Manshi K की किताबें व् कहानियां मुफ्त पढ़ें

Love Contract - 21

by Manshi K
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एक महीने बाद _____________अरुण मित्तल को छोड़ कर सभी घरवाले बात करते हुए चाय की चुस्की ले रहे होते ...

Love Contract - 20

by Manshi K
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अदिति आश्चर्य से बोली ' क्या हुआ मां ऐसा क्या गलती कर दिया मैंने ? ' कल - पड़सो ...

इश्क तो होना ही था - 9

by Manshi K
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अगस्त्य : मेरे साथ जाने के बाद पता नहीं कौन सा तूफान लायेगी ये लड़की । पर कोई न..... ...

Love Contract - 19

by Manshi K
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अदिति अपने अध खुली आंखों से टटोल रही थी रिवान कमड़े से गया कि नहीं , कुछ देर में ...

Love Contract - 18

by Manshi K
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शाम से अब रात हो चला था अदिति अपने कमड़े में इधर उधर घूमते हुए ' रिवान जी को ...

एहसास ए ख़ास

by Manshi K
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रात की चादर ______________ रात की चादर से लिपट रही हूँ, अंधेरे से खुद को छुपा रही हूँ। खुशियों ...

Love Contract - 17

by Manshi K
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सावरी जी अदिति को साड़ी देने के बाद वापस नीचे आती है , किचेन में जाने के बाद वही ...

इश्क तो होना ही था - 8

by Manshi K
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अगस्त्य देर न करते हुए पूछ लिया " अगर शादी करने के लिए मैं आया होता तो ? " ...

Love Contract - 16

by Manshi K
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अदिति ( रसीली बाई ) दुल्हन के जोड़े में बेड पर बैठ कर कहीं खोई हुई थी । कमड़े ...

इश्क तो होना ही था - 7

by Manshi K
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अगस्त्य जो कुछ घंटे पहले आरोही को अपनी नजरे उठा कर देखने से घबरा रहा था .... आरोही के ...