Sonali Rawat की किताबें व् कहानियां मुफ्त पढ़ें

मानव भेड़ियाँ और रोहिणी - 3

by Sonali Rawat
  • 339

उसने कहानी सुनानी शुरू की-----मेरी यह कहानी हैं एक भेड़िया की जो अपने अस्तित्व के लिए लड़ रहा हैं। ...

मानव भेड़ियाँ और रोहिणी - 2

by Sonali Rawat
  • 597

हम नहीं जानते थे कि वह क्या था? इस समय तक विकास काफी ज्यादा डर चुका था और साथ ...

प्रेम की चाय

by Sonali Rawat
  • 687

डाइनिंग रुम साफ करते करते श्रीमती जी ने एक बार और आवाज लगाई। “चाय मिलेगी?” “बस आया रेणु!” “क्या ...

मानव भेड़ियाँ और रोहिणी - 1

by Sonali Rawat
  • 1.4k

अब मुझे ठीक से तो याद नहीं कि बात कितनी पुरानी हैं, पर जो कुछ हुआ वो एक एक ...

सुनसान रात - 8

by Sonali Rawat
  • 1.1k

हरीश बोलता ही जा रहा था- कितनी मुश्किलों से तुम्हें ढूंढा है तुम्हारा किसी का फोन भी नहीं लग ...

सुनसान रात - 7

by Sonali Rawat
  • 1.4k

कहते हैं की वह खण्डहर हो चुका गांव, कब्रिस्तान और चुड़ैल का साया अभी भी बैंगलोर मैसूर हाईवे पर ...

सुनसान रात - 6

by Sonali Rawat
  • 1.3k

वो थोड़ा और आगे बढ़ी, धीरे धीरे अपने डर को खुद में समेटते हुए, उसने कांपते होंठों से आवाज़ ...

सुनसान रात - 5

by Sonali Rawat
  • 1.2k

हरीश बोला – एक साथ इतने प्रश्न, सबका जवाब देता हूं।जब भी खाना खत्म होता तो उसके परिवार का ...

सुनसान रात - 4

by Sonali Rawat
  • 1.4k

ये पुरुषों को सुंदर महिला बनकर लुभाती हैं और उनका खून चूसकर अपनी उम्र को बढ़ाती हैंइतने में गुल्लू ...

सुनसान रात - 3

by Sonali Rawat
  • 1.2k

ऐसे ही चलते चलते हम काफी दूर आ चुके थे, लगभग 4, 5 किलोमीटर धक्का लगाने के बाद हम ...