PARESH MAKWANA की किताबें व् कहानियां मुफ्त पढ़ें

એક મઝાક - 3

by Paresh Makwana
  • 3k

''આરવ, યાદ રાખજે.. તારી આજ મજાક કરવાની આદતમાં એક દિવસ તું મને ખોઈ બેસીશ.. કંટાળી ને ચાલી જઈશ હું ...

એક મઝાક - 2

by Paresh Makwana
  • (4.6/5)
  • 3.2k

આજ હતી પહેલી એપ્રિલ સવારના સાડા સાત વાગ્યા હતા. હું હજુ મારા બેડરૂમમાં બેડ પર આડો પડ્યો હતો. આમ ...

इश्क़ जुनून - 12 - अंतिम भाग

by Paresh Makwana
  • (4.3/5)
  • 9.9k

साथ ही हवावो ने अपना रुख बदला ओर उन हवावो में सरो के गाने की वो दर्दभरी आवाज लहराई.. ...

इश्क़ जुनून - 11

by Paresh Makwana
  • (4.8/5)
  • 8.7k

इधर पूरी संजीवनी हॉस्पिटल को कुछ गुंडो ने घेर के रखा था। हॉस्पिटल केे सेकेंड फ्लोर पर सात नंबर ...

इश्क़ जुनून - 10

by Paresh Makwana
  • (4.7/5)
  • 8.1k

वीरा को बुलाने के लिए वो आधी रात को वो अपनी सुरीली आवाज में वही दर्दभरा गाना वो गाकर ...

इश्क़ जुनून - 9

by Paresh Makwana
  • (4.6/5)
  • 12k

दो साल बीते, ओर इन दो सालों में वीरा और सरस्वती एकदूसरे के काफी करीब आ गए। ...

इश्क़ जुनून - 8

by Paresh Makwana
  • (4/5)
  • 11.4k

वो ओर कोई नही कावेरी के क्लास का लड़का वीरा था। ...

इश्क़ जुनून - 7

by Paresh Makwana
  • (4.4/5)
  • 9.8k

''सुनो ये मरना नही चाहिए अगर ये मर गया तो में तुम सबको मार दूंगी'' ...

इश्क़ जुनून - 6

by Paresh Makwana
  • (4.3/5)
  • 10.7k

''अरे बेटी घबरा क्यु रही हो में तुम्हे ये बताने आया हु की पिछली बार स्कूल में जो गाने ...

इश्क़ जुनून - 5

by Paresh Makwana
  • (4.8/5)
  • 14.3k

शामको में ओर माया इस्कॉन मोल के कॉफे एरिया में एक टेबल पर आमने सामने बैठे थे। ...