोठी से भागने के पहले रात को वहाँ क्या हुआ था ...
प्रकरण - ६०स्टूडियो में बैठे रोशनकुमारने कहा, "अपनी आंखों की रोशनी वापस आने से मैं उस दिन बहुत ही ...
73नदी के प्रवाह में बहता हुआ उत्सव किसी अज्ञात स्थल पर पहुँच गया। चारों दिशाओं में घना जंगल था। ...
पाँचपुलिस का आखेट महल रोड के पेट्रोल पम्प पर तैनात सिपाही उस रात गौरांबर को कोठी में घुसने की ...
72दोनों ने अदृश्य ध्वनि की आज्ञा का पालन किया। जिस बिंदु पर दोनों ने दृष्टि रखी वहाँ दृश्य दिखाई ...
प्रकरण - ५९मुझे अब ऑपरेशन थियेटर में ले जाया गया। मैं ऑपरेशन थियेटर में कुछ भी नहीं देख सकता ...
1. किसान की सीखएक बार बादलों की हड़ताल हो गई बादलों ने कहा अगले दस साल पानी नहीं बरसायेंगे। ...
71संध्या आरती सम्पन्न कर जब गुल लौटी तो उत्सव आ चुका था। गुल की प्रतीक्षा कर रहा था।“गुल, मुझे ...
चारगौरांबर को आज तीसरा दिन था इसी तरह से भटकते हुए। वह रात को सोने के लिए कभी रेलवे ...
प्रकरण - ५८जैसे ही मैंने फातिमा के कदमों की आहट सुनी, मैंने फातिमा को अपने पास बुलाया और कहा, ...
70लौटकर दोनों समुद्र तट पर आ गए। समुद्र का बर्ताव कुछ भिन्न दृष्टिगोचर हो रहा था। बालक की भाँति ...