धधक - उपन्यास
नादान लेखिका
द्वारा
हिंदी महिला विशेष
एक ऐसी लड़की की कहानी, जो अपनो के विश्वासघात से टूट चुकी है। लेकिन उसके मन मे इंतकाम की ज्वाला धधक रही है। वो किसी भी कीमत पर इन्तेक़ाम लेना चाहती है। एक लड़की, जिसने कभी गलत रास्ते को ...और पढ़ेचुना.... हमेशा सिर्फ और सिर्फ सच का साथ दिया। अब वो बदला लेने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार थी। क्या वो अपने मकसद में कामयाब हो पाएगी??
तुम मेरे साथ ऐसा कैसे कर सकते हो अमान?? जस्ट आंसर मी। हाऊ डेर यु। तुमने मुझे चीट किया। मुझेss.... आई एम नॉट हंसिका.... आई एम ज़ोया। तुमने बहुत बड़ी गलती कर दी मुझे धोखा देकर। बहुत बहुत बड़ी गलती। जिसका हर्जाना तो तुम्हे और तुम्हारी उस सो कॉल्ड सेक्रेटरी जिया को भुगतना ही पड़ेगा। मैंने इस दुनिया मे सबसे ज्यादा तुम दोनो पर विश्वास किया था और तुम दोनो ने ही मेरी आँखों मे धूल झोंकी। सही कहते हैं दुनिया वाले....बाहर के लोग तो ठगते हैं, धोखा तो कोई अपना ही देता है। जिया, जो मेरे लिए मेरी जान से प्यारी बहन थी। जिसके लिए मैंने हमेशा अपनी खुशियों को ताक पर रख दिया और अमाल... मेरा प्यार। जिसके लिए मैंने अपनी ज़िंदगी दांव पर लगा दी। तुम दोनो ने ही मेरे प्यार, परवाह, मासूमियत और विश्वास का फायदा उठाया। तुम दोनो...
एक ऐसी लड़की की कहानी, जो अपनो के विश्वासघात से टूट चुकी है। लेकिन उसके मन मे इंतकाम की ज्वाला धधक रही है। वो किसी भी कीमत पर इन्तेक़ाम लेना चाहती है। एक लड़की, जिसने कभी गलत रास्ते को ...और पढ़ेचुना.... हमेशा सिर्फ और सिर्फ सच का साथ दिया। अब वो बदला लेने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार थी। क्या वो अपने मकसद में कामयाब हो पाएगी??तुम मेरे साथ ऐसा कैसे कर सकते हो अमान?? जस्ट आंसर मी। हाऊ डेर यु। तुमने मुझे चीट किया। मुझेss.... आई एम नॉट हंसिका.... आई एम ज़ोया। तुमने बहुत बड़ी
फ्लैशबैक चार साल पहले:- "कामना.... आज की जितनी भी मीटिंग्स हैं, उनमें जो सबसे जरूरी है पहले उनकी लिस्ट लेकर आओ। और जिनमे मेरा जाना या होना जरूरी नही, उनमें हंसिका को कहो वो अटेंड करेगी।" ज़ोया ने ऑफिस ...और पढ़ेकदम रखते ही अपनी सेक्रेटरी कामना को कहा। कामना उसके पीछे "इस मैम, ओके मैम" करते हुए कदम से कदम मिलाने की कोशिश कर रही थी। ऑफिस में सबको पता था, ज़ोया के लिए एक एक पल कितना मायने रखता है। उसके हिसाब से जो व्यक्ति वक़्त की कद्र नही करता, वक़्त उसकी कदर नही करता। इसलिए सबको समय का
रात को जब वो घर पहुंची तो उसे गुदगुदी सी हो रही थी। बार-बार अपने और अमान के बारे में सोच-सोचकर उसका बदन सिहर उठता। अमान को वो पिछले दस सालों से जानती थी। अमान एक कम्पनी में स्क्रिप्ट ...और पढ़ेथा और ज़ोया भी किसी कम्पनी के लिए न्यूज़ एडिटिंग का काम करती थी। एक केस के सिलसिले में दोनो की पहली मुलाकात हुई। और उसके बाद तो ये मुलाकात बढ़ती ही चली गयी। कितना खूबसूरत पल था वो ज़ोया के लिए.... जब अमान ने उसे डरते-डरते प्रपोज किया था। ज़ोया ने उसे इतने गुस्से में घूरकर देखा था की
ज़ोया जिया को अपने ही रूम में ले गयी। एक काम करो, अभी तो तुम इसी रूम में रुको.... फिर अपने रूम को अपने हिसाब से सेट करवा लेना।" "ओकेsss।" जिया ने लंबा खींचते हुए कहा और बेड पर ...और पढ़ेगयी। ज़ोया ने फैन की स्पीड बढ़ा दी और बोली,"तुम जाकर फ्रेश हो लो और चेंज कर लो। मैं खाने की तैयारी करती हूँ। दोनो साथ मे खाएंगे।" ज़ोया ने कहा और किचन में घुस गई। जिया ने अपने बैग से कपड़े निकाले, बेड पर पटके और टॉवल लेकर नहाने चली गयी। ज़ोया ने अमान को फोन लगाया,"कहाँ हो तुम?"
ज़ोया ने कुछ दिनों की छुट्टी ले ली थी काम से। वो अपना सारा वक़्त जिया को देना चाहती थी। वो थोड़ी सेटिटूड हो जाये ताकि। ज़ोया उसे घुमाने-फिराने लेकर गयी, बाहर खाना खिलाया, शॉपिंग कराई। चार-पांच दिन बड़ी ...और पढ़ेबीत गए। इस बीच अमान का फोन मात्र एक दो बार ही आया था। ज़ोया को थोड़ा अजीब लग रहा था। एक रात फुर्सत होकर उसने अमान को कॉल किया,"कहाँ बिजी चल रहे हो?बात करने तक कि फुर्सत नही है??" "बस काम मे व्यस्त था यार। फिर मुझे लगा, तुम्हे समय देना चाहिए, ताकि जिया के साथ वक़्त बिता सको।
ज़ोया और अमान लोगो से मिल रहे थे, बधाइयां ले रहे थे और जिया ज़ोया के कान में धीरे से कुछ कहकर कमरे में आ गयी। उसे फर्स्ट नाईट के लिए ज़ोया का कमरा तैयार करना था। वैसे तो ...और पढ़ेसुबह ही डेकोरेशन वाले से ये काम करवा लिया था, मगर कुछ आखिरी काम रह गया था। उसने कमरे में स्प्रे किया। जिसकी स्मेल बेहद ही मादक थी। कुछ पल के लिए तो वो खुद ही मदहोश हो गयी। फिर उसने एक पैकेट निकाला , जिसमे ज़ोया के लिए एक ड्रेस थी। उसने उस पैकेट को उठाके बेड के साइड
ज़ोया और अमान शादी के बाद काफी खुश थे एकदूसरे से। जिया ने भी कोई सी कम्पनी जॉइन कर ली थी अपनी क्वालिफिकेशन के हिसाब से। ज़ोया ने भी उसे मना नही किया था। अगर वो आगे बढ़ना चाहती ...और पढ़ेतो यही सही। वैसे भी उसका काम अलग था। एक दिन ज़ोया और अमान जिया के साथ डिनर के लिए निकले। खाना खाते हुए अचानक जिया ने कहा,"जब अमान और ज़ोया तुम दोनो का काम एक ही है तो तुम दोनो अलग-अलग कम्पनी में क्यों काम करते हो? साथ मे क्यों नही? साथ मे काम करोगे तो वक़्त बचेगा.... रुपये
