प्रकरण - ४९मुझे निषाद मेहता के साथ जो कॉन्ट्रैक्ट साइन करना था उसकी पूर्व तैयारी मैंने और मेरे पापाने ...
65 “ओह, यह ...
प्रकरण - ४८अमिता बोली, "नमस्कार दर्शकों! एक बार फिर से आप सभी का स्वागत है। मेरे साथ है जानेमाने ...
64 प्रातः काल का ...
प्रकरण - ४७मैंने जैसे ही रईश से बात खत्म कर के फोन रखा ही था की तभी फातिमा का ...
63द्वारका में काशी से पंडित जगन्नाथ पधारे थे। भगवान द्वारिकाधीश के दर्शन के उपरांत वह मंदिर में विहार करते ...
प्रकरण - ४६मैं दिन की अपनी आखिरी रिकॉर्डिंग ख़त्म करके अभी-अभी घर पहुँचा था। मैंने विराजभाई को चाय बनाने ...
62चार वर्ष का समय व्यतीत हो गया। प्रत्येक दिवस गुल ने इन चार वर्षों की अवधि की समाप्ति की ...
प्रकरण - ४५मेरी मम्मी और मेरे पापा दर्शिनी और नीलिमा को छोड़ने अहमदाबाद आये थे। घर काफी दिनों से ...
61केशव के जाने की सज्जता में पूरा दिन व्यतीत हो गया। गुल इस प्रत्येक सज्जता में केशव के साथ ...
प्रकरण - ४४जब दर्शिनी घर वापस आई तो मेरी मम्मी के मन में कई सवाल थे जिनका जवाब वह ...
60गुल ने जब आँखें खोली तब वह गुरुकुल के किसी कक्ष की शैया पर थी। कुछ कुमार उसकी सेवा ...
प्रकरण - ४३मैंने निषाद मेहता को फोन लगाया और कहा, "निषादजी! मैंने आपकी बात पर बहुत सोचा और मैं ...
प्रकरण - ४२मेरे मोबाइल पर रिंग बजी तो मैंने फोन उठाया और हेलो कहा। सामने की ओर से एक ...
59“मेरे पिताजी कहाँ है?” गुल के इस प्रश्न का उत्तर गुरुकुल में किसी ने नहीं दिया।“मेरा घर? मेरी माँ?” ...
प्रकरण - ४१अमिता बोली, "रोशनजी! हमारे दर्शक यह जानने के लिए बहुत उत्सुक हैं कि आपके साथ आगे क्या ...
58“सुनों मित्रों।” अभियान का नेतृत्व कर रहे युवक ने कहा, “समुद्र किसी भी मृत शरीर को अपने भीतर नहीं ...
57द्वारावती 57 ...
प्रकरण - ४०मेरे पापा को यह जानकर सुखद आश्चर्य हुआ कि अभिजीत जोशी मेरे पापा के बचपन के दोस्त ...
56अवनी पर प्रत्येक संध्या के पश्चात् तमस् उतर आता है। अनेक ऐसी संध्याओं के पश्चात एक संध्या आइ जो ...
प्रकरण - ३९जब मेरे पापा का फोन आया तभी मैंने तय कर लिया था कि मैं आज अभिजीत जोशी ...
प्रकरण - ३८मैं एक बार फिर मुंबई आ पहुंचा था। यहां आने के बाद अब मैं अभिजीत जोशी से ...
प्रकरण - ३७मैंने रईश को अपने दिल की बात बता दी तो मुझे आज बहुत सुकून महसूस हो रहा ...
Friendship Story in Hindi : ‘‘साहब मैं आपका सामान उठा लूं क्या?’’ साहिल अभी बस से उतरा ही था ...
प्रकरण - ३६मैंने अरमानी को पहली बार अपनी गोद में उठा ली थी। जैसे ही मैंने उसके हाथ को ...
प्रकरण - ३५मैंने कभी नहीं सोचा था कि मेरी पूरी जिंदगी अचानक इस तरह बदल जाएगी। अभिजीत जोशी के ...
55दूसरे दिन गुल ने निश्चय कर लिया कि वह अब किसी भी स्वर पर, किसी भी सुर पर तथा ...
किसी भी इन्सान के जीवन में एक दोस्त की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती हैं ! दोस्त वह जो इन्सान ...
प्रकरण - ३४फातिमा और मैं अब जब हम अपने घर के लिविंग रूम में अकेले थे तो फातिमा को ...
54गुल गुरुकुल में अध्ययन करने लगी। अनेक दिन व्यतीत हो गए। मुल्लाओं की तरफ़ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आइ। ...