Dev Srivastava Divyam की किताबें व् कहानियां मुफ्त पढ़ें

पिता : मेरे सच्चे दोस्त

by Dev Srivastava
  • 249

आज की रात मैं,फिर से बहुत रोया हूं ।उस दिन को याद कर,अंदर से मैं टूटा हूं ।वो तुम्हारा ...

बियोंड वर्ड्स : अ लव बॉर्न इन साइलेंस - भाग 21

by Dev Srivastava
  • 369

शाम का समय, सिद्धांत का घर, शांतनु ने देखा कि माहौल कुछ ज्यादा ही भारी हो रहा है इसलिए ...

बियोंड वर्ड्स : अ लव बॉर्न इन साइलेंस - भाग 20

by Dev Srivastava
  • 456

सुबह का समय, फातिमा हॉस्पिटल, सिद्धांत के सवाल पर मिसेज माथुर ने ना में सिर हिला दिया तो सिद्धांत ...

यू आर माई यूनिवर्स : बियोंड द बाउंड्रीज

by Dev Srivastava
  • 537

शाम का समय, सोनीपत - हरियाणा, आज का मौसम बहुत सुहाना था । हल्की हल्की धूप के साथ कुछ ...

कृष्ण-अर्जुन संवाद

by Dev Srivastava
  • 501

हमारा दृष्टिकोणअर्जुन था बैठा शीश झुका कर,गाण्डीव को फेंक इस कुरुक्षेत्र में ।नहीं लड़ना था उसको अपने,सगे संबंधियों के ...

मेरे सखा, मेरे राम

by Dev Srivastava
  • 543

बैठा था मैं आंखें मूंद,भजन करता अपने राम लला का ।विश्वास न हुआ इन आंखों पर,जब साक्षात चेहरा दिखा ...

बियोंड वर्ड्स : अ लव बॉर्न इन साइलेंस - भाग 19

by Dev Srivastava
  • 456

सुबह का समय, फातिमा हॉस्पिटल, मिस्टर ठाकुर ने सबको बाहर जाने को बोला तो सबने सिद्धांत की ओर देखा ...

प्रेम की परिभाषा : कृष्ण और राधा

by Dev Srivastava
  • 894

*_प्रेम की परिभाषा : कृष्ण और राधा_*पहली बार जब राधा आई,गोकुल अपने पिता के संग ।नजर उनकी पड़ी कान्हा ...

कोहराम

by Dev Srivastava
  • 837

सुबह हुई, सूरज उग आया ।रोते हुए उसने रात को बिताया ।आंखों के सामने उसके,अंधेरा अब था छाया ।क्या ...

बियोंड वर्ड्स : अ लव बॉर्न इन साइलेंस - भाग 18

by Dev Srivastava
  • 708

सुबह का समय, फातिमा हॉस्पिटल, सिद्धांत और लक्ष्मी की नोंक झोंक देख कर यश को हँसी आ गई और ...