आंखों में आंसू लेकर अंकिता को याद करते करते राजीव की आंख कब लग गयी उसे पता ही नहीं ...
जतिन से मिले प्यार और साथ ने मैत्री को इतना भावुक कर दिया कि जिन बातो को उसने अपने ...
अपने प्रपोजल के लिये अंकिता से मिले एक्सेप्टेन्स के बाद अंकिता के सामने अपने घुटनों पर बैठे अजीत ने ...
कोई और खाने के बर्तन ना उठा ले ये सोचकर मैत्री ने जल्दी जल्दी खाके अपना खाना खत्म कर ...
"ज़रा सी दिल में दे जगह तू, जरा सा अपना ले बना.. मैं चाहूं तुझको मेरी जां बेपनाह!! फ़िदा ...
जतिन के ऑफिस जाने के बाद अपने कमरे मे बैठे बबिता और विजय बाते कर रहे थे.... बाते करते ...
जब किसी का इंतज़ार बड़ी बेसब्री से किया जाता है ना तब.. अचानक से उसके सामने आ जाने पर ...
मैत्री की बनायी रंगोली देखकर जहां एक तरफ बबिता और विजय बेहद खुश थे ये सोचकर कि मैत्री कितनी ...
अवध ने जब राजीव से कहा कि "मधु ने रात से खाना.. खाना तो दूर पानी भी नहीं पिया ...
शाम को लखनऊ से निकलकर कानपुर पंहुचते पंहुचते रात के करीब आठ बज गये थे, घर के अंदर जाने ...