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मां की अपनी बेटी के प्रति जागरूकता।

by Chhaya Seladiya
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मंगू को पागल अस्पताल के डॉक्टर के पास रखने की सलाह लोग अमरतकाकी को देते, तो उनकी आंखों में ...

अन्तर्निहित - 18

by Vrajesh Shashikant Dave
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[18]दूसरे दिन प्रभात होने पर सारा तथा बाकी के तीन लोग आगे की यात्रा की सज्जता करने लगे। यात्रा ...

अन्तर्निहित - 17

by Vrajesh Shashikant Dave
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[17]वकार के घर रात्री के समय भोजन के उपरांत सारा, निहारिका, सपन तथा वकार बैठे थे।“वकार, कुछ व्यवस्था है ...

अन्तर्निहित - 16

by Vrajesh Shashikant Dave
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[16]“मैं बताती हूँ। उस प्रदर्शनी में मैंने अपना कोई शिल्प नहीं रखा था। किन्तु वहाँ मुझे सब के सम्मुख ...

अन्तर्निहित - 15

by Vrajesh Shashikant Dave
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[15]“शैल, इस प्रकार किसी निर्दोष व्यक्ति को प्रताड़ित करना पुलिसवालों का स्वभाव होता है यह मैं जानती थी। इसीलिए ...

Last Benchers - 3

by govind yadav
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कुछ साल बीत चुके थे। राहुल अब अपने ऑफिस के काम में व्यस्त था, लेकिन अचानक कुछ पुरानी यादों ...

Last Benchers - 2

by govind yadav
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क्लास 10 का वो साल अब याद बन चुका था। बोर्ड के एग्ज़ाम ख़त्म हो चुके थे, और सब ...

Last Benchers - 1

by govind yadav
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हर क्लास में कुछ बच्चे होते हैं जो आगे बैठकर जवाब देते हैं,और कुछ जो पीछे बैठकर सोचते हैं।आर्यन ...

The Last Bus to Dreams

by Subodh Kumar Sinha
  • 1.3k

शीर्षक: सपनों की आख़िरी बसरात का सन्नाटा धीरे-धीरे रानिपुर की गलियों में उतर आया था। हवा में हल्की ठंडक ...

अंतर्निहित - 14

by Vrajesh Shashikant Dave
  • 1.2k

[14]सूरज अब अस्त हो चुका था। पश्चिम आकाश अपना रंग बदल रहा था। शैल भी अपना रंग बदल रहा ...

अंतर्निहित - 13

by Vrajesh Shashikant Dave
  • 1.4k

13]त्रिवेंद्रम रेलवे स्टेशन पहुंचकर शैल ने वत्सर के गाँव तक की यात्रा टेक्सी से पूरी की। गाँव में उसने ...

Amma Ki Yaad

by Harsh Thakur
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पहाड़ों के एक छोटे से गाँव में रोहन अपनी अम्मा के साथ रहता था। गाँव छोटा था, लेकिन अम्मा ...

अंतर्निहित - 12

by Vrajesh Shashikant Dave
  • 1.8k

[12]“देश की सीमा पर यह जो घटना घटी है वह वास्तव में तो आज कल नहीं घटी है।”“क्या मतलब ...

गुल–दास्तां भाग 2

by ललित किशोर, ऊर्फ क्षितिज
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Part 2टूटे काच को देख वह घर की ओर मुड़ गया पहुंचते ही सबसे पहले लेपटॉप खोला और बीते ...

जेन-जी कलाकार - 3

by Kiko Xoxo
  • 2.1k

लेखक का दृष्टिकोणअर्जुन की अलार्म घड़ी की तेज़ घंटी ने पूरे अपार्टमेंट में गूंज पैदा कर दी।वह कराहते हुए ...

अंतर्निहित - 11

by Vrajesh Shashikant Dave
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[11]रात्री के भोजन के उपरांत सारा सोने के लिए सज्ज हो रही थी तभी उसके द्वार को किसी ने ...

जिन्दगी का सबसे बड़ा सच-मां के सिवा कोई अपना नहीं

by Varsha writer
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आन्या की दुनिया हमेशा से सांवली रोशनी में नहाई रहती थी — घर भर की हल्की-हल्की भीड़, माँ की ...

अजीब बरसात

by Vijay Sharma Erry
  • 2.2k

---अजीब बरसात️ लेखक: विजय शर्मा एरीगाँव रामपुरा हमेशा अपनी साधारणता के लिए मशहूर था। खेतों की हरियाली, बैलों की ...

अंतर्निहित - 10

by Vrajesh Shashikant Dave
  • 2.1k

[10]प्रात: होते ही सारा खुली हवा में कुछ समय तक घूमने चली गई। प्रभात की वेला में उसे भारत ...

बच्चा बेटा, बूढ़ा बाप!

by Ranjeev Jha
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उस घर से एक किलोमीटर की दूरी पर , मंदिर में हरिकीर्तन हो रहा था ।गर्मी का समय था ...

अंतर्निहित - 9

by Vrajesh Shashikant Dave
  • 1.5k

[9]येला गंगटोक लौटने की तैयारी कर रही थी तब उसने समाचार में देखा कि किसी एक नगर में पुलिसवालों ...

वो जो मैं नहीं था - 15

by Rohan
  • 2.2k

️ भाग 15 – "मूल और मुखौटा" स्थान: दिल्ली - परित्यक्त रेल टनल, Phase II लैब का आंतरिक चेंबर ...

अंतर्निहित - 8

by Vrajesh Shashikant Dave
  • 1.7k

[8]सारा ने द्वार बंद कर दिया, गवाक्ष को खोल दिया। एक मंद समीर ने भीतर प्रवेश कर लिया और ...

वो जो मैं नहीं था - 14

by Rohan
  • 1.8k

️ भाग 14 - "टूटे हुए विश्वास" स्थान: दिल्ली - वही पुराना रेल टनल, Phase II लैब की ओर ...

चरित्रहीन ही सही मां तो हूं न।

by Ranjeev Jha
  • 4.5k

चरित्रहीन ही सही मां तो हूं न।---–---------------------–--------सुबह के आठ बज गये थे,नींद तो टूट गयी थी,पर विस्तर छोडने में ...

अंतर्निहित - 7

by Vrajesh Shashikant Dave
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[7]शैल ने कुछ समय विचार किया। मन में योजना बनाई पश्चात उसने फोन लगाया।“महाशय, मुझे किसी पारिवारिक कार्य से ...

वो जो मैं नहीं था - 13

by Rohan
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️ भाग 13 - "सिस्टम का चेहरा" स्थान: दिल्ली - पुराने रेल टनल का आख़िरी छोर तारीख: 25 फ़रवरी ...

अंतर्निहित - 6

by Vrajesh Shashikant Dave
  • 1.8k

[6]मृतदेह मिलने की घटना को तीन दिन हो गए। शैल ने अपने अन्वेषण के सभी पक्षों से प्रयास किया ...

अंतर्निहित - 5

by Vrajesh Shashikant Dave
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[5]येला ने दस निमिष कहा था किन्तु उससे भी पाँच निमिष पूर्व प्रार्थना कक्ष भर गया। सभी के मन ...

वो जो मैं नहीं था - 11

by Rohan
  • 2.4k

भाग 11 - "दीवारों के पीछे"--- स्थान: दिल्ली, पुराने रेलवे डिपो के अंडरग्राउंड टनल नेटवर्क तारीख: 25 फरवरी 2031 ...