Dr Fateh Singh Bhati की किताबें व् कहानियां मुफ्त पढ़ें

आबरू

by Dr Fateh Singh Bhati
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आज उसके यहाँ पंचायती बैठी थी | हालाँकि उसके श्वसुर जी अपनी जाति के पाँच पंचों में से एक ...

हाडी राणी

by Dr Fateh Singh Bhati
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हुकम, अब तो पलंग छोड़ो | बाहर पधारो | सासुजी मेरे को कह रहे है तुमने मेरे बेटे को ...

ब्लू व्हेल गेम

by Dr Fateh Singh Bhati
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घर पहुँचते ही चेंज किया और इयर प्लग्स लगा कर जगजीत को सुनने लगा, साथ ही साथ व्हाट्सअप पर ...

अपनों का सुरक्षा घेरा

by Dr Fateh Singh Bhati
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आज पहली बार वह अकेले ट्रेन से जा रही थी | घर में भरे पूरे परिवार में नारी मुक्ति ...

उस रात का सवेरा न हुआ

by Dr Fateh Singh Bhati
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पश्चिम के धोरे (रेत का टीला) को भगवान भास्कर मुकुट बन कर सुशोभित कर रहे थे | थार की ...

उमादे

by Dr Fateh Singh Bhati
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जैसलमेर की राजकुमारी उमादे भटियाणी के अप्रतीम सौन्दर्य और विलक्षण बौद्धिक चातुर्य की प्रसिद्धि वायु में फैली सुगन्ध की ...

दो पेड़

by Dr Fateh Singh Bhati
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पढ़ाई में व्यस्तता के कारण कोई दस वर्ष बाद मामा के साथ ननिहाल जा रहा था | दोपहर में ...

कैरियर

by Dr Fateh Singh Bhati
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वो रात्रि एक बजे घर पहुंची | स्मरण हो आया कि बेटी से बात करनी थी पर अब वहां ...