" जय जोहार जय आदिवासी " टंट्या भील (टंट्या या टंट्या मामा) (26 जनवरी 1842 – 4 दिसंबर 1889) ...
आज 21 वी शताब्दी चल रही है , और शताब्दी के साथ साथ लोग भी बदल गए हैं । ...
आधुनिक समय में लोग आदिवासी जीवनशैली के बारे भूलते जा रहे हैं। आज लोग जितना आगे जा रहे हैं ...
कभी कभी इंसान हार जाता या वे टूट जाता हैं।लोगो को क्या पता होता है की वे इंसान सबके ...
लोग आदिवासी समाज के बारे में जानते हैं पर आदिवासी समाज के सिवा अन्य समाज या फिर अन्य लोग ...
એક ગામ હતું . ત્યાં ઍક કુટુંબ રેહતું હતું . એ કુટુંબ માં બે ભાઈ હતા બંને ભાઈ નાના ...