प्रेरक कथा कहानियाँ पढ़े और PDF में डाउनलोड करे

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Motivational Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations a...Read More


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अमर सेनानी भगवतीचरण वोहरा By दिनू

अमर सेनानी भगवतीचरण वोहरा के शहादत दिवस 28 मई पर उन्हें हमारा इन्क़लाबी सलाम !शहीद भगवती चरण वोहरा नौजवान भारत सभा के संस्‍थापक सदस्‍य थे , हिन्दुस्तान समाजवादी प्रजातान्त्रिक संघ (...

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ममता की मूरत By SHASHANK SHUKLA

ममता की मूरतदीनापुर नाम का खूबसूरत गांव एक छोटी सी नदी के किनारे था। वहां शोभित नाम का एक लड़का अपनी मां सरस्वती के साथ रहता था।जब वह छोटा था तभी उसके पिता की मृत्यु हो गई थी।सरस्व...

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उजाले की ओर –संस्मरण By Pranava Bharti

--- नमस्कार स्नेही मित्रो मेरे जीवन में कई लोग ऐसे हैं जिनको मैं कोशिश करके बताते हुए थक गई लेकिन प्रयासों के बावजूद  भी यह नहीं सिखा पाई कि समय पर कोई भी काम करना कितना जरूरी...

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फिफ्टी शेड्स ऑफ़ ग्रे - 1 By Makvana Bhavek

मैंने खुद को शीशे में बड़ी कुंठा से निहारा। आग लगे मेरे बालों को ये काबू में ही नहीं आ रहे हैं और भाड़ में जाए कैथरीन कैवेना, जो अचानक बीमार पड़ गई और मुझे मुसीबत में डाल दिया। कहा...

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दुर्योधन! मुझे अफसोस है, तुम हार गए By Saroj Verma

साख और जेठ के महीनों में पश्चिमी भारत एक तरह से भट्ठी हो जाता है. सूरज इंसानों और जानवरों के जिस्म का पूरा पानी निचोड़ कर पी जाता है. बढ़ते शहरों की सीमाएं जंगलों को लील गई हैं, और ए...

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इत्ती सी हँसी, इत्ती सी खुशी By Sunita Bishnolia

‘‘ इत्ती सी हँसी, इत्ती सी खुशी ’’‘‘नानी जी आज हम न्यू हाउस में शिफ्ट हुए हैं, मम्मी-पापा घर का सामान जमा रहे हैं। मैं ममा से कह दूंगी वो फ्री होते ही आपको कॉल कर लेंगी।’’- कहते हु...

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जीवन में पॉज़िटिव अफरमेशन का मैजिक : लाइफ इस सो सिम्पल ... By Gautam Sagar

जीवन में पॉज़िटिव अफरमेशन का मैजिक : लाइफ इस सो सिम्पल ...  हमारे शब्द हमारे चिंतन प्रक्रिया या कहें कि हमारे थॉट प्रोसैस को stimulate करते हैं।जीवन में सोचा गया या बोला हुआ कोई भी...

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दूसरी सास By Saroj Prajapati

किरण अपने बेटे को नहला रही थी कि तभी उसके फोन की घंटी बज उठी।बेटे को बाथरूम में अकेला छोड़ कर वह जा नहीं सकती थी इसलिए वह जल्दी जल्दी उसे नहलाने लगी। उधर फोन था कि बार-बार बजे ही ज...

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कुछ तो अच्छा कर लो By जीतेन्द्र

प्रिय मानव ,,आज की आधुनिकता भरी जिंदगी में लोग सत्कर्म के बारे में सोचते भी नहीं हैक्योंकि आज के संसाधन देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि हमारे पास सब कुछ है "लेकिन जो नहीं है उसकी प्राप...

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कलम के सिपाही गणेश शंकर विद्यार्थी By दिनू

कलम के सिपाही गणेश शंकर विद्यार्थी के जन्मदिवस (26 अक्टूबर) परयह समय ऐसा है जब फ़ासिज्म का काला घटाटोप समाज के ऊपर छाया हुआ है, हर बेहतर चीज पर धूल-राख डाली जा रही है, आज़ाद विचारो...

