SABIRKHAN लिखित उपन्यास खौफ | हिंदी बेस्ट उपन्यास पढ़ें और पीडीएफ डाऊनलोड करें होम उपन्यास हिंदी उपन्यास खौफ - उपन्यास उपन्यास खौफ - उपन्यास SABIRKHAN द्वारा हिंदी डरावनी कहानी (746) 77.1k 74.7k 70 सभी हिंदी पाठकों के लिए एक और कहानी लेकर हाजिर हुं आप सब को यह जरूर पसंद आएगी..!इस कहानी को अपने प्रतिभाओं देना न भूलें..!ठंड से उसका बदन बुरी तरह कांप रहा था! वो उस मखमली बेड पर सिमट ...और पढ़ेसोया था! गरम रजाई से उसके बदन को ढक दीया फिर भी ठंड कम होने का नाम नहीं ले रही! बुरी तरह कांप रहे उसके बदन को देख कर प्रिया बहुत ही परेशान हो उठी! बेचैन हो गई!हां वह उसका अपना पर्सनल कमरा था! जिसमें किसी को भी प्रवेश करने की इजाजत नहीं थी! कोई भी उसके कमरे में जानबूझकर पढ़ें पूरी कहानी सुनो मोबाईल पर डाऊनलोड करें नए एपिसोड्स : Every Tuesday खौफ - 1 (70) 12.5k 7.5k सभी हिंदी पाठकों के लिए एक और कहानी लेकर हाजिर हुं आप सब को यह जरूर पसंद आएगी..!इस कहानी को अपने प्रतिभाओं देना न भूलें..!ठंड से उसका बदन बुरी तरह कांप रहा था! वो उस मखमली बेड पर सिमट ...और पढ़ेसोया था! गरम रजाई से उसके बदन को ढक दीया फिर भी ठंड कम होने का नाम नहीं ले रही! बुरी तरह कांप रहे उसके बदन को देख कर प्रिया बहुत ही परेशान हो उठी! बेचैन हो गई!हां वह उसका अपना पर्सनल कमरा था! जिसमें किसी को भी प्रवेश करने की इजाजत नहीं थी! कोई भी उसके कमरे में जानबूझकर सुनो अभी पढ़ो खौफ - 2 (56) 9.2k 4.3k तकरीबन 15 दिन से वह ऐसे कमरे में बंद था जो चारों तरफ से पूरी तरह पैक था! उस रूम में सामने की दीवार पर एक बड़ा एलईडी लगा हुआ था! पूरा दिन उसकी सेवा में प्रिया तैनात रहती ...और पढ़ेकिसी उच्च दर्जे के कूक की तरह उसकी रसोई मैं विभिन्नता और अद्भुत टेस्ट था! वह तरह-तरह के फ्रूट जूस लेकर एंट्री मारती! ज्यादातर एपल टमाटर खरबूजे वीट और ऐसे रक्त कणों को बढ़ाने वाली सारी चीजे का मिश्रण लेकर वो उपस्थित हो जाती थी! कैसे अपने साथ बचपन से पली बडी हो ऐसा प्रिया का व्यवहार था! "पर यह सुनो अभी पढ़ो खौफ - 3 (48) 7.2k 4.2k तेज धूप बढ़ती जा रहे थी! बदन की त्वचा जल जाए इतनी भयानक आग बरस रही थी! इस जानलेवा धूप में पसीने से तर हुए एक बुड्ढे शख्स ने पुलिस हेड क्वार्टर के सामने अपना स्कूटर रोक दिया! स्कूटर ...और पढ़ेकरने तक उसकी बदन पूरी तरह कांप उठा! बहुत ही कमजोर शरीर था उसका! मोटी फ्रेम के चश्मे से उसने पुलिस हेडक्वार्टर के डोर को ऐसी नजरों से देखा जैसे कोई प्यासे को कुवा मिल गया हो! वो कदमों मे जोर लगा कर पुलिस हेडक्वार्टर की सीढ़ियां चढ़ने लगा! बड़े बड़े पांच कदम उठाने थे उसमें भी उसे काफी ताकत सुनो अभी पढ़ो खौफ - 4 (36) 5.8k 3.9k मास्टर जी कैसे आना हुआ..?