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शशशशश...... धुंध में कोई राज है?? - भाग 4

by Mini

लोनावला कपूर रिर्सोट में..अनुप्रिया आज इवनिंग गाउन में बेहद खूबसूरत लग रही थी राजवीर ने स्पेशल अनु के लिए ...

पागल - भाग 26

by कामिनी ‘त्रिवेदी’ झा

भाग–२६ अपने आंसू पोंछकर मैने अपने फोन में एक नंबर डायल किया। "हेलो" "हेलो कीर्ति कैसी हो तुम?" "मिहिर ...

अमावस्या में खिला चाँद - 3

by Lajpat Rai Garg

- 3 - रात को अपने रूटीन के अनुसार जब मानसी कमरे पर पहुँची तो शीतल ...

आभासी रिश्तों की उपलब्धि

by Sudhir Srivastava
  • 159

२४ अप्रैल २४ की सुबह लगभग साढ़े दस बजे सात समंदर पार खाड़ी देश से आभासी दुनिया की मुँहबोली ...

द मिस्ड कॉल - 6

by vinayak sharma
  • 186

बेग़म कोयल आबिदा “यार अमोल देख अभी तो मेरी बात आदित्य से हुई, वो बोल रहा है कि उसने ...

प्यार हुआ चुपके से - भाग 7

by Kavita Verma
  • 282

अगली सुबह शक्ति ने अपनी गाड़ी एक बड़ी सी बिल्डिंग के बाहर रोकी और अपने चेहरे पर तीखी सी ...

साथिया - 77

by Dr. Shelja
  • 332

अक्षत और नील के घर शादी की तैयारियां शुरू हो गई थी।अगले दिन ही अक्षत सौरभ से मिलने उसके ...

फागुन के मौसम - भाग 1

by Shikha Srivastava
  • 291

'होली आयी रे कन्हाई, रंग बरसे बजा दे ज़रा बाँसुरी...' सुबह के दस बज रहे थे जब 'वैदेही गेम्स ...

लागा चुनरी में दाग़--भाग(९)

by Saroj Verma
  • 333

अब प्रत्यन्चा और शौकत को भागते हुए सुबह हो चुकी थी,वे दोनों एक सड़क से पैदल गुजर ही रहे ...

श्री यशोधरजी

by Renuka Dubey
  • 246

श्रीदिवदासजी के वंश में उत्पन्न श्रीयशोधरजी के घर में अनपायनी भक्ति प्रकट हुई। आपके स्त्री-पुत्र आदि सभी लोग आपके ...

तेरे लिए सनम - 1

by Komal Patel
  • 594

हेलो मेरे प्यारे दोस्तों तो कैसे हो आप सब आई होप आप सब काफी मजे में होंगे और बड़ी ...

प्रेम गली अति साँकरी - 138

by Pranava Bharti
  • 177

138==== ================ “ओहो ! अमी आ गया तुम ? कैसी हो ? तुमको मिलने को आया, अम्मा-पापा सब बढ़िया ...

द वेन्ट्रोलोकिस्ट बनाम गूँगी गुड़िया

by Sanjay Nayak Shilp
  • 201

वेन्ट्रोलोकिस्ट बनाम गूंगी गुड़ियावो एक वेन्ट्रोलोकिस्ट था, वेन्ट्रोलोकिस्ट उसे कहते हैं जो हाथ में एक गुड्डा जैसा पात्र लेकर ...

द्रोहकाल जाग उठा शैतान - 36

by Madhukar Zomate
  • 351

एपिसोड ३६ झिंग्या कलजल नदी के काले पानी में खड़ी होकर नाव को पकड़कर किनारे के पास ला रही ...

यादों की अशर्फियाँ - पूर्वभूमिका

by Urvi Vaghela
  • 462

समर्पण में अकसर सोचती थी की अगर हम कोई अच्छा काम करे तो हमारे माता पिता एवम् परिवार वालो ...

आए बैठे खाए पिए और खिसके

by Shakuntala Sinha
  • 249

आए बैठे खाए पिए और खिसके संजय का फ्री पीरियड था , वह टीचर रूम में अपने सहकर्मियों के ...

दिल का रिश्ता

by दिनेश कुमार
  • 231

1.उनकी मेहरबानी बेमिसाल थीजाते जाते हजारों गम दे गये हम कितने खुदगर्ज निकले मोहब्बत के सिवा उनको कुछ और ...

भयानक यात्रा - 19 - सतीश कहां गया ?

by नंदी
  • 516

हमने पिछले भाग में देख की... जगपति सबको बताता है की गांव की इमारत हो या हवा उस सब ...

अंगद - एक योद्धा। - 7

by Utpal Tomar
  • 348

अंगद ने मनपाल को रोकना नहीं चाहा, शायद वह जानता था कि उनके मस्तिष्क में उस समय क्या द्वंद ...

मानव भेड़ियाँ और रोहिणी - 5

by Sonali Rawat
  • 342

रोहिणी आंखें बंद करके सो गई।कुछ देर बाद माँ रोहिणी को जगाने आई, उठ जा बेटा देख तेरा कोई ...

अधूरी कहानी - 2

by Chandan Kumar Rajput
  • 480

बात नहीं करता सबसे दूर चार साल बीते जेन के बाद चंदू एक लड़की को जानता था उसका नाम ...

ताश का आशियाना - भाग 41

by R.J. Artan
  • 279

यह बोलना गलत नहीं होंगा की ऐसा एक दिन नहीं गया होंगा जहा सिद्धार्थ को याद ना किया हो|आदत ...

भुतिया एक्स्प्रेस अनलिमिटेड कहाणीया - 24

by Madhukar Zomate
  • 324

Ep २४ शैतानी बगीचा ७ मैं आपकी मदद क्यों कर रहा हूँ? सुनना! अंकल मैं इंसान नहीं बल्कि एक ...

मेरे हमदम मेरे दोस्त - भाग 3

by Kripa Dhaani
  • 474

दो साल गुजर गये। नीरा कॉलेज में आ गई। उस दिन कॉलेज के मेन गेट से बाहर निकलती नीरा ...

प्यार का अनोखा रिश्ता - भाग ३१

by RACHNA ROY
  • 417

हां भाई जाने दो अभी।आभा ने हंसते हुए कहा अभी तो सुनील को दुल्हा बने देख लेते है।मिनल ने ...

कंचन मृग - 20. यह युद्ध नहीं युद्धों की श्रृंखला थी

by Jitesh Pandey
  • 252

20. यह युद्ध नहीं युद्धों की श्रृंखला थी- चाहमान नरेश का अंतरंग सभा कक्ष, जिसमें मन्त्रिगण एवं मुख्य सामन्त ...

जिन्दगी एक पहेली

by दिनेश कुमार
  • 447

1.पूछा जो हमसे कि क्या हुआहमने कहा….“कुछ नहीं”इस ‘कुछ नहीं’ में कितना कुछ होता है नामगर उस होने को ...

सोने के कंगन - भाग - २

by Ratna Pandey
  • 546

कुशल बड़े ही भारी मन से अपनी माँ के सोने के कंगन लेकर साहूकार के पास पहुँचा। साहूकार को ...

शशशशश...... धुंध में कोई राज है?? - भाग 3

by Mini
  • 570

नोट - आज एक नए पात्र इस कहानी पर आएगा जिसका नाम धोखे से विक्रम हो गया है वो ...

प्यार हुआ चुपके से - भाग 6

by Kavita Verma
  • 666

रति की आंख से उसके मंगलसूत्र पर जैसे ही आंसू की एक बूंद टपकी। वो चौक कर अपने अतीत ...