Lalit Kishor Aka Shitiz की किताबें व् कहानियां मुफ्त पढ़ें

सर्विस पॉर्ट - 2

by ललित किशोर, ऊर्फ क्षितिज
  • 576

. ...

सर्विस पॉर्ट - 1

by ललित किशोर, ऊर्फ क्षितिज
  • 1.8k

(Present day )एक सूने से हॉल में दो कमरे हैं । उनके सामने की तरफ दीवार पर घड़ी लगी ...

युवा किंतु मजबूर - पार्ट 4

by ललित किशोर, ऊर्फ क्षितिज
  • 1.5k

दो महीने बीत चुके थे राकेश अब फिर से बेरोजगार हो चुका था। सब्जी के व्यापार में घाटा लगने ...

दिवाकर : दी फादर - भाग 1

by ललित किशोर, ऊर्फ क्षितिज
  • 2.7k

सुबह सुबह रसोई से पराठों की खुशबू आ रही है और दीवाकर जी मंदिर में गायत्री मंत्र का पाठ ...

युवा किंतु मजबूर - पार्ट 3

by ललित किशोर, ऊर्फ क्षितिज
  • 2.1k

राकेश ठेला सरकाते सरकाते मंदिर के पीछे वाले मैदान में आ गया। अभी सवेरे के साढ़े आठ ही बजे ...

युवा किंतु मजबूर - पार्ट 2

by ललित किशोर, ऊर्फ क्षितिज
  • 2.3k

चुनाव का नतीजा आ चुका था, खाने के पैकेट और मोबाइल बांटने वाली पार्टी जो सत्ता में थी, उसे ...

युवा किंतु मजबूर - पार्ट 1

by ललित किशोर, ऊर्फ क्षितिज
  • 5.8k

{ पार्ट -1} आषाढ़ का महिना था, हल्की ठंडी हवा गुनगुना रही थी और धीमे धीमे भोर की खुशबू ...

स्वयं अनुभूति एक मुख्य विषय - अलार्म

by ललित किशोर, ऊर्फ क्षितिज
  • 3.6k

सुबह सुबह नहा धो कर मैं सेकेंड फ्लोर की बालकनी में आ कर बैठ गया... करीबन छ: सवा छ: ...