दिनेश कुमार कीर की किताबें व् कहानियां मुफ्त पढ़ें

प्यार के परिंदे

by दिनेश कुमार
  • 216

1दिल्लगी में हो, ना जाना इतने मशगूल की सही गलत का फर्क भी जाओ भूल दिल लगाना किसी ऐसे ...

दिल का रिश्ता

by दिनेश कुमार
  • 264

1.उनकी मेहरबानी बेमिसाल थीजाते जाते हजारों गम दे गये हम कितने खुदगर्ज निकले मोहब्बत के सिवा उनको कुछ और ...

जिन्दगी एक पहेली

by दिनेश कुमार
  • 513

1.पूछा जो हमसे कि क्या हुआहमने कहा….“कुछ नहीं”इस ‘कुछ नहीं’ में कितना कुछ होता है नामगर उस होने को ...

एक गाँव की कहानी

by दिनेश कुमार
  • 714

एक गाँव की कहानी "अहा! इतने लम्बे - चौड़े खेत। धन्य हो! हमारे पितरों ने कैसे कब इनका निर्माण ...

रिश्ता ये तेरा मेरा

by दिनेश कुमार
  • 363

1. मददगारएक गांँव था। उस गांँव का नाम रामपुरा था। रामपुरा गांँव के पास से बहुत घना वन था। ...

तुम बिन जिया न जाए

by दिनेश कुमार
  • 393

1.मरीज हो अगर दिल के तो कर लो इश्क..क्योंकि धड़कना दिलों को सिखा देता है इश्क...!!2.मुनाफा का तो पता ...

मालिक

by दिनेश कुमार
  • 525

मालिक*रोज की तरह कुछ दिन पहले मैं गौशाला में सेवा कर रहा था। मेरे हाथ में चारे का कट्टा ...

गाँव की बात निराली

by दिनेश कुमार
  • 552

गाँव की बात निरालीगाँव में सुबह - सुबह चार - पांच बजे ही चिडियों की चहचाहट, गाय - भैंसों ...

मेरी कलम ही मेरी पहचान है

by दिनेश कुमार
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1.मेरी बेचैनी का आलम मेरी बेचैनी से पूछो..मेरे चहरे से पूछोगे कहेगा ठीक है सब कुछ..!!2.सफलता का मुख्य आधार..सकारात्मक ...

कविता

by दिनेश कुमार
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*(एक खूबसूरत कविता सभी शिक्षकों के लिये!!)*मेरे लिए भी*मत पूछिए कि शिक्षक कौन है?**आपके प्रश्न का सटीक उत्तर* *आपका ...