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कंचन मृग - 20. यह युद्ध नहीं युद्धों की श्रृंखला थी

by Jitesh Pandey
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20. यह युद्ध नहीं युद्धों की श्रृंखला थी- चाहमान नरेश का अंतरंग सभा कक्ष, जिसमें मन्त्रिगण एवं मुख्य सामन्त ...

कंचन मृग - 19. पारिजात शर्मा कहाँ नहीं गए?

by Jitesh Pandey
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19. पारिजात शर्मा कहाँ नहीं गए? पारिजात शर्मा कहाँ नहीं गए? नदियों के श्मशान घाट पर महीनों बिताने के ...

कंचन मृग - 18. दिल्ली की ओर भी प्रस्थान कर सकता है

by Jitesh Pandey
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18. दिल्ली की ओर भी प्रस्थान कर सकता है- महाराज पृथ्वीराज जिन्हें ‘राय पिथौरा’ के नाम से भी जाना ...

कंचन मृग - 17. ऋण चुकाने का अवसर आ गया

by Jitesh Pandey
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17. ऋण चुकाने का अवसर आ गया कान्य कुब्ज नरेश का विशाल सभा कक्ष। पंडित विद्याधर सहित मन्त्रिगण अपने ...

कंचन मृग - 16. जौरा यमराज को भी कहते हैं

by Jitesh Pandey
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16. जौरा यमराज को भी कहते हैं सायंकाल महाराज जयचन्द ने मंत्रिपरिषद के सदस्यों से विचार-विमर्श प्रारम्भ किया। जयचन्द ...

कंचन मृग - 15. उद्विग्न नहीं, सन्नद्ध होने का समय है

by Jitesh Pandey
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15. उद्विग्न नहीं, सन्नद्ध होने का समय है उदयसिंह का मन अब भी अशान्त था। शिविर के निकट ही ...

कंचन मृग - 13-14. मेरी यात्रा को गोपनीय रखें

by Jitesh Pandey
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13. मेरी यात्रा को गोपनीय रखें-मध्याह्न भोजन के पश्चात महाराज जयचन्द अलिन्द से निकलकर उद्यान का निरीक्षण कर रहे ...

कंचन मृग - 11-12. अब वे अकेले हो गए हैं

by Jitesh Pandey
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11. अब वे अकेले हो गए हैं- प्रातः लोग तैयारी कर ही रहे थे कि शिशिरगढ़ से पुरुषोत्तम कुछ ...

कंचन मृग - 9-10. विश्वास नहीं होता मातुल

by Jitesh Pandey
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9. विश्वास नहीं होता मातुल आल्हा प्रस्थान का निर्देश दे ही रहे थे कि माहिल आते दिखाई पड़ गए। ...

कंचन मृग - 8. हर व्यक्ति चुप है

by Jitesh Pandey
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8. हर व्यक्ति चुप है- चन्द्रा मुँह ढाँप बिस्तर पर पड़ी है। चित्रा पंखा झल रही है। चित्रा चन्द्रा ...