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नाम मे क्या रखा है

by Simran pareenja Simran pareenja
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मैं, सविता वर्मा, अब तक अपनी जिंदगी के साठ सावन देख चुकी थी। इस दौरान जिंदगी में जहां कई ...

एक पागल प्रेमी की कहानी

by Simran pareenja Simran pareenja
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चलो आज एक पाग़ल की कहानी सुनाती हूं....एक लड़का था जो इक लड़की से बेइंतहा मोहब्बत करता था, उसने ...

कच्चा इश्क..

by Simran pareenja Simran pareenja
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अनसुलझे रिश्ते इश्क एक ना समझ सफर पर बेटियों को समर्पितट्रेन के ए.सी. कम्पार्टमेंट में मेरे सामने की सीट ...

ग़म से ख़ुशी की ओर

by Simran pareenja Simran pareenja
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जुदाई का ग़म उन्हें ही होता है, जिनको किसी के जाने का ग़म होता है| कहने का भाव जुदाई ...

રુદ્રદત્ત - 2

by Simran pareenja Simran pareenja
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ઘન ગાજે કેસરી દે ફાળ;ન ઊછળે તો તે શિયાળ.મૌવર બોલે મણિધર ડોલે;ન ડોલે તો સર્પને તોલે.ઘરમાં તપાસ કરી આવેલા ...

રુદ્રદત્ત - 1

by Simran pareenja Simran pareenja
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આછી આછી નીંદ મહીં નયન જ્યોત ન્હાઈ છે;જગતથી જંપીને ઘડી જિંદગી જંપાઈ છે;મેહુલિયાની પાંખ થી ત્યાં સ્વપ્નલીલા છાઈ છે;દેવોની ...