अपने इकलौते पुत्र के गुम होने की वजह से चिंता से आधे हो गए मास्टर जी को देख कर ईस्पे. खटपटिया ने कहा!पुत्र के गुम होने के बाद तरह-तरह के अमंगल विचारों ने उनके मन ...और पढ़ेघेर लिया था!उन्होंने भीगी आवाज में पोपट सर से कहा!सर जी मेरा बच्चा 2 दिन पहले मेरी साली के वहां कश्मीर जाने निकला था वह अभी तक वहां पहुंचा नहीं है! मैंने फोन करके पता लगाया हैउसका फोन भी तो बंद आ रहा है उसके साथ मुझे लगता है कुछ अनहोनी हुई है! कुछ भी करके मेरे बच्चे को ढूंढ सुनो अभी पढ़ो खौफ - 5 (33) 5.4k 2.9k चौक कर समीर ने पीछे देखा!दूर दूर तक कोई नजर नहीं आया! पिन ड्रॉप साइलेंट पीछे मौजूद था!उसके कंधे पर किसी ने हाथ रखा था उसका सीधा मतलब यही निकलता था की यहीं आसपास कोई मौजूद था!पर दूर-दूर तक ...और पढ़ेना दिखा तो वह बुरी तरह डर गया था!यहां से भाग कर उसका मन अपने कमरे में छुप जाने को उतावला हो रहा था!समीर तेज कदमो से चलने लगा.! उसने जो मंजर देखा था उसके बाद वहां एक पल भी रुकने की हिम्मत नहीं थी उसमें!समीर को डर था कि उनकी पाप लीला देख रहा है उस बात की जरा सुनो अभी पढ़ो खौफ - 6 (42) 4.7k 3.3k जब से पोपट खटपटिया ने नॉर्थ जोन की चौकी पर अपनी ड्यूटी ज्वाइन की थी तब से इस इलाके में क्राइम रेट काफी कम हो गया था!पर शराब की हेरा फेरी में बढोतरी आ गई थी! शराब की कीमते ...और पढ़ेहो गई थी!खटपटिया के नाम का चारो तरफ खौफ था ! वैसे माहोल में कुछ लोग जान पर खेलकर माल की हेराफेरी कर रहे थे! तभी तो शराब के भाव आसमान को छू रहे थे!खटपटिया चौकी पर जैसे ही एंटर होता नारंग चाय के साथ तुरंत हाजिर हो जाता!हर रोज की तरह आज भी जैसे ही खटपटिया ने पुलिस चौकी सुनो अभी पढ़ो खौफ - 7 (32) 3.8k 2.8k स्कूल में शिक्षक की नौकरी से रिटायर होने के बाद भी मास्टर जी ने बच्चों को पढ़ाना छोड़ा नहीं था l उनका मानना था कि अच्छे शिक्षकों के अभाव में स्टूडेंट्स में स्टडी का स्तर निम्न होता जा रहा ...और पढ़ेज्यादातर टीचर्स प्रामाणिकता से अपने फर्ज नहीं निभातेl तभी तो मास्टर जी ने आज तक बच्चों को पढ़ाना नहीं छो को पढ़ा कर ड़ा थाl वह कोचिंग क्लास के माध्यम से शिक्षण कार्य में जुड़े रहे lआर्थिक परेशानियों से जूझ रहे स्टूडेंट्स को पढ़ा कर वो सेवा का कार्य ही कर रहे थे lएक भला और उम्दा किस्म का इंसान सुनो अभी पढ़ो खौफ - 8 (25) 3.1k 2.2k अपनी भारी भरकम हथेली का प्रहार उसने भूमि पर किया पूरा कमरा और कमरे की दीवारें तक कांप उठी उसके चेहरे पर बिखरे हुए बालो के बीच से उसकी सुलगती आंखें नजर आ रही थी! उन आंखों का खुन्नस ...और पढ़ेकर सामने खड़ा हर एक शख्स बुरी तरह बौखला गया..!"