राजू आज उदास था क्योंकि उसका मोबाइल गिरकर टूट गया था। उसकी मां ने उसे सब्जी खरीदने के लिए भेजा, क्योंकि घर में सब्जी नहीं थी। राजू ने अपनी मां की बात मानकर बाजार जाने का निर्णय लिया। दादा जी ने भी उसके साथ चलने की इच्छा जताई और उन्होंने अपने टूटे चश्मे को ठीक करवाने के लिए राजू को दिया। राजू और दादा जी स्कूटी पर बाजार गए। राजू ने सब्जी खरीदी और दादी जी के चश्मे का फ्रेम बदलवाया। बाजार में थोड़ी देर बिताने के बाद, राजू ने अपने दोस्त रमेश के घर जाने का सोचा और वहां कुछ समय बिताया। फिर दादा जी के साथ वापस लौटते समय उन्होंने रास्ते में कुल्फी खाई। घर लौटने पर मां ने राजू को शिकंजी पिलाई और उसने खाना खाकर थोड़ी देर सोया। जब वह उठा, तो उसके पिता ने उसे पार्क चलने के लिए कहा। राजू ने खुशी-खुशी हां कह दी और वे दोनों पार्क चले गए। इस दिन राजू ने अपने परिवार के साथ समय बिताकर खुशियाँ प्राप्त कीं। मेरा तेरा हम सबका प्यारा टुनटुना PRAFUL DETROJA द्वारा हिंदी लघुकथा 1 1.5k Downloads 7.6k Views Writen by PRAFUL DETROJA Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण ओहहहहह तो क्या ये सब सपना था.. दिल ने खुद ही दिल से सवाल किया और दिल ने दिल को ही जवाब दिया..हां यह सपना था। More Likes This 30 Minister with My Angel - 1 द्वारा Shantanu Pagrut नेताजी की गुप्त फाइलें - भाग 1 द्वारा Shailesh verma पायल की खामोशी द्वारा Rishabh Sharma सगाई की अंगूठी द्वारा S Sinha क्या यही है पहला प्यार? भाग -2 द्वारा anmol sushil काली किताब - भाग 1 द्वारा Shailesh verma Silent Desires - 1 द्वारा Vishal Saini अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी