Harish Kumar Amit की किताबें व् कहानियां मुफ्त पढ़ें

खौलते पानी का भंवर - 14 - काँच के सपने (अंतिम भाग)

by Harish Kumar 'Amit'
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काँच के सपने बाएं हाथ में उपहार के पैकेट को बड़े ध्यान से पकड़े हुए जब वह घर से ...

खौलते पानी का भंवर - 13 - मौत

by Harish Kumar 'Amit'
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मौत शाम को दफ़्तर से लौटकर घर आया तो ड्राइंगरूम से आ रही आवाज़ों को सुनकर ही समझ गया ...

खौलते पानी का भंवर - 12 - दलदल

by Harish Kumar 'Amit'
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दलदल वार्षिक परीक्षा के लिए चार दिन पहले भरे अपने एग्जामिनेशन फॉर्म को वह अभी-अभी तीसरी बार अच्छी तरह ...

खौलते पानी का भंवर - 11 - औक़ात

by Harish Kumar 'Amit'
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औक़ात बड़ी हीनता-सी महसूस हो रही है उसे. अपना अस्तित्व उसे मखमली चादर पर लगे टाट के पैबंद जैसा ...

खौलते पानी का भंवर - 10 - शराफ़त

by Harish Kumar 'Amit'
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शराफ़त भागकर लोकल बस में चढ़ने के बाद जब उसने कंडक्टर से टिकट ले ही ली है, तो पोजीशन ...

खौलते पानी का भंवर - 9 - रोशनी का अंधेरा

by Harish Kumar 'Amit'
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रोशनी का अंधेरा ‘‘क्यों बे, अपनी पढ़ाई-लिखाई का भी कुछ ख़याल है या सारा दिन इन किस्से-कहानियों में ही ...

खौलते पानी का भंवर - 8 - चक्रव्यूह

by Harish Kumar 'Amit'
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चक्रव्यूह आख़िर उसने तय कर लिया है कि अपने लिए अलग कमरे काम इन्तज़ाम वह अब कर ही लेगा. ...

खौलते पानी का भंवर - 7 - जोंक

by Harish Kumar 'Amit'
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जोंक दिल को बार-बार तसल्ली दे रहा हूँ, मगर डर फिर भी लग रहा है. प्रदीप बस की लाइन ...

खौलते पानी का भंवर - 6 - पाँच रुपये का दर्द

by Harish Kumar 'Amit'
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पाँच रुपये का दर्द शाम को दफ़्तर से छुट्टी करके तेज़-तेज़ कदमों से चलता हुआ वह केन्द्रीय भण्डार की ...

खौलते पानी का भंवर - 5 - मसीहा

by Harish Kumar 'Amit'
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मसीहा आखिर मिसेज़ पुरी का मकान छोड़ देने का फैसला उसने कर ही लिया है. इसके साथ ही संतुष्टि ...