Do parivaro ki katha book and story is written by Satish Sardana Kumar in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Do parivaro ki katha is also popular in Moral Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. दो परिवारों की कथा Satish Sardana Kumar द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 4 1.1k Downloads 2.6k Views Writen by Satish Sardana Kumar Category सामाजिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण उसने घर के खुले दरवाजे में एक पैर रखा और अपना स्कूलबैग वहीं से इस अंदाज में उछलकर फेंका कि बैग आंगन को पार करता हुआ बरामदे में रखे तख़्त पर जाकर गिरा।उसे ऐसा करते देख उसकी मां ने देखा और वहीं बैठी बैठी चिल्लाई,"ठहर जा कमीने!अभी तेरी हड्डियां सेंकती हूं।"उसने मां की धमकी सुना अनसुना किया और गली भागकर पार कर गया।बच्चे का नाम गोपाल और उसकी मां का नाम शकुंतला था।लेकिन मां सब जगह कुंतो और बेटा गोपी के नाम से जाना जाता है।गोपी की माँ कुंतो उस वक़्त अपनी घनिष्ठ सहेली दिलजीत कौर के साथ बैठी हुई More Likes This जिंदगी के रंग - 1 द्वारा Raman रुह... - भाग 8 द्वारा Komal Talati उज्जैन एक्सप्रेस - 1 द्वारा Lakhan Nagar माँ का आख़िरी खत - 1 द्वारा julfikar khan घात - भाग 1 द्वारा नंदलाल मणि त्रिपाठी सौंदर्य एक अभिशाप! - पार्ट 2 द्वारा Kaushik Dave चंदन के टीके पर सिंदूर की छाँह - 1 द्वारा Neelam Kulshreshtha अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी