BOYS school WASHROOM book and story is written by Akash Saxena "Ansh" in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. BOYS school WASHROOM is also popular in सामाजिक कहानियां in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
BOYS school WASHROOM - उपन्यास
Akash Saxena "Ansh"
द्वारा
हिंदी सामाजिक कहानियां
ठक ठक ठक...ठक ठक ठक... दरवाज़े पर ज़ोर से आहट होती है,विहान!विहान...स्कूल बस आती ही होगी 7 बज चुके हैं क्या कर रहे हो,आज फिर देर करोगे क्या?विहान की माँ( प्रज्ञा) उसे आवाज़ लगातीहै।विहान जो कि 12 साल का है-मम्मा बस आ ही गया।प्रज्ञा-जल्दी आओ तुम्हारा बैग और टिफ़िन लगा दिया है। विहान-बस आ ही गया माँ और दरवाज़ा खुलता है,गोल मटोल मासूम सा विहान हँसता हुआ बाहर आता है, उसके बाल बिगड़े और जूतों के फीते खुले होते हैं,इतने बड़े हो गए पर अभी भी फीते बांधने नहीं आये तुम्हें प्रज्ञा कहते हुए उसके फीते बांधने लग जाती है।तभी बस के
ठक ठक ठक...ठक ठक ठक... दरवाज़े पर ज़ोर से आहट होती है,विहान!विहान...स्कूल बस आती ही होगी 7 बज चुके हैं क्या कर रहे हो,आज फिर देर करोगे क्या?विहान की माँ( प्रज्ञा) उसे आवाज़ लगातीहै।विहान जो कि 12 साल का ...और पढ़ेबस आ ही गया।प्रज्ञा-जल्दी आओ तुम्हारा बैग और टिफ़िन लगा दिया है। विहान-बस आ ही गया माँ और दरवाज़ा खुलता है,गोल मटोल मासूम सा विहान हँसता हुआ बाहर आता है, उसके बाल बिगड़े और जूतों के फीते खुले होते हैं,इतने बड़े हो गए पर अभी भी फीते बांधने नहीं आये तुम्हें प्रज्ञा कहते हुए उसके फीते बांधने लग जाती है।तभी बस के
पिछले भाग में आपने पढ़ा कि कैसे स्कूल बस में कुछ लड़के विहान को परेशान करने लगते हैं और विहान अपने बड़े भाई यश को आवाज़ लगा देता है,अब आगे"यश भईया।" "यश भईया।"विहान के बुलाते ही सब लड़के फटाफट ...और पढ़ेसीट पकड़ कर बैठ जाते हैं। यश बस में आगे बैठा होता है और आवाज़ सुनते ही अचानक खड़ा होकर विहान से पूछता है 'क्या हुआ विहान? कोई परेशानी?' और पूछता हुआ विहान की तरफ बढ़ता है, जो कि पीछे बैठा हुआ होता है, 'क्या हुआ अब?'यश बड़बड़ाता हुआ विहान के पास जाकर बैठ जाता है।यश-बोलो क्या हुआ? मेरे सुपरमैन
पिछले भाग में आपने पढ़ा कि कैसे यश की बस मे कुछ लड़कों से कहा सुनी हो जाती है और मामला बस इन्चार्ज तक पहुंचता है। बस में बच्चों को डरता देख टीचर बात को ज़्यादा आगे ना बढ़ाते ...और पढ़ेचुप चाप हर्षित,विशाल और राहुल को आगे जाकर बैठने के लिए कहता है...जिसमे से विशाल तो आगे चला जाता है पर हर्षित और राहुल अपनी सीट पर अड़े रहते हैं ,विहान भी यश के साथ आगे जाकर बैठ जाता है और लगभग तीस मिनट बाद बस स्कूल पहुंचती है।अब आगेचलो सब जल्दी जल्दी अपनी अपनी क्लासेस में पहुँचो "कम ऑन
घंटी की आवाज़ के साथ ही पेओन अंदर जाता है-'जी सर जी '.... प्रिंसिपल (गुस्से मे) एक पर्ची पेओन के हाथ मे थमा देता है-"जाओ इन सभी बच्चों को अभी की अभी मेरे रूम मे भेजो... लेकिन पहले विहान ...और पढ़ेभेजना उसके बाद बाकी सब को"... पेओन जल्दी से जाता है और पहले विहान को और फिर बाकी सब को प्रिंसिपल के पास जल्दी से आने को कहता है।.... प्रिंसिपल रूम मे बुलाये जाने की बात से ही हर्षित, राहुल और विशाल के पसीने छूटने लगते है... सब प्रिंसिपल के रूम के बाहर जाकर खड़े हो जाते हैँ लेकिन उन्हें
हर्षित, विशाल और राहुल प्रिंसिपल रूम से रोते हुए ही बाहर जाते हैँ तो उनकी रोनी शक्लो को देखकर पेओन उन पर तंज कस्ता है.. 'लगता है भईया हो गया काण्ड'... ये सुन कर हर्षित आग बबूला हो उठता ...और पढ़ेऔर गुस्से मे आकर पेओन का कालर पकड़ के अपनी तरफ ज़ोर से खींचता है..."कांड तो बेटा अब इन दोनों भाईयों का होगा और साथ मे तेरा भी"... राहुल-चल हर्षित इसे तो बाद मे देखेंगे... और तीनो चले जाते हैँ इधर अंदर प्रिंसिपल सर यश के कंधे पर हाथ रखते हैँ-"देखो यश तुम एक बहुत अच्छे और समझदार बच्चे हो...