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खामोश चाहतें

by R. B. Chavda
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तीन साल हो गए हैं, पर दिल आज भी उसी पल में अटका हुआ है जब पहली बार उनसे ...

वो जो अपना सा लगे

by R. B. Chavda
  • 1.4k

रुशाली अपनी खिड़की के पास बैठी थी, बाहर हल्की बारिश हो रही थी, और आसमान पर बादल घुमड़ रहे ...

जिंदगी के पन्ने - 7

by R. B. Chavda
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रागिनी की ज़िंदगी में एक ऐसा समय आया जिसने पूरे परिवार को गहरे दुःख और निराशा में डुबो दिया। ...

जिंदगी के पन्ने - 6

by R. B. Chavda
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रागिनी का जन्म अक्टूबर में हुआ था, और इसी वजह से उसके शुरुआती स्कूल के दिन थोड़े अलग रहे। ...

वो पहला इज़हार

by R. B. Chavda
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साक्षी और आरव की दोस्ती में एक अलग ही गर्माहट थी। वो दोनों बचपन से एक-दूसरे के सबसे करीबी ...

जिंदगी के पन्ने - 5

by R. B. Chavda
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रागिनी अब चार साल की होने वाली थी, और घर में सभी बहुत उत्साहित थे क्योंकि अब वह स्कूल ...

जिंदगी के पन्ने - 4

by R. B. Chavda
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रागिनी के घर में जब उसकी छोटी बहन का जन्म हुआ, तो वह केवल तीन साल की थी। छोटी-सी ...

सपनों से भरा साथ: मयंक और राधिका की नई यात्रा

by R. B. Chavda
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यहाँ मयंक और राधिका की कहानी का दूसरा भाग है, जहाँ उनकी शादी के बाद की ज़िंदगी और चुनौतियाँ ...

जिंदगी के पन्ने - 3

by R. B. Chavda
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रागिनी, जो अब तीन साल की हो गई थी, अपने मासूम चेहरे और चमकती आँखों के साथ सभी का ...

जिंदगी के पन्ने - 2

by R. B. Chavda
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रागिनी के जन्म से ही घर में खुशियों का माहौल था। उसकी हंसी, उसके नन्हे हाथ-पैरों की हलचल, और ...