Taaro par jhulti jindagi book and story is written by Chaya Agarwal in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Taaro par jhulti jindagi is also popular in Moral Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. तारों पर झूलती जिन्दगी Chaya Agarwal द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 5 2.1k Downloads 7.4k Views Writen by Chaya Agarwal Category सामाजिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण कहानी- तारों पर झूलती जिन्दगीवो दुबली -पतली, प्यारी, नन्ही सी बच्ची भागती हुई आई और माँ के सीने से लिपट कर कहने लगी - "माँ मुझे रिंग में जाने से रोक लो। कल जब गटटू ने मुझे हवा में उछाला था तभी से मेरी गर्दन अकड़ गयी है। सुबह का शो करते वक्त बहुत दर्द हुआ था।माँ, प्लीज...."।"साशा, मेरी प्यारी बच्ची, तू तो जानती है हम ऐसा नही कर सकते, हमें ज्यादा पैसों की जरूरत है। अगर तूने यह शो नही किया तो मास्टर हमारे पैसे काट लेगा, फिर मैं तेरी नई फ्राक और जूते कैसे खरीद पाऊँगी। "एक माँ More Likes This रुह... - भाग 8 द्वारा Komal Talati उज्जैन एक्सप्रेस - 1 द्वारा Lakhan Nagar माँ का आख़िरी खत - 1 द्वारा julfikar khan घात - भाग 1 द्वारा नंदलाल मणि त्रिपाठी सौंदर्य एक अभिशाप! - पार्ट 2 द्वारा Kaushik Dave चंदन के टीके पर सिंदूर की छाँह - 1 द्वारा Neelam Kulshreshtha गाजा वार - भाग 1 द्वारा suhail ansari अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी