VIRENDER  VEER  MEHTA

VIRENDER VEER MEHTA मातृभारती सत्यापित

@veermehta

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VIKAS MARG, LAXMI NAGAR

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आपके बारे में

समाज में दिखाई देने वाली विसंगतियों पर मन में उपजे भावो को शब्दों के रूप में ढालने का शौक कब लेखन में बदल गया, पता ही नही लगा ...... वर्तमान में फेस बुक के विभिन्न समूहो, विशेषकर नया लेखन नए दस्तखत लघुकथा - गागर में सागर और वेब साइट्स ओपन बुक्स ऑन लाइन पत्रिका रचनकार हस्ताक्षर प्रितिलिपि आदि पर लेखन। वेब पत्रिका जय विजय प्रयास सेतु अनुक्रमणिका और अनहद कृति में समय समय पर रचनायें शामिल। कई हिंदी संकलनों का हिस्सा बनने के अतिरिक्त साहित्यिक पत्रिकाओं में प्रकाशन...........

VIRENDER VEER MEHTA मातृभारती सत्यापित कोट्स पर पोस्ट किया गया हिंदी धार्मिक
2 महीना पहले

‼️ अष्ट सिद्धि जिनकी पहचान,‼️
‼️ वो हैं संकट मोचन हनुमान। ‼️

#हनुमान_विजयोत्सव ...
भगवान शिव के 11 वें अवतार और मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम के सर्वप्रिय भक्त हनुमान जी का जन्मोत्सव आज (चैत्र मास की पूर्णिमा) मनाया जा रहा है, लेकिन हम में से अधिकांश लोग नहीं जानते कि बाल्मीकि रामायण के अनुसार हनुमान जी का जन्म कार्तिक महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को स्वाति नक्षत्र में हुआ था। और उसके अनुसार उनका जन्मोत्सव तभी मनाया जाता है। अर्थात इस प्रकार हनुमान जी एकमात्र देव हैं जिनका जन्मोत्वस दो बार मनाया जाता है।
दरअसल आज मनाए जाने वाले जन्मोत्सव को विजयोत्सव का रूप माना जाता है, जिसके मूल में उनसे जुड़ी कथा का विशेष महत्व माना जाता है जो इस प्रकार है, और शायद लगभग हम सभी उसे जानते भी हैं।

इस कथा के अनुसार एक बार बाल्यावस्था में भूख लगने पर अपनी अतीव शक्तियों के दम पर 'सूर्य' को उन्होंने फल समझकर खा लिया था। यह वही समय था जब राहु भी सूर्य को अपना ग्रास बनाने आया था लेकिन जब उन्होंने हनुमान जी को सूर्य निगलते हुए देखा तो राहु ने देवराज इंद्र से जाकर यह बात बता दी। और इस बात से इंद्रदेव ने क्रोधित होकर हनुमान जी को दंड देने के लिए उन पर वज्र का प्रहार किया। यह वज्र हनुमानजी की ठोड़ी में लगा जिससे वे बेहोश हो गए। पवन देव ने जब अपने बेटे को इस तरह से संकट में देखा तो उन्होंने क्रोधस्वरूप पूरे ब्रह्मांड में प्राणवायु को रोक दिया। इस आपात स्थिति में स्वयं ब्रह्माजी पवन देव के पास गए और बाल हनुमान को जीवनदान दिया। और मान्यता है कि वह दिन चैत्र मास की पूर्णिमा का ही दिन था। अब क्योंकि इस दिन बजरंगबली को नया जीवन मिला था, ऐसे में यह दिन उनके जन्मोत्सव (विजयोत्सव) के रूप में मनाया जाने लगा।

༺꧁ ◆ ॐ हं हनुमते नमः ◆ ꧂༻

हनुमान जन्मोत्सव की हार्दिक बधाई के साथ। __/\__
.... वीर।

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रंगों की बौछार नहीं, बस साथ काफी अपनों का।
जब अपनों का साथ है, चेहरा ख़ुद ही गुलाल है।।
🎈🎈❤️🎈🎈

🎈💛 💚💙🎈 💜🎈🧡💛 💚🎈

हो रंग-बिरंगी जिंदगी, जैसे 'गुलाल -अबीर''।
तन-मन पूरा शीतल कर दे, रंगों की तासीर।।

🎈💛 💚💙🎈 💜🎈 🧡💛💚🎈

ईश्वर से यही प्रार्थना है, यह रंगों का त्यौहार आपके जीवन में सुख, समृद्धि और अपार खुशियों के रंग भरे।

🌾🎈🍃 H∆PP¥ H0L! 🍃🎈🌾

.... वीर !

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VIRENDER VEER MEHTA मातृभारती सत्यापित कोट्स पर पोस्ट किया गया हिंदी धार्मिक
4 महीना पहले

शिव नाम ही शाश्वत, बाकी मिथ्या सर्व संसार।
शिव ही पूर्ण ब्रह्मांड है, शिव ही अनंत अपार।।

हाथों में त्रिशूल सजे, शीश विराजे "गंगा-धार"।
आदि देव हैं महादेव, करते जन-जन का उद्धार।

. . . ✍️ वीर!

सर्वोपरि है प्रिय शिव शंकर, सर्वोत्तम प्रिया पार्वती।
सर्वश्रेष्ठ पति प्रभु महादेव, हैं सदा सुहागन पार्वती।।


🌱।। महाशिवरात्रि की शुभकामनाएं ।।🌱

🍀 ओम नमो: शिवाय 🍀

🌼🌿🌼🌿🌼🌿🌼🌿🌼🌿🌼🌿

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VIRENDER VEER MEHTA मातृभारती सत्यापित कोट्स पर पोस्ट किया गया हिंदी धार्मिक
5 महीना पहले

■ ■ .❣️.═════════ ■
जिन नैनों में 'कान्हा' बसें,
दूजा कौन समाए।
जब 'राधे-राधे' मन में हों,
जग 'कृष्णा' हो जाए।
■ ══════════.❣️■ ■

🦋🌳 राधे राधे जी 🌳🦋

शुभ प्रभात. . .
━━ ✧ ● ❂ ● ✧ ━━

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हिन्दू वैदिक संस्कृति में सभी मतों का समान रूप से आदर किया जाता है, अतः वैदिक (चैत्र शुक्ल प्रतिपदा) नव वर्ष न होते हुए भी हम परिवार सहित आपको अंग्रेजी नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं प्रेषित करते हैं। शुभकामनाएँ।
नए उल्लास, नए उत्साह, नई उमंगें।
नव वर्ष शुभ हो।
🔆🌷🌷🔆
We wishes the YEAR 2023 will be good for you n your family and all the wishes that you have made will come true.
┏┓┏┓
┃┗┛ APPY
┃┏┓┃ NEW YEAR
┗┛┗┛

. . . veer.

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VIRENDER VEER MEHTA मातृभारती सत्यापित कोट्स पर पोस्ट किया गया हिंदी धार्मिक
5 महीना पहले

तुम 'भगवा' केसरधारी हो।
अंनत काल अधिकारी हो।
प्रभु तुम आदि हो अंत हो।
संपूर्ण सृष्टि के अनादि हो।

🏹 🏹 जय श्री राम। 🏹 🏹

. . . 🔆 🧡 🔆 शुभ प्रभात।

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VIRENDER VEER MEHTA मातृभारती सत्यापित कोट्स पर पोस्ट किया गया हिंदी सुविचार
5 महीना पहले

गिरना आसान होता है, और गिराना उससे भी आसान होता है, लेकिन किसी का हाथ पकड़ कर उसे आगे बढ़ाना बहुत मुश्किल होता है।
मंगलमय दिन की कामना के साथ. . .
शुभ प्रभात।

// वीर //

🌹🍁🍁🍁🍁🍁🌷
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VIRENDER VEER MEHTA मातृभारती सत्यापित कोट्स पर पोस्ट किया गया English सुविचार
6 महीना पहले

╭>◆●◆
■ 🌸🍃🌸🍃🌸🍃🌸🍃🌸
╰╮Learn from the SUN
╭╯that rises everyday
╰╮from the darkness.
╭╯You too can shine, so try
╰╮to be like the sun n shine
╭╯forever . . . ✍️ ƔЄЄR
■ 🌸🍃🌸🍃🌸🍃🌸🍃🌸
╰>◆●◆

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VIRENDER VEER MEHTA मातृभारती सत्यापित कोट्स पर पोस्ट किया गया हिंदी विचार
8 महीना पहले

आख़िर कब तक. . .

