कौन कहता है अब समाज मे लड़की लड़का बराबर है। आज भी सभी अंतिम फैसले पुरुष के हीं होते ...
मेरे कहने से कुछ बदल जाता तो मैं सब कुछ सबसे पहले कहती की, नारी अब वो नहीं रही ...
बस बस बस बस बस बस करो अब थक गईं हूँ ।मैं तुम से प्यार की उम्मीद रखना, अब ...
ख़ास उनसे मुलाक़ात ना हो रातों में कम -से -कम सो तो अच्छे से पाये गये. क्या करे की ...
आज फिर साल का दूसरा महीना आया है सब के मन में अनेको समन्दर के बराबर उफान है, ...
बात कुछ यू शुरू हुई, कॉलेज के दिन थे बड़े मजे वाले एक साल पूरा हुआ भी नहीं की ...