अब उसका क्या करना है वो तुम लोग जानो..!" उसने एक एक शब्द पर भार देते हुए कहा lउस वक्त सभी औरतों के बीच खड़े दोनों मजबूत भाइयों के जबड़े एक साथ भींच गए lउसी पल दोनों ने एक घातक घटना को अंजाम देने का मनो मन निश्चय कर लिया lजाओ सुनो अभी पढ़ो खौफ - 9 (24) 3.1k 2.2k दूर-दूर से समीर को ऐसा लगा जैसे ओस की बुंदे उसके चेहरे पर गिर रही है आंखें खुल नहीं रही थी और पलकों पर भारी वजन था वह करवट बदलना चाहता था मगर भीगे हुई जुल्फों का बादल उसके ...और पढ़ेपर छा गया lभारी जहमत उठा कर उसने आंखें खोली lअपने ऊपर मंडरा रहे फूल गुलाबी चेहरे को देख कर वो तपाक से बैठ गया lगुड मॉर्निंग स्वीटहार्ट lलिपस्टिक से रंगे हुए होठ उसके चेहरे पर चिपक गए !सुबह हो गई है और आप ऐसे सोए हो जैसे सारी रात जागकर अभी अभी आंख लगी हो?समीर को याद आया वो सुनो अभी पढ़ो खौफ - 10 (27) 3.1k 2.5k समीर हडबडाया..!बाहर से प्रिया आवाज दे रही थी lहेल्लो स्वीटहार्ट.. lकितना टाइम लगाओगे..l बाहर आ जाओ..l दूध पी लो डिअर..! "समीर ने पानी का प्रेशर बढ़ाया lअब बाहर की आवाज कम सुनाई दे रही थी lपानी की बौछार बदन ...और पढ़ेगिर रही थी उसके बावजूद समीर का बदन गर्मी से धधक रहा था !उसको धोखे से कैद कर लिया गया था lसमीर ने ट्रेन में जिन युवतियों को देखा था वो अभी तक नजर नहीं आई थी l जैसे उनका काम वहां तक ही था lमतलब बिल्कुल साफ था यह सारा षड्यंत्र प्रीप्लान था lकितना बोला था वह उसे कोई सुनो अभी पढ़ो खौफ - 11 (28) 3.4k 2.5k समीर को बाथरूम से बाहर निकलता देखकर प्रिया ने राहत की सांस ली lअभी भी उसकी नजरें बाथरूम के डोर पर थमी हुई थी lउसके साथ कोई नहीं था वह बेड पर से तेजी से खड़ी हो गई l ...और पढ़ेउसे किसी भी हाल में समीर को अपना बना लेना था lउसके पास जिया ही थी उस बात को अच्छी तरह समझने के बाद प्रिया समीर के लिए ज्यादा आक्रमक बन गई थी lदौड़कर वह समीर के गले लग गई l"कौन था समीर बाथरूम में तुम्हारे साथ..?""बाथरूम में मेरे साथ..?""मेरे और तुम्हारे अलावा और है भी कौन यहां..?"समीर खुला झूठ सुनो अभी पढ़ो खौफ - 12 (32) 2.8k 2.7k फार्म हाउस का एक बड़ा कमरा कबीले वासियों से भरा हुआ थाlअधिकतर उसमें औरतें थी l पुरुषो की मात्रा कम थी वहां..! सभी औरतो का पहनावा लगभग एक जैसा था..! कम उम्र की लडकियां चनिया चोली पहने थी तो, ...और पढ़ेओरते चुनरी.. चनिया और हाथो में बडे-बडे कंगन पैरो मे झांझर.. छडे जैसे अलंकारो से कबिले की ओरते सबसे अलग दिखती थी..!पुरुष धोती कुर्ता ओर बनियान पहनते थे सबके पास देहाती ढांचे के वजनदार बूट थे..! ईस वक्त कमरे का माहोल सबको भय के साम्राज्य मे डूबो दे रहा था..!"अब क्या होगा...?""माई कुछ कह ने आ रही थी..!"तमाम कबीलेवासियों के सुनो अभी पढ़ो खौफ - 13 (28) 1.7k 2.2k दूर कोने में अपने आप को छुपा कर वह खड़ी थी अपने चेहरे पर छाई सफेद घटा सी जुल्फों में से उसने प्रिया को भाप लिया था l उसने अपना हाथ लंबा करके प्रिया को ऊपर आने का इशारा ...