ज़ोया ने उसे मैसेज सेंड किया और उसने जैसे ही मोबाइल वापस टेबल पर रखा... उसका मोबाइल फिर से बीज उठा। उसने देखा..."हंसिका। ये इतनी सुबह कॉल क्यों कर रही है?" फिर कॉल रिसीव कर,"हाँ हंसिका बोलो।" 'मैम आप ...और पढ़ेहै ?" हंसिका ने कहा। ज़ोया हैरानी से,"रेडी?? लेकिन क्यों?" "हमारी फ्लाइट है ना नौ बजे की।' हंसिका ने कहा। ज़ोया के आश्चर्य की कोई सीमा ना रही,"नौ बजे क्यों? दो बजे की फ्लाइट है ना?" "नो मैम। सुबह नौ बजे की फ्लाइट है। मैंने आपको शेड्यूल मेल किया था।" हंसिका ने उसे याद दिलाया। ज़ोया को विश्वास नही हुआ....ऐसी
अमान उसकी गर्दन को चूमकर,"तुम्हारी ये सुराहीदार गर्दन....फिर धीरे-धीरे ऊपर की ओर बढ़ते हुए उसने जिया के कान को अपने दांतो से दबाया। हल्की सी सिसकी बन्ध गयी जिया की। अमान अपनी उंगलियां लगातार उसके जिस्म पर किसी पंख ...और पढ़ेतरह सहला रहा था। जिसने जिया के अंदर आवेग पैदा कर दिया। उसने खुद को अमान की बाहों में ढीला छोड़ दिया। उसकी नसों में खिंचाव होने लगा। अमान उसके चेहरे पर लगी चॉकलेट को अपनी होंठो से छूकर,"मुझे नही पता था, इस तरह चॉकलेट खाने से उसका स्वाद और बढ़ जाता है।" और उसने जिया के गालों को ज़ोर
"जिया के शब्दों ने अमान को ऐसा उलझाया की वो उसमे से बाहर ही नही निकल सका। उसने एक कोशिश सुर की,"मेरा और ज़ोया का प्यार इतना कमजोर नही है कि तुम आरोप लगाओ और वो मान जाए। सबूत ...और पढ़ेहै तुम्हारे पास? मैने तुम्हारे साथ कुछ भी गलत किया है?" अमान की बात सुनते ही जिया ने उसके सामने दोनो हाथ जोड़ लिया और गिड़गिड़ाने लगी,"अमान प्लीज.... ऐसा मत बोलो। मैं अपनी बहन को धोखा नही दे सकती। तुमने मेरे साथ जो किया वो मैं किसी से नही कहूंगी। हो जाती है गलतियां दिन के उजाले में भी। तुम
अमान को समझ नही आया। जिया इस तरह क्यों मुस्कुराई? उसने पूछा,"अब क्या चल रहा है तुम्हारे दिमाग मे?" जिया ने अपनी बाहें ओर कस दी अमान के गले मे। वो अपने हाथों को उसकी गर्दन के ईर्दगिर्द लपेटते ...और पढ़ेअपना चेहरा उसके करीब लाकर बोली,"कमरे में जो काम अधूरा छोड़ा था, सबसे पहले उसे पूरा करो।" अमान का जी धक से रह गया। उसकी आंखें जितनी हो सके, उतनी बड़ी हो चुकी थी। उसने ना में सिर हिलाया। उस ऑय कतई मंजूर नही था। जिया ने गुस्से में दांत पीसे और उसकी गर्दन पर से हाथ हटाकर उसके बालो
अमान तैयार होकर बाहर आया। जिया भी रेडी थी। उसने सिल्वर कलर की एक सेक्सी सी शर्ट पहनी हुई थी। जो थोड़ी ट्रांसपेरेंट थी। उसके अंदर से उसके इनरवेयर अलग ही नज़र आ रहे थे। शर्ट के ऊपर तीन ...और पढ़ेखुले हुए थे, जिसकी वजह से उसके आकर्षक उभार उसे बेहद हॉट लुक दे रहे थे। अमान ने पूछा,"ये पहनकर चलोगी ?" "कहीं नही जाना है!" जिया ने बेपरवाही से कहा । अमान का सिर चकरा गया। उसने पूछा,"तो फिर तैयार होने को क्यों कहा?" "शॉपिंग तो करनी है। लेकिन घर बैठे ऑनलाइन। पहले तो मैं मॉल जाने का ही
