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*बिक रहा है पानी, पवन बिक ना जाए।* *बिक रही हैं धरती, गगन बिक ना जाए।* *चांद पर भी बिकने लगी है जमी, *डर है कि सुरज कि तपन बिक ना जाए।* *हर जगह बिकने लगी है स्वार्थ नीति, *डर है कि कहीं धर्म बिक ना जाए।* *देकर दहेज खरिदा गया है अब दुल्हे को, *कहीं उसी के हाथों दुल्हन बिक ना जाए।* *हर काम कि रिश्वत ले रहे हैं ये नेता, *कहीं इन्हीं के हाथों बर्तन बिक ना जाए।* *सरेआम बिकने लगा है अब संसद, *डर है कि कहीं संसद भवन बिक ना जाए।* *आदमी मरा लेकिन आंखें खुली है, *डरता है ,कि कहीं कफ़न बिक ना जाए।* *बिक रहा है पानी, पवन बिक ना जाए।*
बारिश में नहाना तो आसान तों है लेकिन रोज़ नहाने के लिए बारिश के सहारे नहीं रह सकते इसी प्रकार भाग्य से कभी कभी चिजे आसानी से मिल जाती है किन्तु हमेशा भाग्य के भरोसे नहीं जी सकते
*જ્યાંથી અંત થયો હોય,* *ત્યાંથી નવી શરૂઆત કરો.* *જે મળવાનું હોય છે એ,* *ગુમાવેલા કરતા હંમેશા* *સારું જ હોય છે !!*
युं ही नहीं होती हाथों की लकीरों के आगे उंगलियां, रब ने भी किस्मत से पहले महेनत लिखीं हैं।।
*જીંદગી એક એવી કવિતા છે,* *સાહેબ....* *જેને લખ્યા પછી ભુંસવા માટે રબ્બરનાં બદલે પોતાની જાત ને ઘસવી પડે છે.* *Good Morning*
હિના
good morning
winner never quits quitter never wins
દરેક શબ્દ સ્વર લઈ ને જન્મે છે તેમ દરેક બાળક પણ પોતાનું નસીબ લઈને જન્મે છે
સંબંધ હોય કે સફર જવાબ મળતો બંધ થાય એટલે સમજવું કે હવે વળાંક લેવાનો સમય આવી ગયો છે
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