Shubham Singh की किताबें व् कहानियां मुफ्त पढ़ें

अपना सा एक अजनबी - ३

by Shubham Singh
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मैसेज तो मैंने सेंड कर दिया पर उसके बाद मेरी धड़कने तेज हो गई। इस बात की तो ख़ुशी ...

अपना सा एक अजनबी - २

by Shubham Singh
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मैंने कई बार उस मैसेज को पढ़ा। मुझे समझ नहीं आया क्या करू कुछ रिप्लाई करू या ना ...

My One Sided Love - 4

by Shubham Singh
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(तभी ट्रेन एक स्टेशन पर रूकती है और एक छोटा सा लड़का आ कर उनकी सीट के पास खड़ा ...

अपना सा एक अजनबी

by Shubham Singh
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मैं यानि पवन पेसे से एक अकाउंटेंट, ऑफिस से निकल कर मैं पास के ही बस स्टॉप पे बस ...

My One Sided Love - 3

by Shubham Singh
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कृष - ओके पापा.माँ मै चलता हूँ। (कृष माँ के पैर छूता है और बहन को गले लगा कर ...

My One Sided Love - 2

by Shubham Singh
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किचन से माँ की आवाज आती है” कृष उठ जा ,तेरे पापा ऑटो लेने गए हैं, कहीं तेरी ट्रैन ...

My One Sided Love - 1

by Shubham Singh
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यह कोई कहानी नहीं है ,यह एक कोशिश है उस प्यार को वापस लाने की जो आज हमारे इस ...