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"ના ગડગડાટ, ના ચમકારા.. વળી બહુ જોખી જોખી ને વરસે છે... શંકાસ્પદ છે આગમન તારું, કેમ આમ માણસની જેમ વર્તે છે..?" અજ્ઞાત
गर यकीन न हो.. तो बिछड़ कर देख लो . .. तुम मिलोगे सबसे, मगर हमारी ही तलाश में ...
वो तब भी थी, अब भी है और हमेशा रहेगी... ये रूहानी मुहब्बत है, कोई तालीम नहीं जो पूरी हो जाये... -अज्ञात
શ્વાસને શંકા પડી કે હૃદય કેમ બળે છે...? પછી ખબર પડી કે, રક્તમાં થીજી ગયેલું તારું નામ ઓગળે છે!!!
ज़ब्त कहता है की ख़ामोशी में बसर हो जाए, दर्द की ज़िद है के दुनिया को ख़बर हो जाए..
दर्द लेकर भी उफ्फ न करना दस्तूर है चल ऐ इश्क, तेरी ये शर्त भी हमें मंजूर है...
आँखे बंद कर लो अपनी, लोगो को आखों में धूल झोंक ने की महारत हांसिल हुई है।
ना जाने किस बात पर वो नाराज़ हैं हमसे, ख्वाबों में भी मिलते हैं तो बात नही करते..
कत्ल करके जाता तो .. दुनिया की नजरों में आ जाता _ कातिल शातिर था .. मोहब्बत करके छोड़ गया
સખી, તું, મને તારામાં વાવી દે છોડ વાવે એ રીતે, પછી હું તારામાં ઉગીશ તારામાં વિસ્તરીશ તારામાં મ્હોરીશ ને પછી મારું સરનામું હશે ‘હું’ c/o ‘તું’
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