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जीवन सरिता नोन - ९ (अंतिम भाग)

by बेदराम प्रजापति "मनमस्त"
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सप्तम अध्याय दूर हुआ भ्रम, जाग गई ज्‍यौं, अपने अस्‍त्र संभाले। तोड़ा कुड़ी का दर्रा- पाठा,तब आगे के पथ ...

जीवन सरिता नौन - ८

by बेदराम प्रजापति "मनमस्त"
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चतुर्थ अध्याय सरित तीर पर, बुर्ज बैठकर, जल प्रवाह की क्रीड़ा देखी। उठते थे बुलबुले, घुमड़ती , अन्‍तर मन ...

जीवन सरिता नौन - ७

by बेदराम प्रजापति "मनमस्त"
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स्‍वीकारो इस पाबन जल को, मुझको यहां मिलाओ। खुशी हुआ तब सुनत मैंगरा, आओ भाई आओ।। चीनौरिया मिल, चला ...

जीवन सरिता नौन - ६

by बेदराम प्रजापति "मनमस्त"
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नौं सौ रसियों की रसभीनी, मन अबनी सरसाई। गौरव बांटत दोनों कर, बनवार शहर पर आई।। अवध धाम बनवार ...

जीवन सरिता नौन - ५

by बेदराम प्रजापति "मनमस्त"
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दूसरा अध्याय बांटत द्रव्‍य अपार, चल दई आगे गंगा माई। पर्वत काटत चली, गुप्‍त कहीं प्रकट दिखाई।। पर्वत अन्‍दर ...

जीवन सरिता नौन - ४

by बेदराम प्रजापति "मनमस्त"
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जड़ – जंगम, घबड़ाये भारी, हिल गए पर्वत सारे। त्राहि। त्राहि मच गई धरा पर, जन जीवन हिय हारे।। ...

जीवन सरिता नौन - ३

by बेदराम प्रजापति "मनमस्त"
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प्रथम अध्‍याय पंचमहल और गिर्द स्‍थली, अब कब होगी गुल्‍जार। कई दिनौं से प्रकृति यहां की,करती रही विचवार।। विनपानी ...

जीवन सरिता नौंन - २

by बेदराम प्रजापति "मनमस्त"
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पूर्व से गभुआरे घन ने, करी गर्जना घोर। दिशा रौंदता ही आता था, तम का पकड़े छोर।। ग्राम मृतिका ...

जीवन सरिता नोंन - १

by बेदराम प्रजापति "मनमस्त"
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खण्ड काब्य-जीवन सरिता नौंन (लवणा सरिता) ‘परोपकाराय बहन्ति नद्याः’ अर्पण – परम पूज्‍या – लवणसरिता – (नौंन नदी) ...

देखो भारत की तस्वीर - 10 - अंतिम भाग

by बेदराम प्रजापति "मनमस्त"
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देखो भारत की तस्वीर 10 ...