मुंबई की शाम हमेशा किसी फिल्म के सेट जैसी लगती थी. ऊँची बिल्डिंग्स की चमकती खिडकियाँ, गाडियों का लगातार ...
“तुम जैसे लोग दूसरों की ज़िंदगी से खेलते हो, और सोचते हो सबकुछ ख़रीद सकते हो… लेकिन याद रखना, ...
अंधेरी रात, बरसते बादल और सूनी सडक. कोने में बैठा एक फटेहाल बूढा आदमी, मैली दाढी, गंदे कपडे, हाथ ...
ब्लैक कार अपनी पूरी तेज रफ्तार में, खाली और काली सडक पर दौड रही थी. इंजन की गडगडाहट और ...
रीना की दुनियासूरज की पहली हल्की किरणें जब हवेली के ऊँचे गेट की कोर पर पडती थीं, तो पूरा ...
मुंबई की शाम हमेशा किसी फिल्म के सेट जैसी लगती थी। ऊँची बिल्डिंग्स की चमकती खिड़कियाँ, गाड़ियों का लगातार ...