Darr book and story is written by सीमा कपूर in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Darr is also popular in डरावनी कहानी in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
डर - उपन्यास
सीमा कपूर
द्वारा
हिंदी डरावनी कहानी
एक ऐसी कहानी जो आधी रात के साए से गुजर रही हैं,, कोई साया तो नहीं ना मेरे आस-पास यही सोच कर दिल धक धक होता हैं__एक महिला नाम(शा़मा)जो अकेले रहा करती थी उसके साथ कोई नहीं रहा करता था। नौकरी की तलाश में उसको इधर उधर जाना पड़ता था, उसे किसी मकान की तलाश थी जिसका किराया कम हो जो बजट में हो,उस ऐसा एक मकान मिल भी गया था...पर जो मकान उसे मिला वहां कोई रहना पसंद ही नहीं करता था।।कम पैसो में मिल रहा था तो लेने का मन भी बना लिया शा़मा"ने उस मकान के आस पास
एक ऐसी कहानी जो आधी रात के साए से गुजर रही हैं,, कोई साया तो नहीं ना मेरे आस-पास यही सोच कर दिल धक धक होता हैं__एक महिला नाम(शा़मा)जो अकेले रहा करती थी उसके साथ कोई नहीं ...और पढ़ेकरता था। नौकरी की तलाश में उसको इधर उधर जाना पड़ता था, उसे किसी मकान की तलाश थी जिसका किराया कम हो जो बजट में हो,उस ऐसा एक मकान मिल भी गया था...पर जो मकान उसे मिला वहां कोई रहना पसंद ही नहीं करता था।।कम पैसो में मिल रहा था तो लेने का मन भी बना लिया शा़मा"ने उस मकान के आस पास
नमस्कार दोस्तो जैसा की आप इसके आगे का भाग-1में पड़ चुके हैं,,उसे लागा शायद लोगो की बातो का असर हो गया होगा।खाना ढ़क कर वह tv चलाने गई,जैसे खाना प्लेट में डाला वह मांसाहारी हो गया,शा़मा ने प्लेट ही ...और पढ़ेदी,और घबराकर डरने लगी मन ही मन में कहने लगी की मैंने तो मांस नहीं लिया था...उसका दिल जोर-जोर से धड़कने लगाऔर भूख तो जैसे मर सी गई हो बस डर और डर ही चेहरे पर था। उसे बार बार यहीं महसूस हो रहा था जैसे की कोई ना कोई उसके साथ हैं।उसको अचानक से अपने आस पास से बदबू
तीसरा पृष्ठभाग रहा हैं 'वक्त' या भाग रहे हैं 'हम' दोस्तों जैसे कि "पहले" और "दूसरे" पृष्ठ में आप (डर) कहानी के भाग पढ़ चुके हैं और अब मैं आपके सामने (डर भाग तीसरा )लेकर उपस्थित हूं। (शा़मा),वह लड़की ...और पढ़ेडर से भागती तो हैं पर डर उससे दूर नहीं...... (शा़मा)की मदद कौन करता मैं वह चीखती चिल्लाती या फिर यह कह लो कि कोई मदद ही नहीं करना चाहता था उसकी।कुछ भी कह सकते हैं उधर (शा़मा) के लिए इस घर की पहली रात मानो मौत की आहट सी हो अचानक से मकान की सारी लाइटें जलने और बुझने लगी...(शा़मा)जब मेन
रोते-रोते शामा मौत की दुआ मांगने लगी, उसका शरीर पूरा मानो बेजान सा हो गया अब वह चलने में भी असमर्थ हो गई 'पर हिम्मत नहीं हारी,बाथरूम से बाहर आकर फर्श पर आ गिरी और वह बेहोश हो गई/ ...और पढ़ेसमय बाद जब उसे होश आया और उसने आंखें खोली तो उसने अपने सामने खून से लथपथ खुले लंबे बालों,डरावने चेहरे वाले,साए को देखा।वह उसे कह रहा था अब तेरी बारी हैं यह घर मेरा हैं तेरा नहीं चली जा यहां से-शामा ने दबी आवाज़ और नम आंखों से कहां मुझे छोड़ दो मैं चली जाऊंगी-मत करो मेरे साथ ऐसा