SAMIR GANGULY की किताबें व् कहानियां मुफ्त पढ़ें

ईद का बकरा

by SAMIR GANGULY
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सुबह-सवेरे मुसलमानों के गांव कमलिया से चार नौजवान हिन्दुओं के गांव जोगीपुरा में आ पहुंचे. एक दूसरे से सटे ...

क्या वे होते हैं?

by SAMIR GANGULY
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विशाल वृक्ष की तेरहवीं शाखा से उल्टा लटकने वाले ने अचानक पूछा, ‘‘ क्या आदमी होते हैं?’’तुरंत ही कई ...

वन रक्षक तिकड़ी

by SAMIR GANGULY
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पलाश वन में अगर किसी घोड़े की पीठ पर बंदर और बंदर के सिर पर कौवा बैठा दिख जाए ...

दोस्ती में मिठास

by SAMIR GANGULY
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एक दिन एक बाग में एक फूल पर एक काले चींटे और लाल मधुमक्खी की मुलाकात हुई. दोनों में ...

तीन चिड़िया उड़ी

by SAMIR GANGULY
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शेरसिंह का आदेश सुनकर तीनों पक्षी एकाएक चौंक गए थे.उन्होंने सपने में भी शेरसिंह से ऐसे आदेश की आशा ...

तुम्हारी खातिर

by SAMIR GANGULY
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वे दोनों भाई-बहन थे. भाई बड़ा था. गोरा-चिट्टा रंग, फूले-फूले गाल और उम्र नौ साल. नाम था बबलू. बहन ...

चिन्तामणि की आंखें

by SAMIR GANGULY
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गोल कोटर में धंसी लाल-पीले चकत्तों वाली उसकी आंखें आश्चर्य थी. वे आंखें दस मील, बीस मील, पचास मील ...

हिम्मत नहीं हारूंगा

by SAMIR GANGULY
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‘ छ पा ऽऽक’अंधेरे की भयानकता को लाख गुना बढ़ाता एक शब्द गूंज उठा और साथ ही पिंकू कुंए ...

पिताजी की कहानी

by SAMIR GANGULY
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संध्या हिंदी की किताब में से जोर-जोर से रट रही थी-अलंकार वे शब्द होते हैं जो भाषा की सुंदरता ...

तीन अनचाहे दोस्त

by SAMIR GANGULY
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काफी देर से अन्नू चूहे के पीछे पड़ा हुआ था. उसकी आंखें चूहे की आंखों से मिली तो उसने ...