Jagruti Joshi की किताबें व् कहानियां मुफ्त पढ़ें

लावण्या - भाग 23

by Jagruti Joshi
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अर्थ का फिर से कोल आया,,,,,,,, लक्ष _____ आज क्या तुमने ठान ली है कि मुझे परेशान करते ही ...

लावण्या - भाग 22

by Jagruti Joshi
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हमने पिछले पार्ट में देखा कि लक्ष लावण्या दिल्ली से बहुत दूर आ गए थे और दोनों एक रिसोर्ट ...

लावण्या - भाग 21

by Jagruti Joshi
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अगर विक्रांत ना होता तो लावण्या नीचे गीर ही जाती ,,,,, लक्ष को यह अच्छा नहीं लगा जिस तरह ...

लावण्या - भाग 20

by Jagruti Joshi
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लावण्या ने जब मुड़कर देखा वह चंद्रशेखर जी थे,, वो उनके सामने देख कर मुस्कुराई। चंद्रशेखर जी लावण्या के ...

लावण्या - भाग 19

by Jagruti Joshi
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लावी अभी आकर बैठी ही थी कि उसका डोर नॉक हुआ,, वो कुछ रिएक्ट करती हूं उससे पहले ही ...

लावण्या - भाग 18

by Jagruti Joshi
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मैंने कहानी का नाम चेंज किया है ,,,,,जब मैंने कहानी शुरू की तब ही मैंने आप लोगों से सजेशन ...

लावण्या - भाग 17

by Jagruti Joshi
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हमने पिछले पार्ट में देखा कि लक्ष लावण्या को पहचानता नहीं है , उसकी मेमोरी लॉस हो गई है,,,,,,,,!!अब ...

लावण्या - भाग 16

by Jagruti Joshi
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दोनों एक दूसरे के हाथों में हाथ डाल कर बातें कर रहे थे सालों की कमी एक दिन में ...

लावण्या - भाग 15

by Jagruti Joshi
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लावी अब ठीक थी और वो पहेले से बेहतर भी,,,,,, अपने सारा दोस्तो से मिलकर,,, सब वहा बैठेहुए थे ...

लावण्या - भाग 14

by Jagruti Joshi
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लावण्या आज बहुत दिनों के बाद खा रही थी,,,,, और उसे खाता हुए देख लक्ष सुकून से देख रहा ...