इश्क की लाइब्रेरी। - 19 Maya Hanchate द्वारा नाटक में हिंदी पीडीएफ

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इश्क की लाइब्रेरी। - 19


रीकैप

पिछले चैप्टर में हमें यह पढ़ा की किस तरह से रेणुका जी माया को समझाती है और उसे के गालों पर दवाई लगती है तभी माया का कॉल आता है तो माया कॉल उठाती है तो सामने से रोहन उसे पूछता है कि वह पेनल्टी भरने वाली है या जॉब करने वाली है तो माया उसे बोलती है कि वह जॉब करेगी दूसरी तरफ यूनिवर्सिटी में रितु अंजलि रुचिता पर गुस्सा करते है।

तभी आरती का कॉल बज उठा है तो वह भी देखती है कि उसे भी अननोन नंबर से कॉल आए वह कॉल उठाकर बात करती है तो, उसे दूसरी तरफ से कहा जाता है कि कल से वह ऐ आर के कॉर्पोरेशन में जॉब कर सकती है। 

दूसरी तरफ सड़क पर एक टेंपो उल्टा पड़ा हुआ था और उसमें एक आदमी फंसा हुआ था तो एक बाइक वाला आकर उसे टेंपो वाले को बचाता है। 

अब आगे 

जैसे ही भीड़ में खड़े लोग देखते हैं कि टेंपो में आग लग गया है वह टेंपो से दूर जाते हैं। 

तभी वह एक एंबुलेंस वैन आता है और पुलिस जीप भी।

पुलिस वाले जीप से उतरते हैं और भी को साइड हटाते हैं जो आदमी आपका एक अपने सर पर हेलमेट लगाए रखा था वह अपना हेलमेट निकलता है। 

उसे आदमी की हेलमेट निकलते ही सभी लोग उसे आदमी का चेहरा देखकर हैरान रह जाते हैं क्योंकि वह कोई आदमी नहीं एक लड़की थी इस वक्त वह लड़की के बाल हेलमेट निकालने की वजह से हवा में लहरा रहे थे।

वह लड़की इस वक्त किसी एक्शन हीरोइन से काम नहीं लग रही थी ‌।

वह लड़की टेंपो वाले के पास जाती है और उसे सहारा देकर एंबुलेंस की तरफ ले जाती है और एंबुलेंस के बेड पर लेट देती है कोई उसे लड़की को देखकर यह नहीं बोल सकता था कि वह अबला कमजोर नारी है। 

तभी पुलिस वाला लड़की के पास आता है और बोलता है तुम दोनों दोस्त कभी नहीं सुधरोगी अरे यार एक ऐसा मौका दो हमें भी की हम अपना काम कर सके। 

पुलिस वाले की बात सुनकर उसे लड़की को कुछ समझ नहीं आता और वह अपनी एक आईब्रो ऊपर कर कर उसे पुलिस वाले को देखते हैं मानो यह कहना चाहती है कि क्या कहा आपने मुझे समझ नहीं आया। 

पुलिस वाला बोला अरे सुबह तुम्हारी दोस्त माया में भी एक गुंडों के ग्रुप को पकड़ाया है।

और अब तुमने एक आदमी की मदद की है कभी-कभी लगता है कि तुम दोनों दोस्ती मिलकर शहर को बचा लोग ऐसा करोगे तो हमारी नौकरी खाते में आएगी तो आएंगे याद रखना कि हमें हमारा काम करने दो। 

पुलिस वाला इतना बोलकर चुप हो जाता है। 

पुलिस वाले की बात सुनकर वह लड़की यानी मोहना बोली आप लोग टाइम पर आ जाते तो हम दोनों को शहर बचाना नहीं पड़ता है।

मोहना की बात सुनकर वह पुलिस वाला अपना मुंह बना लेता है। 

इतना बोलकर मोहना वहां से चली जाती है।

तभी उस पुलिस वाले के पास एक कांस्टेबल आता है और उससे पूछता है क्या हुआ साहब आपको  इन दोनों लड़कियों से पंगा लेने में क्या मजा आता है। 