और पढ़ेlअनार के दानों जैसी दांतों में जमा हुआ लहू देखकर प्रिया को चीड हुई l कलेजा उछल रहा था l सब चुपचाप उसे देख रहे थे l धीरे से प्रिया आगे बढ़ी ! बूढ़ी डायन के खुले होठों में हंसी थी l लाल रंग के घागरे और ऐसी ही सारी में उसने अपने रक्तिम बदन को छुपा रखा था !प्रिया सुनो अभी पढ़ो खौफ - 14 (21) 1.3k 3.6k शहर में आज दो भिन्न धर्मों के जलूस निकलने वाले थे तो कमिश्नर सर ने शहर की सभी चौकियों के इंचार्ज को एक साथ बुलाया था उसमें खटपटिया सर भी शामिल थे !तभी तो आज खटपटिया सर के अंडर ...और पढ़ेवाली चौकी आज जगदीश के हवाले थी..सुबह की चाय जगदीश सर के टेबल पर रखते हुए नारंग ने कहा..!मुझे लगता है खटपटिया सर के आने के बाद आपकी वो जाहो-जलाली चली गई सर..lफिर वह खिसियानी हंसी हंसने लगा..lअपने गोल-मटोल चेहरे पर सुशोभित बड़ी बड़ी आंखों को चौडी करते हुए नारंग को टोकते हुए बोला..!"अक्ल के अंधे सर के सामने ऐसी सुनो अभी पढ़ो खौफ - 15 (36) 1.3k 3k लगभग 1 घंटे तक द्वंद चला था एक रूह दूसरी रूह के साथ एकाकार हो गई थी..! एक औरत का सहवास समीर की लाइफ में पहली बार होने जा रहा था l और यह अनुभूति अद्भुत थी उसका कारण ...और पढ़ेका एक दूजे के लिए अटूट प्रेम था l जहां प्रेम समंदर की विशालता धारण करके बैठा हो वहां वासना की हार होती है..!मैं बहुत खुश हूं समिर तुम्हें पाकर मेरी सारी ख्वाहिशे पूरी हो गई..lअपने खुले बदन को ढीला छोड़ के अपनी दोनों आंखें बंद करके तृप्ति के अलौकिक एहसास के साथ जिया ने कहा..!समीर तुमने मेरे मन को सुनो अभी पढ़ो खौफ - 16 (23) 948 1.9k जिया ने समीर को जो बात कही वह कुछ इस तरह थी..! पूरा कबीरा भयानक डर के बवंडर से गिरा हुआ था..! जमकर घर में रोना-धोना शुरू हो गया था..! कौन किस के आंसू पोछता...? एक भी घर में ...और पढ़ेछोटा बच्चा जिंदा न कबिले के एक-एक घर में आंगन सुने थे..! सभी औरतों के चेहरे पर से नूर गायब था डर डर के बाहर निकलने वाली औरतें सलामती से घर पहुंचने में उतावली रहती थी..!कबिले की सूब्हा हर रोज एक नई उम्मीद के साथ निकलती थी !मगर आज की सुबह की बात ही कुछ और थी l जैसे किसी सुनो अभी पढ़ो खौफ - 17 (24) 863 1.8k खौफ-17अधेड़ औरत ने अपने घर की ओर दौड़ लगा दी l उसके चेहरे पर घबराहट छा गई थी l यकीनन अब वह जानना चाहती थी क्या सचमुच अपनी बहू पर डायन का साया था..?"तेजी से उस बुढी औरत ने ...और पढ़ेमें छुपी अपनी बहू का हाथ थाम लिया..l"क्या हुआ माई आप इतनी घबराई हुई क्यों हो..?" उसने अनजाने मन से कहा l"कुछ नहीं हुआ बेटा एक मिनट तू मेरे साथ चल..!" इतना कहकर उसने संभलकर आरती को बाहर खींचा.l आरती के बदन में ठंड की सिरहन सुनो अभी पढ़ो खौफ- 18 (23) 830 1.6k जिया की धड़कनों को समीर महसूस नहीं कर पा रहा था l उसका मखमली बदन बिल्कुल ठंडा हो गया था l एक अक्षर के लिए समीर को ऐसा महसूस हुआ क्या मेरे बदन की गर्मी उसके शरीर में आग ...