सबरीना (32) ‘कभी लौटकर आओगे प्रोफेसर!’ सबरीना, डाॅ. मिर्जाएव, छोटा चारी एयरपोर्ट पर सुशांत को छोड़ने आए थे। जारीना ...
सबरीना (31) कोई ईश्वर मदद नहीं करता! सुशांत को लगा कि शायद यूनिवर्सिटी बिल्डिंग पर लाल रंग के नीचे ...
सबरीना (30) ’सच में, वो अभागी औरत थी।’ ‘ आपको हैरत होगी, प्रोफेसर तारीकबी मास्को के बाद कभी मेरी ...
सबरीना (29) वो खत, जो उन्होंने मेरी मां को लिखे थे।’ सुशांत और सबरीना काफी देर तक ऐसे ही ...
सबरीना (28) दानिकोव की लार टपकाती निगाह दानिकोव बार-बार सबरीना की ओर देख रहा था। सुशांत ने एक बार ...
सबरीना (27) ‘दस दिन यहां रहेंगे, बीस से बलात्कार करेंगे’ सबरीना ने लड़कियों को तीन हिस्सों में बांटा। सबसे ...
सबरीना (26) दानिकोव काफी अदब से मिला जारीना ने डा. मिर्जाएव को गेट की ओर देखने का इशारा किया। ...
सबरीना (25) मेरे साथ हिन्दुस्तान चलो सबरीना! ’प्रोफेसर तारीकबी मुझे ले तो आए, लेकिन एक दिन मैं वहां से ...
सबरीना (24) ‘हर रोज शराब, हर रोज नए देहखोर, नए ठिकाने।‘ प्रोफेसर तारीकबी हमेशा के लिए विदा हो गए ...
सबरीना (23) ‘सुनो सबरीना! कब्रें खोदने का फितूर ना पालो‘ रात गहरा गई थी। हर रोज से ज्यादा काली ...