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कुटुंब बलिदानी वीरांगना मानवती बाई की अमरकथा By दिनू

*एक अनाम कुटुंब बलिदानी वीरांगना मानवती बाई हैहयवंशी की अमरकथा*महारानी लक्ष्मीबाई की सेना में एक प्रमुख पद पर वीर खुमान सिंह हैहयवंशीय तैनात थे जो कि डाकुओं के दमन के लिए भेजी गई ट...

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अपने साथ मेरा सफ़र - 10 By Prabodh Kumar Govil

दस 2014 में पहले वर्ष हमने और कुछ भी विशेष न करके केवल कुछ ऐसे सशक्त रचनाकारों की सूची सोशल मीडिया पर डाली जो तन्मय होकर गंभीर लेखन कर रहे थे और उनमें अधिकांश काफ़ी उम्र दराज भी थे...

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एक पागल की कहानी By Pravesh Kumar

चलो आज एक पाग़ल की कहानी सुनाता हूं....एक लड़का था जो इक लड़की से बेइंतहा मोहब्बत करता था, उसने जब उसको पहली बार देखा था तभी वो उसके दिल मे बस गयी थी,, बेचारा बहुत भोला था इश्क़ से बहु...

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अद्भुत , अकल्पनीय , अद्वितीय “अलकेमिस्ट” By Gautam Sagar

अद्भुत , अकल्पनीय , अद्वितीय “अलकेमिस्ट” ( समीक्षा )    समीक्षित पुस्तक :- अलकेमिस्ट लेखक :- पाउलो कोएल्हो प्रकाशन :- विजडम ट्री पाउलो कोएल्हो की किताब अलकेमिस्ट एक बेहतरीन प्रेरक...

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में चाहता हु अब लड़ना चाहता हुं By Writer Dhaval Raval

में चाहता हु,अब लड़ना चाहता हूं। कृपा उनकी मेरे सिर पे है कुछ अब में करना चाहता हूं अब लड़ना चाहता हु,विवादित कोई आपके जीवन का पन्ना खोलिए, कोई ऐसा जिसमे मार्गदर्शन न हो, और ना ही...

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उड़ान - चेप्टर 2 - पार्ट 3 By ArUu

कुछ दिनों बाद काव्या कॉलेज जाने लगी।उसका मन नही था पर नेहा मैम के फोन कॉल्स आने पर उसका मन नही होने पर भी वह कॉलेज की तरफ चल पड़ी।इससे पहले विनी और पीहु ने उसे कितनी बार कॉलेज चलने...

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जिंदगी By Sohi

जीवन पर निबंधइन दिनों हमारे चारों तरफ बहुत तनाव है। अधिकांश लोग कार्यालय में समस्याओं, रिश्तों में मुद्दों और विभिन्न क्षेत्रों में बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बारे में शिकायत करते हैं।...

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आँगन की चाँदनी - आखिरी भाग By Sabreen FA

दोपहर होगयी थी जब आरोही वापस हॉस्पिटल आयी तो राहुल के घरवालों में से कोई भी वहां मौजूद नही था। आरोही दरवाज़ा खोल कर चुपके से अंदर चली गयी, अंदर जाने के बाद आरोही ने देखा मेज़ पर खाने...

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उपन्यास चित्रलेखा संक्षिप्त विवरण By Dr. Bhairavsinh Raol

गीत शिर्षक:" मन रे तू काहे ना धीर धरे"मन रे तू काहे ना धीर धरेवो निर्मोही मोह ना जाने, जिनका मोह करेमन रे ...इस जीवन की चढ़ती ढलतीधूप को किसने बांधारंग पे किसने पहरे डालेरुप को किसन...