जिया ने कॉल रिसीव किया,"हां ज़ोया बोलो। सोई नही अभी तक।" उसने झूठी फिक्र जाहिर की। ज़ोया ने कहा,"आ थोड़ी देर पहलेही मीटिंग खत्म करके होटल आइ हूँ। सोने से पहले सोचा अमान से बात कर लूं तो पता ...और पढ़ेवो किसी न्यूज़ के लिए बाहर गया है या शायद कहीं व्यस्त है।" "हां, उन्होंने बताया था मुझे।" जिया ने झूठ कहा। ज़ोया ने कहा,"इसलिए मुझे चिंता हो रही थी तुम्हारी। तुम अकेली कैसे रहोगी? तो मैंने कामना को बोल दिया था तुम्हारे पास आकर रुक जाएगी वो रात को।" ज़ोया ने धमाका किया। सुनकर ही जिया का पारा सातवें
अमान और जिया पूल के अंदर अठखेलियाँ कर रहे थे। कभी एक दूसरे के शरीर के साथ छेड़छाड़ तो कभी खींचतान। जिया को कुछ याद आया, वो अमान से बोली,"एक मिनट मैं अभी आई।" "कहाँ जा रही हो?' अमान ...और पढ़ेउसे रोका। लेकिन जिया पूल दे बाहर निकली और तेज़ कदमो से घर मे गयी और जल्द ही हाथ मे एक बियर बोटल और दो ग्लास लेकर बाहर आ गयी। पूल में।उतरते समय उसने हाथ बढाकर कहा,"हेल्प करो।" अमान ने आकर थामा उसे। जिया ने दोनो ग्लास में बियर ली और दोनो ही ग्लास को आपस मे टकराकर,"चियर्स" बोलते हुए
अमान जिम जाने की तैयारी कर रहा था। जिया बाहर आई और उसे शूज़ पहनते देख हैरानी से बोली,"तुम कहाँ चले?""जिम जा रहा हूँ।" अमान बेफिक्र होकर बोला जिया गुस्से में,"तुम शायद भूल रहे हो तुम्हे ये तीन दिन ...और पढ़ेमेरे साथ बिताने हैं। तुम कहीं नही जाने वाले हो.।""आज तक मुझसे ज़ोया ने कभी मना नही किया, फिर तुम कौन होती हो मुझे मना करने वाली?" अमान चिढ़ गया था उसे इस रवैये से जिया मुस्कुराकर,"ठीक है जाओ। शौक से जाओ। लेकिन फिर ज़ोया को क्या जबाव दोगे? तुमने तो सबसे कहा है ना कि तुम तीन दिन के
"मुझे कोई प्रॉब्लम नही है। लेकिन तुम अपने शब्द याद रखना। अगर तुम हारे तो तुम्हे एक दिन मेरा गुलाम बनकर रहना होगा। मैं जो कहूंगी वो सब करना है तुम्हे वो भी बिना किसी झिकझिक।"मंजूर है।" अमान उसकी ...और पढ़ेमानते हुए बोला।उसने पुशअप्स करना स्टार्ट किया। जिया जैसे ही अपना चेहरा उठाती अमान ऊपर हो जाता। तीन पुशअप्स के बाद जिया बड़ी मुश्किल से एक किस कर पाई। अमान ने कहा,"कोई नही.... अभी तो शुरुआत है। कोशिश करती रहो।" वो लगातार पुशअप्स किये जा रहा था। जिया जितना सरल समझ रही थी, ये उतना आसान नही था। लेकिन उसे
