Prologue"मैंने किसी की हत्या की है, सुमित। मुझे यकीन है।"रश्मि की आवाज़ एक फुसफुसाहट से ज़्यादा कुछ नहीं थी, ...
शीर्षक: तारक मेहता का रहस्यमय सफरगोकुलधाम सोसाइटी में उस सुबह कुछ अलग ही बेचैनी थी। आसमान में घने बादल ...
ट्रिपलेट्स भाग 1अमर – प्रेम – राजअध्याय 1 : अंधेरी रात, एक माँ और अधूरा सचबरसात की वह रात ...
आरंभिक संदेश अध्याय 17 :Vedānta 2.0 𝓐𝓰𝓎𝓪𝓣 𝓐𝓰𝓎𝓪𝓷𝓲जहाँ सत्य के शब्द और प्रवचन बिकते हैं — वहाँ सत्य नहीं ...
सुबह गाँव में कुछ अलग ही तरह का उजाला था। रात की भारी चुप्पी के बाद यह रोशनी मानो ...
नंदीश संधु सिंह उस रात बंगले से निकल पड़ा आज वह सिर्फ़ एक पति नहीं था , वो वकील ...
एपिसोड 3: रंगों में छुपा अतीतउस रात के बाद आरव की नींद जैसे उससे रूठ गई थी।हर बार आँखें ...
नीलिमा दरवाजे की ओर बढ़ी और उसने धीरे से दरवाजा खोला,बाहर एक लड़का खड़ा था स्टाइलिश कपड़े, स्टाइलिश जूते,आंखों ...
"यह झुमकियां मुझे राजन जी ने दी है।मेरा बर्थ डे गिफ्ट।।।।।" महक की नाटक भरी बातें सुनने के बाद ...
वर्षाली हंसकर कहती हैं--वरशाली :- आपके सारे प्रश्नों का उत्तर है पर पहले आप घर के भीतर तो आईये।एकांश ...
यह कहानी पूरी तरह काल्पनिक है, लेकिन इसमें डर, थ्रिलर और भयानक रहस्य का हर पन्ना जीवित है।कालीपुर गाँव ...
इंदौर शहर अपनी साफ़-सुथरी सड़कों, स्वादिष्ट पोहे-जलेबी और अपनत्व से भरे मोहल्लों के लिए जाना जाता है। ऐसा ही ...
[ किरण और साहिल बाहर सिमरन को आवाज लगाते हुए ढूंढ रहे थे, तभी उन्हे एक पुराना गोडाउन जैसा ...
देहरी पर बैठी शामस्थान: सोमेश बाबू का पुराना पुश्तैनी घर। एक बड़ा सा कमरा जिसकी छत ऊँची है और ...
: : प्रकरण : 15 हसमुख ज़ब चाहे तब मेरे ससुराल में जा सकता था. लेकिन मैं ...
काशी : एक अद्भुत अह्सासलेखक : विजय शर्मा एरीशब्द संख्या : लगभग १५००सूरज अभी पूरी तरह उगा भी नहीं ...
धूप का हल्का पीला रंग खेतों की मेड़ों पर फैल रहा था। कहीं दूर एक बच्ची मिट्टी से सनी ...
एपिसोड 54 — “जिन छायाओं में मेरा नाम लिखा था”(सीरीज़: मेरे इश्क़ में शामिल रुमानियत है)--- 1. आधी रात ...
जयकिशनलेखक राज फुलवरेप्रस्तावनाएक शांत और सुंदर गाँव था—निरभ्रपुर। गाँव छोटा था, लेकिन यहाँ के लोगों के दिल बहुत बड़े ...
महाभारत की कहानी - भाग-१६२ अष्टादश दिन के युद्ध में शल्य, उलूक और शकुनि वध प्रस्तावना कृष्णद्वैपायन वेदव्यास ...
सर्जा राजा – भाग 2(नया घर, नया परिवार, पहली आरती और पहला भरोसा)लेखक राज फुलवरेअध्याय 6 – हिम्मतराव के ...
दूसरा चेहरालेखक: विजय शर्मा एरीशहर की चकाचौंध भरी शामें हमेशा धोखा देती हैं। नेहरू प्लेस की ऊँची-ऊँची इमारतों के ...
अध्याय 11, XI1 उन पुरूषों ने मुझे पकड़ लिया, और चौथे स्वर्ग पर ले गए, और मुझे सब क्रमिक ...
अशोक कहता है ----->" ये पैरो मे चोट और कल तुम कहां गयी थी , दामाद जी से पूछा ...
विरोधापभाष कम होता प्रतीत नहीं हो रहा था, बल्कि बढ़ता ही जा रहा था। बाहर का विरोधाभाष होता तो ...
[23]“शैल जी, मृतदेह के विषय में कुछ ज्ञात हुआ क्या?”“क्या ज्ञात करना चाहती हो?”“यही कि वह व्यक्ति कौन थी? ...
“पहली छुट्टी… और परिवार का नया सपना” के बाद की सुबह कुछ अलग थी।हवा हल्की थी, सूरज नरम…और घर ...
Part .1गाँव की सुबह हमेशा की तरह शांत थी। हल्की धूप खेतों पर फैल रही थी, हवा में मिट्टी ...
दिव्या की ट्रेन नई पोस्टिंग की ओर बढ़ रही थी। अगला जिला—एक छोटा-सा पहाड़ी इलाका, जहां सड़कें संकरी थीं ...
जंगल अब पहले जैसा नहीं रहा था। जहाँ कभी राख और सन्नाटा था, वहाँ फिर से हरियाली लौट आई ...