पुलिस वाला मोहना हो जाते देखकर बोला उन लड़कियों को देखकर ऐसा लगता है कि काश में दो बेटों से बाप होने की बजाय उन लड़कियों की जैसी एक बेटी होती तो कितना खुश किस्मत होता, इसलिए तो मैं उन लड़कियों से पंगा लेता हूं उन में मुझे  अपनी बेटी दिखती है जो इस दुनिया से आने में पहले ही चली गई थी। 

इस वक्त मैं पुलिस वाला सेंटीमेंट हो गया था। 

कांस्टेबल बोल बोल तो आप सही रहे सर उन दोनों लड़कियों की तरह शहर के आधे लोग भी होंगे तो हमारे शहर में क्राइम काम हो जाएगा।

पुलिस वाले एक्सीडेंट स्पॉट को बंद कर देते हैं। 

कोई था जो मोहना को उसे टेंपो वाले को बचाते देखा और उन पुलिस वालों की बातें भी सुनात है।

वह आदमी खुद से बोलता है अगर तुम मुझे दूसरी बार मिलोगी तो मैं किस्मत का इशारा समझ कर तुम्हें अपना बनाऊंगा। इतना बोलकर स्माइल देता है। (यह आदमी कोई और नहीं हमारे कहानी के सेकंड लीड रोहन है जो इंद्रजीत के कम की वजह से बाहर आया था और भीड़ को देखा है तो भीड़ के अंदर जाता है। रोहन उस टेंपो वाले को बचाने जा रहा था कि तभी वह देखता है कि एक बाइक वाला आकर उसे टेंपो वाले को बचाता है)।

इतना बोलकर रोहन अपनी कार की तरफ जाता है और कहां पर बैठकर वहां से निकल जाता है। 

इस वक्त मोहना भाईक को तेजी से अपनी कॉलेज की ओर बढ़ती है क्योंकि वह सुबह अपना कैटरिंग का आर्डर लेने के लिए गई थी और उसे कॉलेज जाने में देर हो रहा था बीच में उसने उसे टेंपो वाले की भी जान बचाई जिसकी वजह से अभी उसे कॉलेज जाने में बहुत ही देर हो रहा था। 

पर कॉलेज अंदर आती है और अपने बाइक को पार्किंग में परक कर कर कैंटीन की तरफ आती है। 

जहां चारों लड़कियां उस का इंतजार कर रही थी। 

मोहना आते हुए बोली तुम चारों का क्लास नहीं है जो यहां बैठकर गॉसिप कर रहे हो। 

अंजलि मोहन को देखकर उसका हाथ पकड़ते हुए खींचकर कुर्सी पर बिठाती है और उसे आज कॉलेज में क्या हुआ वह सब बताती है। 

मोहना रुचिका के बारे में जानकर कुछ भी रिएक्ट नहीं करती पर आरती की बात के बारे में जानकर आरती से बोलता है क्या तुम कल से जा रही हो?

आरती बोली हां जाने वाली हूं पर मुझे बहुत डर लग रहा है मुझे समझ नहीं आ रहा कि मैं कुछ कर भी पाऊंगी या नहीं। 

मोहना बोली तुम्हें डरने की जरूरत नहीं है तुम जानती हो ना वहां माया भी होगी तो तुम दोनों एक दूसरे को संभाल लेना। 

मोहना यह सब बिना एक्सप्रेशंस के साथ बोलता है।

तभी मोहन के फोन का अलार्म बजना है वह देखी है कि इस वक्त 12:30 बज चुके हैं तो वह उन चारों को बोलती है कि मेरे क्लासेस का टाइम हो गया है तुम लोग भी अपने क्लासेस जाओ ।। मोहना वहां से चली जाती है। 

उसके बाद चारों लड़कियां भी उसके पीछे-पीछे चली जाती है। 



आई जे के कॉरपोरेशन 

इस वक्त इंद्रजीत माया को घूर रहा था क्योंकि माया कंपनी में आने में बहुत देर हो गया था। 

