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चिंटू - उपन्यास
V Dhruva
द्वारा
हिंदी फिक्शन कहानी
मां मुझे भूख लगी है, हमे खाना कब मिलेगा? उसकी मां उसे अपनी गोद में बिठाकर कहती है जल्दी ही। पर ये तो आप कब से कह रही है। मुबंई के एक पॉश इलाके में यह वाक्य चल रहा था। एक शादी के बाहर मां अपने दो बच्चों के साथ बैठी है। कहीं कुछ बचा कुचा खाना मिल जाए। मां का नाम था शारदा। उसका पति उसे छोड़कर चला गया था। शारदा अपने दो बच्चो का भीख मांग कर गुजारा करती है। आज एक शादी थी वहा सब भिखारियों के साथ वह भी अपने
मां मुझे भूख लगी है, हमे खाना कब मिलेगा? उसकी मां उसे अपनी गोद में बिठाकर कहती है जल्दी ही। पर ये तो आप कब से कह रही है। मुबंई के एक पॉश इलाके में यह वाक्य चल रहा ...और पढ़ेएक शादी के बाहर मां अपने दो बच्चों के साथ बैठी है। कहीं कुछ बचा कुचा खाना मिल जाए। मां का नाम था शारदा। उसका पति उसे छोड़कर चला गया था। शारदा अपने दो बच्चो का भीख मांग कर गुजारा करती है। आज एक शादी थी वहा सब भिखारियों के साथ वह भी अपने
सुमति ने चिंटू से पूछा- क्या हुआ चिंटू? तुम्हारा मुड़ कुछ ठीक नहीं लग रहा। चिंटू ने फिर जो आज स्कूल में हुआ वह सब बताया। सुमति- देख चिंटू, बड़े लोगो की बड़ी बाते। तुम्हे उन्हे अनदेखा करके सिर्फ ...और पढ़ेसिर्फ पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए। तुम ना एक काम करो, जब तुम्हारी परीक्षा आए तब खूब मेहनत करके अच्छे नम्बर लाना। चिंटू- उससे क्या होगा? सुमति- उससे होगा यह की जब स्कूल के टीचर तुम्हारे रिज़ल्ट को सरहेंगे तो सब अपने आप तुम्हे होशियार विद्यार्थी समझकर तुमसे सामने से ही बाते करेंगे। मै चाहती हूं तुम हमेशा अव्वल ही
दिन बहुत अच्छे चल रहे थे। एक दिन सुमति की मां और पिता रविवार के दिन अपने मालिक के घर गए थे। मालिक ने उन्हे घर का ध्यान रखने के लिए बुलाया था। वहा रात को पार्टी थी तो ...और पढ़ेआने वाले थे। सुमति उस दिन चिंटू के वहां ही रुकी थी। रात को जब सब मेहमान आ गए तो मंगु और रामू घर के पीछे जहा रसोई का काम चल रहा था वहां ध्यान रखने बैठे थे कि कहीं किसी चीज की जरूरत न पड़े। पार्टी शुरू हो गई थी। मेहमानों ने खाना भी शुरू कर दिया था तभी
रात को गर्मी की वजह से सब टेरेस पर सोने जाते है। पहले तो निंद अा गई सबको पर आधी रात बीतने पर सुमति की निंद खुल गई। उसको मच्छर काट रहे थे तो कुछ देर तो सोती रही ...और पढ़ेफिर वो नीचे चली गई। कुछ ही देर में चिंटू भी उठा, उसने देखा सुमति कहीं दिख नहीं रही थी। वह भी नीचे घर पर अा गया। दरवाजा अंदर से बंद था। उसने दरवाजे पर दस्तक दी तो सुमति ने दरवाजा खोला। सुमति- अरे तुम्हे भी निंद नहीं अाई?? चिंटू- मै उठा तो तुझे वहा ना पाकर डर गया था।
जब चिंटू घर आता है तो दरवाजा थोड़ा खुला हुआ देखता है। चिंटू सोचता है इसने दरवाजा खुला छोड़ा है तो आज तो इसे डराता हुं। वह जैसे ही सुमति को डराने के लिए दरवाजा खोलता है तो सामने ...और पढ़ेको बाथरूम में देखता है। बाथरूम के दरवाजे की पोजिशन ड्रॉइंगरूम और मेईन डोर की तरफ थी। सुमति यह सोचकर नहाने गई थी कि दरवाजा बंद है तो कोई आनेवाला नहीं है अंदर। उसके शरीर पर दो कपड़े थे और उसकी पीठ दरवाजे की तरफ थी। चिंटू यह देखकर दरवाजे पर ही जड़वत खड़ा रह गया। फिर जब उसे अहसास