न उम्र की सीमा हो .................... ये वक्त जो ठहर हुआ है मुठ्ठी में फँसी रेत सा फिसलता ...
लौट आना तुम ..............,,,, हर बार लौटने के अपने सुख होते हैं और अपने दुख भी , उसने ...