चंद्रगुप्त मौर्य भारत के महान् सम्राट् थे। इन्होंने मौर्य साम्राज्य की स्थापना की थी। वे लगभग संपूर्ण भारत को ...
सम्राट् मिहिर भोज (अनु. 836 ई.-885 ई.) अथवा भोज प्रथम, गुर्जर-प्रतिहार राजवंश के राजा थे। जिन्होंने भारतीय उपमहाद्वीप के ...
सम्राट् भोज परमार पवार वंश के नवें राजा थे। परमार वंशीय राजाओं ने मालवा की राजधानी धारानगरी से आठवीं ...
सम्राट् हर्षवर्धन (590-647 ई.) ने उत्तरी भारत में 606 ई. से 647 ई. तक राज किया था। वह वर्धन ...
समुद्रगुप्त गुप्त राजवंश के चौथे राजा और चंद्रगुप्त प्रथम के उत्तराधिकारी थे। पाटलिपुत्र उनके साम्राज्य की राजधानी थी। वे ...
कनिष्क कुषाण वंश का तृतीय एवं सर्वाधिक प्रतिभाशाली शासक था, जो विम के बाद सिंहासनारूढ़ हुआ। कनिष्क इस वंश ...
मौर्यों की ही भाँति गुप्त वंश में भी अनेक महान् वीर तथा पराक्रमी सम्राट् हुए, जिन्होंने इस वंश के ...
जब लचित को शत्रु के सम्भावित आक्रमण की खबर मिली तो वह बीमारी की स्थिति में भी युद्ध के ...
जब रामसिंह का लिखा पत्र पेलान फूकन को मिला तो उसी समय उसने वह पत्र लाकर राजा को दिया ...
उधर दिन- सप्ताह-महीने बीत गये परन्तु रामसिंह भरसक कोशिश के बाद भी गुवाहाटी में प्रविष्ट नहीं हो सका। उसने ...