"कामना.... इस मिस्टर सक्सेना का कुछ करना पड़ेगा। ये कुछ ज्यादा ही हवा में उड़ रहा है। इसे लग रहा है, अकेली लड़की है क्या जीत पाएगी ?? इसे सबक सिखाना होगा। मैंने तुम्हें इसका स्टिंग ऑपरेशन करने को ...और पढ़ेथा ना.... वो वीडियो क्लिप मुझे भेजो।" जोया ने अपनी सेक्रेटरी से कहा। "जी मैम। मैं अभी आपको वो क्लिप मेल करती हूँ।" कामना ने कहा।जोया ने पूछा,"सुबह कब आई तुम जिया के पास से?"कामना के रोंगटे खड़े हो गए। वो क्या जवाब देती ज़ोया को। उसे कल की बात याद आ गयी। वो अपने बॉयफ्रेंड के साथ नशे में
जहां एक तरफ ज़ोया "काम" करके अपनी बहन और पति के फ्यूचर के लिए सरप्राइज प्लान कर रही थी, वहीं दूसरी ओर उसका पति और बहन अपने अलग ही "काम" में डूबे हुए थे। ज़ोया उनके लिए अपना समय, ...और पढ़ेऔर शरीर खर्च कर रही थीं, वहां अमान और जिया अपना सारा समय और एनर्जी एकदूसरे के शरीर पर खर्च कर रहे थे। एकदूसरे के साथ वासना में लिप्त उन्हें ज़ोया की कोई फिक्र नही थी। वो बस अपने लिए फिक्रमंद थे।ज़ोया को कभी-कभी अपना बर्ताव बहुत अखर सा जाता। वो अमान के साथ जिस तरह पेश आती.... उसके बाद
जिया ने बोलना स्टार्ट किया,"ज़ोया और मेरी माँ यजी बहने थी। डैड को बेटा चाहिए था... लेकिन मौसी की फर्स्ट डिलीवरी के वक़्त कुछ अड़चने आ गयी थी। जिसके बाद डॉक्टर ने उन्हें सेकंड बेबी के लिए रिस्क ना ...और पढ़ेकी सलाह दी। डैड को बेटा चाहिए था। उनका दबदबा और बहुत रुतबा था। सब जानते थे कि अगर उन्हें बेटा चाहिए तो वो बेटे के लिए अपनी पहली बीवी को तलाक देकर दूसरी शादी कर सकते हैं और इसके लिए आसानी से उन्हें कोई सी भी लड़की मिल जाएगी। आखिर इंसान के पास दौलत और शौहरत हो तो वो
जिया और अमान एक दूसरे में सिमटे बेसुध से सोए हुए थे।दोनो को कोई जल्दी नही थी उठने की। ग्यारह बजे चुके थे। छत के जिस कोने में वे सो रहे थे, वहां धूप पहुंचने में समय लगता था। ...और पढ़ेउनकी नींद में कोई खलल नही पड़ा। मगर सूर्यदेव की किरण कुछ समय बाद उनके चेहरे पर पड़ने लगी और दोनो को कसमसाते हुए मन मारकर जागना ही पड़ा। अंगड़ाई लेते हुए जैसे ही दोनो की नजरें आपस मे टकराई, जिया ने शर्माकर नज़रें झुका ली। "आये हाये, क्या बात है....इतनी बेबाक और बिंदास लड़की शर्माती भी है?" अमान ने
ज़ोया एयरपोर्ट के बाहर खड़ी थी। उसने कम्पनी से कार बुलवाई थी। लेकिन ट्रैफिक की वजह से वो एयरपोर्ट पहुंच नही पाई। वो बार-बार घड़ी में समय देखती। समय की बर्बादी उसे बिल्कुल बर्दाश्त नही थी। उसके चेहरे पर ...और पढ़ेवहां इंतज़ार करते काफी समय हो गया था और इसी वजह से खीज साफ नजर आ रही थी। तभी किसी ने पीछे से उसकी कमर पर हाथ रखा। ज़ोया चौंकते हुए हड़बड़ा गयी। आखिर इतनी दिम्मत किसने आ गयी?? उसने गुस्से में पलटकर देखा और उसके चेहरे पर हैरानी और खुशी के मिलेजुले भाव उभर आई,"अमोल तुमsss...!" वो जानती थी