और पढ़ेहोगी..? कुछ भी तो समझ में नहीं आ रहा था उसे lफिर मधुर स्मित के साथ जिया समीर के सीने पर अपने कोमल हाथों की अंगुलियां बड़े चाव से फिर रही थी..lसमीर के साथ बिताए हुए वक्त का नशा उसकी आंखों से छलक रहा था..!जिया..! , समीर ने रस भरे आधारों का आस्वाद लेते हुए बहुत ही प्यार से कहा सुनो अभी पढ़ो खौफ - 19 (17) 741 1.8k 'समिर.. हाउ आर यु स्विटहार्ट...!!'तपती गर्मी में जैसे उसे किसी ने पटक दिया हो ऐसा समिर को लगा.. और प्रिया गुढ रहस्य को अपने अंदर छुपाए बैठी थी l उसकी भावनाएं लूज और अनसुलझी होने के कारण उसके साथ ...और पढ़ेनहीं हो सकता था lकोई डिस्टबेंस है कि मेरा फिर से आना पसंद नहीं आया lप्रिया ने समीर की आंखों में आंखें डाली.l उसके साथ वह खुद को अनकंफरटेबल करता था..l"नहीं ऐसा कुछ नहीं है..!" समीर को जिया की बात का स्मरन हुआ..! प्रिया के साथ सुखा बर्ताव न रखकर उसका मन जीतना था...l समीर अपने दिमाग पर जिया की सुनो अभी पढ़ो खौफ - 20 (26) 781 1.7k समीर ने जिस तरह से कसकर प्रिया की भाववाही आंखों पर चुंबन किया..l वह स्पर्श प्रिया की रूह में उतर गया.l पूरी तरह समीर उसमें समा चुका था l जहां आज तक किसी पुरुष ने जगह नहीं ली थी ...और पढ़ेउसकी आंखे भावनाओं से हरी भरी थी l उस बात का उसे एहसास हुआ l उसमें एक ऐसी स्त्री जिंदा थी जो हर वक्त यह ख्वाहिश रखती थी की अपनी छोटी-छोटी क्रिया का कोई ध्यान रखें..l बिना बताए ही उसकी आंखों को समझ ले कि वह क्या चाहती है ! संबंध क्षणभंगुर ना होकर आत्मिय और जीवनभर के हो..! अगर सुनो अभी पढ़ो ख़ौफ़ - 21 (15) 642 1.7k खटपटिया मीटिंग मे से जैसे ही वापस लौटा जगदीश ने समीर के नंबर से फोन रिकॉर्ड होने की बात कही। तत्काल खटपटियाने उस कॉल को बार-बार सुनी। आवाज समीर की ही थी.। खटपटिया ने मास्टर जी के ऑटोमेटिक कॉल ...और पढ़ेवाले फोन से समीर की कॉल रिकॉर्डिंग सुनी।पोपट सरने सिगरेट सुलगा कर उसका धुंवा हवा में छोड़ा वो धूंवे को देखता रहा ।"सर कुछ दिख रहा है..!" पोपट सर को विचार मग्न देखकर जगदीश ने टोका ।"दिखना चाहिए मगर कुछ नहीं दिख रहा।" पोपट सर का चेहरा गंभीर हो गया..। इस कॉल डिटेल के मुताबिक तो ये पूरा केस सुनो अभी पढ़ो खौफ - 22 (19) 795 2.6k बारिश की बौछार के कारण भीगे हुए समीर और प्रिया मजर के परिसर में खड़े थेल। वहां पानी तो नहीं गिर रहा था पर चारों तरफ धोधमार बरस रही बारिश भूमि प्रदेश को डुबाने पर आमदा हो ऐसे जमकर ...और पढ़ेरही थी ।समीर प्रिया को देखता रहा । उसके कपड़े भी दिखा शरीर से चिपक गए थे ।समीर ने अनायास ही प्रिया के भीगे बदन पर समीर की नजरें चिपक गई ।