अध्याय 3 : बरसात और इकरारउस दिन शाम को आसमान काले बादलों से ढका हुआ था।हल्की-हल्की हवा के साथ ...
1 : पहली मुलाक़ातशहर की भाग-दौड़ से दूर, एक छोटी-सी कॉफ़ी शॉप थी – Moonlight Café। वहाँ शाम को ...
अलौकिक दीपक – भाग 4(आरव की कहानी)गाँव की उस पुरानी हवेली में दीपक अब भी जल रहा था। उसकी ...
बिहार के एक छोटे से गाँव रामपुर की पगडंडियों पर अक्सर शाम को एक औरत धीरे-धीरे टहलती दिखाई देती ...
Part 3 – इज़हार की घड़ीएक दिन कॉलेज के गार्डन में अचानक बारिश शुरू हो गई।सब लोग भागने लगे, ...
काजल ठाकुर को हमेशा से पहाड़ों से एक अलग सा लगाव था। हरियाली से ढके पहाड़, ठंडी हवाएं और ...
गौतम और लक्षिता बचपन से ही एक ही मोहल्ले में पले-बढ़े थे। दोनों एक ही स्कूल गए, एक ही ...
पहला हिस्साआरव और अन्वी की मुलाक़ात किसी किताबों की दुकान पर नहीं, किसी कॉलेज कैंपस में भी नहीं हुई।उनकी ...
सावन का महीना था। दिल्ली की भीड़-भाड़ से निकलकर आरव पहली बार कामां जाने का प्लान बना चुका था। ...
सिया 19 साल की थी। उसके आस-पास के दोस्त हमेशा रिश्तों, पार्टियों और सोशल मीडिया की दुनिया में उलझे ...