Saurabh Sangani लिखित उपन्यास Love and Cross

Love and Cross द्वारा  Saurabh Sangani in Hindi Novels
अध्याय 1: प्रेम का पहला इनकारउस दिन उसने ज़्यादा कुछ नहीं कहा था।बस एक लाइन —“मुझे नहीं लगता कि मैं तुम्हारे लिए वैसे कु...
Love and Cross द्वारा  Saurabh Sangani in Hindi Novels
अध्याय 5: तेरा होना, मेरा क्रूस थातुम्हें पाना एक दर्द था,लेकिन तुम्हारे बिना तो सांस लेना भी अंधकारमय लगता है।तुम मुझे...
Love and Cross द्वारा  Saurabh Sangani in Hindi Novels
अध्याय 9: तू गया, पर मैं कभी रुका नहींतू चला गया — बिना कोई शक,बिना कोई शोर।और मैं वहीं खड़ा रहा कुछ वक़्त,जैसे कोई अधूर...