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परोपकारार्थ मिदं शरीरम्। By Dr. Bhairavsinh Raol

"परोपकारार्थ मिदं शरीरम्"परोपकार शब्द 'पर और उपकार' शब्दों से मिल कर बना है जिसका अर्थ है दूसरों पर किया जाने वाला उपकार। ऐसा उपकार जिसमें कोई अपना स्वार्थ न हो उसे परोपकार...

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अमर सेनानी भगवतीचरण वोहरा By दिनू

अमर सेनानी भगवतीचरण वोहरा के शहादत दिवस 28 मई पर उन्हें हमारा इन्क़लाबी सलाम !शहीद भगवती चरण वोहरा नौजवान भारत सभा के संस्‍थापक सदस्‍य थे , हिन्दुस्तान समाजवादी प्रजातान्त्रिक संघ (...

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ममता की मूरत By SHASHANK SHUKLA

ममता की मूरतदीनापुर नाम का खूबसूरत गांव एक छोटी सी नदी के किनारे था। वहां शोभित नाम का एक लड़का अपनी मां सरस्वती के साथ रहता था।जब वह छोटा था तभी उसके पिता की मृत्यु हो गई थी।सरस्व...

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उजाले की ओर –संस्मरण By Pranava Bharti

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फिफ्टी शेड्स ऑफ़ ग्रे - 1 By Makvana Bhavek

मैंने खुद को शीशे में बड़ी कुंठा से निहारा। आग लगे मेरे बालों को ये काबू में ही नहीं आ रहे हैं और भाड़ में जाए कैथरीन कैवेना, जो अचानक बीमार पड़ गई और मुझे मुसीबत में डाल दिया। कहा...

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दुर्योधन! मुझे अफसोस है, तुम हार गए By Saroj Verma

साख और जेठ के महीनों में पश्चिमी भारत एक तरह से भट्ठी हो जाता है. सूरज इंसानों और जानवरों के जिस्म का पूरा पानी निचोड़ कर पी जाता है. बढ़ते शहरों की सीमाएं जंगलों को लील गई हैं, और ए...

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इत्ती सी हँसी, इत्ती सी खुशी By Sunita Bishnolia

‘‘ इत्ती सी हँसी, इत्ती सी खुशी ’’‘‘नानी जी आज हम न्यू हाउस में शिफ्ट हुए हैं, मम्मी-पापा घर का सामान जमा रहे हैं। मैं ममा से कह दूंगी वो फ्री होते ही आपको कॉल कर लेंगी।’’- कहते हु...

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कलम के सिपाही गणेश शंकर विद्यार्थी के जन्मदिवस (26 अक्टूबर) परयह समय ऐसा है जब फ़ासिज्म का काला घटाटोप समाज के ऊपर छाया हुआ है, हर बेहतर चीज पर धूल-राख डाली जा रही है, आज़ाद विचारो...

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*एक अनाम कुटुंब बलिदानी वीरांगना मानवती बाई हैहयवंशी की अमरकथा*महारानी लक्ष्मीबाई की सेना में एक प्रमुख पद पर वीर खुमान सिंह हैहयवंशीय तैनात थे जो कि डाकुओं के दमन के लिए भेजी गई ट...

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अद्भुत , अकल्पनीय , अद्वितीय “अलकेमिस्ट” By Gautam Sagar

अद्भुत , अकल्पनीय , अद्वितीय “अलकेमिस्ट” ( समीक्षा )    समीक्षित पुस्तक :- अलकेमिस्ट लेखक :- पाउलो कोएल्हो प्रकाशन :- विजडम ट्री पाउलो कोएल्हो की किताब अलकेमिस्ट एक बेहतरीन प्रेरक...

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परोपकारार्थ मिदं शरीरम्। By Dr. Bhairavsinh Raol

"परोपकारार्थ मिदं शरीरम्"परोपकार शब्द 'पर और उपकार' शब्दों से मिल कर बना है जिसका अर्थ है दूसरों पर किया जाने वाला उपकार। ऐसा उपकार जिसमें कोई अपना स्वार्थ न हो उसे परोपकार...

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