उसका बदन ठंड से बूरी तरह कांप रहा था समीर की हालत भी वैसी ही थी । काफी देर खड़े रहे तब जाकर कपड़ों में से पानी रिस गया सुनो अभी पढ़ो खौफ - 23 (12) 705 2.6k अब ऐसा रोतल मुंह बनाकर कब तक बैठोगे..? समीर ने उतरे हुए चेहरे को देखकर प्रिया ने उसको टोका।तुम जानते हो वह तुम्हारा प्रेम लेकर गई है ! तुम उसे जाने दो और उसके साथ जितने भी बेहतरीन पल ...और पढ़ेहैं ,उसकी याद हमेशा तुम को, तुम्हारे जीवन को बागबा रखेगी । वह तुम्हारा सिर्फ भला ही चाहती होगी।वह बात जाने दो पिया..। मुझे फिलहाल इन परिस्थितियों से बचकर निकलना है।तुम मुझे वह फकीर बाबा की बात बताओ। उनके जाने के बाद कबीले ने क्या किया..?समीर जितना जल्दी ठीक हो गया। उस बात की खुशी प्रिया को थी वह देख सुनो अभी पढ़ो खोफ - 24 (18) 866 2.6k “सोच लो फिर मै तुम सब की बेबसी पर दुबारा रहम नही खाऊंगी। हमें भी औलाद नहीं रहना है अपने बच्चों को जिंदा देखने के लिए हम कुछ भी करेंगे.!प्रिया के भाई ने अपने भारी शब्दों में आत्मसमर्पण कर ...और पढ़ेहै, तो सूनो ..!"आरती अपने घुँघराले बालों को सहला रही थी।उसकी आँखें गोल गोल घूम रही थी। प्रिया के दिल की धड़कन बढ़ गई थी।वो भी समझा गई थी कि पूरी जनजाति डायनो द्वारा बिछाए गए जाल में गिर गई थी।जिसे कोई नहीं बचा सकता।इसकी शर्तों के अाधीन हुए बिना कोई चारा नहीं था। जिसे कोई चुनौती नहीं दे सकता सुनो अभी पढ़ो खौफ - 25 (15) 754 2.6k किक और तेजी से बारिश हो रही थी। पहाड़ियों पर पेड़ पौधे सहित पत्थर भी बहकर नीचे आ रहे थे।सफेद दूध जैसे बादलों ने अड्डा जमाया था। बहुत सारे शिखर बादलों में ढककर आकाश से मिल गए थे। बारिश ...और पढ़ेझड़ी में पेड़ पौधे खुद के अस्तित्व को बनाए रखने के लिए बारिश से जूझ रहे थे। पर्वत पर बादलों से गीरी हुई काली चट्टानों पर पहुंचने में उसे बहुत वक्त लगा।उस पत्थरों के बीच से एक रास्ता भीतर जा रहा था । ऊपर की चट्टाने छत की तरह तनी हुई थी। गुफा कितनी लंबी थी वह तो उसे भीतर सुनो अभी पढ़ो खौफ - 26 (16) 812 3.9k ग्यारस के कारण बहुत से बहुत दूर थी। इस बात का जिया को बहुत दुख हुआ ।डायन के एक्सप्रेशन देखकर जिया ने अपनी बात आगे बढ़ाई।माई मैं समझ गई थी कि कुछ भी करके उस लडके को पकड लूंगी। ...और पढ़ेअपने साथ ले जाऊंगी ।मगर प्रिया ने बीच में टांग अड़ा के मेरे मंसूबे पर पानी फेर दिया, और आपके शिकार को उसने रोक लिया।"तो अब मुझे बदला प्रिया से भी लेना है..!""ठीक है अब दूसरी वजह बताओ..!"जिया की बात से डायन बेचैन जरूर थी मगर वह हकीकत जानना चाहती थी। अपना शिकार हाथों से निकल रहा था, उस बात सुनो अभी पढ़ो अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी उपन्यास प्रकरण हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी કંઈપણ SABIRKHAN फॉलो