माया इंद्रजीत को सफाई देते हुए बोली आई एम सो सॉरी सर वह सड़क पर बहुत ज्यादा ट्रैफिक था आप तो जानते हैं कि आज दशहरा का पहला दिन है जिसकी वजह से सड़क पर इतना ट्राफिक जाम हो रखा है आगे समय ध्यान रखूंगी कि मैं कभी लेट ना हू।

इंद्रजीत माया को कोल्ड एक्सप्रेशन के साथ बोला आपको क्या लगता है मिस माया या कोई धर्मशाला है या पब्लिक पार्क जो आप जब चाहेंगे तब आएगी और बहाने देने के लिए आप मेरी स्टूडेंट नहीं हो ना ही मैं आपका टीचर हूं यह एक रिपीटेड कंपनी है जहां एम्पलाइज को डिस्प्ले के साथ रहना चाहिए।

माया अपना सर झुकाते हुए बोले आई एम सो सॉरी सर आइंदा मैं लेट नहीं होंगी ।

इस वक्त इंद्रजीत को बहुत ही गुस्सा आ रहा था ।

इंद्रजीत अपने गुस्से को कंट्रोल करते हुए बोला आप लेट आई है तो आपको उसे चीज का पनिशमेंट लेना होगा कि अपने कंपनी का रोल तोड़ा तो आप यह पनिशमेंट है कि आपको ग्राउंड फ्लोर से लेकर मेरे ऑफिस तक 10 चक्कर लगाना होगा वह भी बिना लिफ्ट के। 

इंद्रजीत की बात सुनकर माया अपनी आंखें बड़ी-बड़ी कर कर इंद्रजीत को देखते हैं क्योंकि इंद्रजीत उसे स्कूल टीचर की तरह पनिशमेंट दे रहा था वह भी क्या 10 चक्कर ग्राउंड फ्लोर से लेकर इंद्रजीत के केबिन तक वह भी बिना लिफ्ट के। 

इस वक्त माया को इंद्रजीत किसी पागल से काम नहीं लग रहा था क्योंकि इंद्रजीत का केबिन 15 वे फ्लोर पर था तो 10 बार चक्कर का मतलब माया की तो हालत खराब हो जाएगी। 

माया इंद्रजीत से बोली पर आपका फ्लोर 15 है तो मैं कहां से इतना चल सकती हो वह भी 10 बार को नहीं लगता यह कुछ ज्यादा हो जाएगा अगर ऐसा होगा तो मैं कल से ऑफिस की वजह हॉस्पिटल में दिखाई दूंगी। 

माया इस वक्त बहुत ही भोली भाली लड़की लग रही थी जिस पर बहुत ही ज्यादा जुल्म किया जा रहा हो। 

एक पल के लिए इंद्रजीत अपने पनिशमेंट को सोचता है और अपने आप से कहता है कि यह सही रही है अगर उसने इसने 10 बार चक्कर लगाया तो यह कल मुझे ऑफिस की जगह हॉस्पिटल में ही दिखेगी इतना सोचकर वह माया से बोल तो तुम इसके पांच चक्कर लगा ओगी।

एंड योर टाइम स्टार्ट नाउ। इतना बोलकर वह माया को वहां से जाने का इशारा करता है माया भी अपना मन मार कर वहां से चली जाती है वहां से चली जाती है।



अब आगे क्या होगा इन सब की जिंदगी में क्या माया कंप्लीट कर पाई अपना पनिशमेंट?

क्या फिर से होगा रोहन और मोहना का टकराना?

जानने के लिए।

❤️❤️❤️इश्क की लाइब्रेरी❤️❤️❤️



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आरोही एक खुश मिजाज लड़की थी लेकिन उसकी खुशियों को लगी नजर, जब आरोही को पता चला की वो दो जुड़वाँ बच्चो की माँ है। जो बिलकुल उसकी तरह दीखते थे और साथ ही उनका व्यवहार भी आरोही की तरह ही था। क्या करेगी आरोही जब सच्चाई से उसका सामना होगा? क्या आरोही इस सच को स्वीकार कर पायेगी? जानने के लिए पढ़िए, "My Children's Father" सिर्फ "Pocket Novel" पर।

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