अर्जुन ने घर के हर कोने में अपनी बेटी की तलाश शुरू की। कमरे-कमरे, गलियाँ, पिछवाड़ा—सब जगह उसने अनाया ...
काला घोड़ा रहस्य का दरवाज़ा भाग 1अध्याय 1 : दूसरा जन्मठंडी हवा गाँव के बाँस के झुरमुटों को चीरती ...
कमरे में सन्नाटा था. नकाबपोश का चेहरा अंधेरे में छिपा हुआ था, लेकिन उसकी मौजूदगी हवा में एक अजीब- ...
शहर की रौशनी से भरी शाम थी। हर तरफ सजावट, घर के बाहर झालरें, ढोल की थाप और रिश्तेदारों ...
रात गहरी हो चुकी थी. बंगले के तहखाने में जल रही मद्धम पीली रोशनी रहस्यमयी माहौल बना रही थी. ...
सीमा ने अपने हाथ में ग्लव्स पहनते हुए धीरे-धीरे हथियार उठाया। उसकी आँखों में ठंडी ठंडी नज़र थी, लेकिन ...
सुनहरी रोशनी पिंजरे में हल्की- हल्की हिल रही थी. चारों खडे थे, पर हर किसी की साँसें भारी हो ...
एपिसोड 1 — “कैलाश से कलियुग तक---कैलाश पर्वत पर हल्की धूप तिरछी पड़ रही थी। चारों तरफ़ बर्फ़ जैसे ...
अंधेरे की चुनौतीआसमान में गरजती बिजली और धरती का काँपना, दोनों मिलकर जैसे पूरे गाँव को दहला रहे थे.कबीर ...
सीमा, अर्जुन और आयरा अगले ही दिन गुप्त ठिकाने की ओर रवाना हुए। रात का अंधेरा उनके साथ था, ...
5000 साल पुराना श्रापअमन एक पुराने किताबों का शौकीन था। उसकी दुनिया लाइब्रेरी की धूल भरी अलमारियों और सदियों ...
झील का पानी फिर से शांत हो चुका था, लेकिन जेरेफ और आर्यन के दिलों में तूफान उठ रहा ...
गाँव में हर तरफ जश्न का माहौल था.लोग ढोल- नगाडे बजा रहे थे, और औरतें रंग- बिरंगे कपडों में ...
सीमा के अतीत की परतें खुलती जा रही थीं। उसका सफर साधारण से असाधारण और फिर खौफनाक बन चुका ...
अंधेरी रात, बरसते बादल और सूनी सडक. कोने में बैठा एक फटेहाल बूढा आदमी, मैली दाढी, गंदे कपडे, हाथ ...
गाँव की रात.आसमान में चाँद की हल्की रोशनी और हवाओं में ठंडक. तालाब के किनारे से लेकर पहाडी तक ...
शहर में दिन का उजाला था, लेकिन अजीब-सी खामोशी फैली हुई थी। अचानक, एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन और हाइवे के ...
धुंध और भारी खामोशी कमरे में और घनी होती चली गई. आईने पर चमकते अक्षर और तेज हो गए—क्या ...
पच्चीस साल बाद जब कबीर अपने राजसी महल से निकलकर अपने गाँव लौटा, तो हवाओं में एक अलग ही ...
शहर में दिन का उजाला था, लेकिन अजीब-सी खामोशी फैली हुई थी। अचानक, एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन और हाइवे के ...
सीन एक: हवेली का तहखानाकाली अंधेरी सुरंग में कबीर अकेला खडा था. हाथ में टॉर्च और दस्तावेज. टॉर्च की ...
एक. गरीबी का अंधेराकबीर का बचपन शहर की सबसे तंग गलियों में बीता. उसकी माँ बीमार थीं और पिता ...
(मेरे पिता के जमाने की यादें)एपिसोड 1 : "शुरुआत एक सीधे इंसान से"गांव की कच्ची गलियों में आज भी ...
हवेली की रात जैसे किसी अनजाने उत्सव से निकलकर गहरी खामोशी में बदल चुकी थी. सितारे आसमान पर टिमटिमा ...
अध्याय ११: अंतिम गोतायांगून की सुबह कुछ अलग थी। आसमान में बादल थे, लेकिन हवा में एक अजीब सी ...
अनोखी यात्रा**लेखक: विजय शर्मा एरी**---सुबह की पहली किरण जब गौरव की खिड़की से होकर उसके कमरे में दाखिल हुई, ...
नोटबुक के पन्नों में कई कच्चे नक्शे बने हुए थे—किसी पुराने शाही योजनाकार ने जैसे हवेली के अंदर की ...
अध्याय ८: घंटी की पूजाबावर्ची की चेतावनी के बाद, माया आरव को एक दूरस्थ गाँव में ले जाती है— ...
दृश्य – हवेली का तहखाना, जहाँ अभी- अभी सुनीता आंटी का वीडियो खत्म हुआ है. माहौल में अजीब सी ...
अध्याय ५: श्रापित स्वररात गहराती जा रही थी। यांगून नदी की सतह शांत थी, लेकिन आरव के भीतर एक ...