आख़िर कब तक हम एक बुराई के प्रतीक 'दशानन' को जलाकर औपचारिकता निभाते रहेंगे ?
हमारी परम्पराएं हमें सिर्फ़ अतीत को जीवित रखने का संदेश ही नहीं देती बल्कि आने वाले समय में उन ग़लतियों को दोहराने से बचने का आह्वान भी करती हैं जो हम अतीत में कर चुके हैं

हमें बाहर के रावण के साथ अपने भीतर के रावण को भी जलाना होगा। हमें समाज के उन दशाननों को भी नष्ट करना होगा जो अपने दस रूपों से समाज को बद से बदतर बनाते जा रहे हैं।

हमें 😈 क्रोध,😈अहंकार,😈मोह, 😈स्वार्थ,
😈मद/अतिविश्वासी, 😈काम वासना,😈अमानवता,😈लोभ/लालच,😈ईर्ष्या/जलन और 😈अन्याय/क्रूरता जैसी दस बुराईयों को नष्ट करने का प्रयास करना होगा।
अपने अंदर से ही नहीं समाज से भी. . . !

आप सभी को परिवार सहित 'दशहरा पर्व' की बहुत बहुत शुभ कामनाएं ।

💖🌍🎡🎯🎯 🙅◆🙅 💣💣🎡🌍💖

// वीर //

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VIRENDER VEER MEHTA मातृभारती सत्यापित कोट्स पर पोस्ट किया गया हिंदी विचार
9 महीना पहले

#हिंदी_दिवस

विचारों के आदान-प्रदान हेतु हिंदी का प्रयोग, चारो दिशाओं में करना एक अच्छी पहल हो सकती है लेकिन हिंदी भाषा का वास्तविक स्वाभिमान बनाए रखने के लिए हमें इसका आरंभ वहीं से करना होगा, जहां से हिंदी वर्णमाला का आरंभ होता है. . . अर्थात 'अ' से अनार. . .!

हिंदी दिवस यानी हिंदी की महत्ता को, बरकरार रखने या कहे कि बनाए रखने के लिये ही आज के दिन प्रत्येक वर्ष हिंदी दिवस मनाया जाता है।
'हिंदी' को हिंदी दिवस के रुप में मनाने की शुरुआत वर्ष 1949 में आज ही के दिन 14 सितंबर से हुयी, जब संवैधानिक सभा के द्वारा आधिकारिक भाषा के रुप में देवनागरी लिपी में लिखी हिंदी को स्वीकृत किया गया।

हालांकि वर्तमान में देखा जाए तो हिंदी भाषा अपने ही घर यानि देश में मेहमान बन कर रह गयी है जो यदाकदा किसी समारोह या हिंदी सप्ताह जैसी इवेंट में ही नजर आती है।
सर्वाधिक दुःख तो जब होता है, जब हिंदी के बल पर प्रतिष्ठा पाने वाले बड़े-बड़े नेता, अभिनेता और साहित्यकार भी किसी समारोह में विदेशी भाषा का प्रयोग करके प्रत्यक्ष में ही हमारी हिंदी को मेहमान बना देते है। यदि हम अपनी हिंदी भाषा के लिए अधिक कुछ नही कर सकते तो इतना तो कर ही सकते है कि जहां तक संभव हो सके हमें इसे अपने दैनिक जीवन और समाज में जीवित रखने का प्रयास करे क्योंकि आधिकारिक तौर पर तो हिंदी भाषा अब 'हिंदी दिवस' और 'हिंदी सप्ताह' में सिमट कर रह गयी है।
बहरहाल साधुवाद है उन सभी संस्थाओं, आयोजनकर्ताओं और विभिन्न 'सोशल साइट्स' के समूहों को, जो हिंदी को लोकप्रिय बनाने के साथ-साथ इसे समाज से जोड़ने का प्रयास करने के साथ हिंदी को एक सशक्त माध्यम के रूप में स्थापित करने का कार्य कर रहे है।

हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ. . .

. . . . ✍️ वीर ।

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