The Download Link has been successfully sent to your Mobile Number. Please Download the App.
@seemabatra.in
181
237.1k
455.2k
मेरा नाम सीमा बत्रा है। मुझे लिखना अच्छा लगता है और मैं चाहती हूँ कि मेरी हर कहानी के पीछे सिर्फ मनोरंजन ना हो कर एक सीख हो एक मैसेज हो जो मैं ज्यादा से ज्यादा लोगो तक पहुँचाने की चाहा रखती हूँ इसलिए इस प्लेटफॉर्म पर लिखती हूँ..... मुझे पढते रहिए
Woman's Day आओ जी सब मुझे विश करो आज मेरा दिन है, मुझे विश करो, आज मुझे तोहफा दो, घर के कामों से छुट्टी दो, सेल्फी लो मेरे साथ कुछ आर्डर करो खाने का आज मेरा दिन है। 364 दिन मैं माँ, बहन पत्नी दादी, बेटी, मासी, चाची, ताई, बुआ और गर्लफ्रैंड भी हूँ, एक्स हूं प्रैजेंट हूँ, क्रश और आइटम भी हूँ। बसों, ट्रैन और सड़क पर चलती फिरती मस्त माल हूँ। लेकिन खुश हूँ मैं आज मेरा दिन है। बधाइयाँ देना लेना अच्छा लगता है, एक दिन की अटैंशन भाती है मुझे ! रखो ये दिन अपने पास बस मुझे समझ लो इतना ही काफी है, बस ये एक दिन मेरे लिए नाकाफी है। क्या सच में खुद के लिए दूसरो द्वारा तय किया गया मेरे लिए ये दिन खुशी का होना चाहिए? क्या सच में साल में ये एक दिन मनाना ही हमारी हैसियत है हमारी जरूरत या कहूँ काफी है ? नहीं भई, मुझे तो नहीं पसंद मेरा हर दिन मेरा अपना है, कोई बधाई दे ना दे फर्क नहीं, मैं जानती हूँ मेरे बिना रिश्तों का वजूद नहीं एक दिन नाकाफी है ये, मैं 365 दिन 24/7 खुश हूँ कि मैं एक औरत हूँ, उससे भी पहले मैं एक इंसान हूँ, जैसे पुरूष है, वैसे ही औरत है, ना कम न ज्यादा हर दिन हमारा है, तो क्यों न इंसान बन हम तुम हर दिन को सेलिब्रेट करें, हर दिन को स्पेशल बनाएँ Happy Humanities Day बना कर मैं भी खुश तुम भी खुश सीमा बी.
#Azadi ..... अपनी सोच से आजादी सब को प्यारी है। सब को किसी न किसी से आजादी चाहिए किसी को जीने की आजादी तो किसी को घूमने की।। क्या हमें वाकई आजादी ही चाहिए? या फिर हम अपनी मर्जी से बिना किसी जिम्मेदारी को निभाने के भार से आजादी चाहते हैं? हमारी युवा पीढी को माँ बाप का सही राह दिखाना जेल सरीखा लगने लगा है। बच्चे ये तो जताते हैं कि उन्हें पैदा करके और पढा लिखा कर उनके पैरेंटस ने कोई एहसान नही किया है ये उनका कर्तव्य है! पर ये भूल जाते हैं कि अधिकारो के प्रति तुम सजग हो तो पहले अपनी जिम्मेदारी निभाना सीखिए.... बस रट लगा रखी है कि हमें आजादी चाहिए.... मैं पूछती हूँ किस बात की आजादी की दरकार है हमारे युवाओं को? लिव-इन में रहने देने की आजादी या बुरी सोहबत में रहने की आजादी? नशा करने की आजादी या रेप करने की आजादी? बहुत हुआ ये आजादी का खेल..... आजादी सच में चाहिए तो पहले अपनी गंदी आदतो को सुधारो.... आजादी लो अपने आप को सबसे अलग समझने वाली सोच से। आजादी के नारे लगाना आसान है। हमारे देश में कुछ नही हो सकता कहना आसान है पर इस देश में तुम्हें इतनी आजादी है कि तुम खुले आम सिस्टम को गालियाँ दे कर रातों रात फेमस हो जाते हो और खुले आम घूमते हो.... अपने अड़ोसी पड़ोसी देशो में घूम कर आओ बच्चों तब तुम्हें पता चलेगा कि तुम कितने आजाद हो यहाँ...... !! मुझे भी आजादी पसंद है पर अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों से नही। मैं आजाद हूँ अपनी बात को कहने के लिए। अपनी सोच को सब के सामने रखने के लिए..... बस इतना ही 🙏🙏 #azaadi #
लॉग इन करें
लॉगिन से आप मातृभारती के "उपयोग के नियम" और "गोपनीयता नीति" से अपनी सहमती प्रकट करते हैं.
वेरिफिकेशन
ऐप डाउनलोड करें
ऐप डाउनलोड करने के लिए लिंक प्राप्त करें
Copyright © 2023, Matrubharti Technologies Pvt. Ltd. All Rights Reserved.
Please enable javascript on your browser