कहानी "दुर्घटना" एक संध्या समय की सुंदरता में शुरू होती है, जहाँ सुभाष अपनी गाड़ी में तेज रफ्तार से चल रहा है। अचानक उसे एक खूबसूरत युवती दिखाई देती है, जो एक पेड़ के नीचे उदास खड़ी है। सुभाष उसकी सुंदरता से प्रभावित होता है और उसे अपनी गाड़ी में बैठने का मौका देता है। युवती तुरन्त गाड़ी में बैठकर कहती है कि उसे पुराने किले के पास जल्दी पहुंचना है, क्योंकि वह संकट में है। सुभाष भी उसी किले की ओर जा रहा है, इसलिए वह उसे बिना किसी आपत्ति के ले जाने के लिए तैयार हो जाता है। रास्ते में, सुभाष युवती से पूछता है कि वह इतनी रात को अकेले किले में क्यों जा रही है, जिस पर युवती उससे पूछती है कि क्या वह भी डरपोक लोगों में से है। सुभाष अहंकारी मुस्कान के साथ कहता है कि अगर वह डरता तो उसे लिफ्ट नहीं देता। युवती की हंसी से सुभाष कुछ घबरा जाता है, लेकिन वह अपनी बहादुरी साबित करने की बात करता है। युवती उसकी बातों पर हंसते हुए कहती है कि उसकी हंसी उसके अजीब व्यवहार पर थी। सुभाष यह भी नोट करता है कि युवती प्राचीन हिंदी बोलती है, और वह उसके साथ पुराने समय में होने का अनुभव करता है। इस प्रकार, कहानी एक रहस्यमय और दिलचस्प मोड़ लेती है, जहाँ सुभाष और युवती के बीच बातचीत और संबंधों का विकास होता है। प्रेम मोक्ष - 1 Sohail K Saifi द्वारा हिंदी डरावनी कहानी 23 6.1k Downloads 13.6k Views Writen by Sohail K Saifi Category डरावनी कहानी पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण दुर्घटना संध्या समय की चंचलता अपने मोहक वातावरण मे सूर्य की लाली संग एक अद्धभुत नजारे मे ढल रही हैँ इस समय एक खामोश सडक पर सुभाष अपनी मंजिल की ओर बेखौफ बड़े जा रहा हैँ वो अपनी गाड़ी मे अपनी ही धुन मे मग्न था और उसकी तेज रफ़्तार उसका जोश बढ़ाए जा रही थी सड़क के दोनों छोरो पर दूर तक फैला घना जंगल समय से पहले ही अंधकार मे डूबा हुआ मालूम हो रहा था अचानक सुभाष को एक सुन्दर कोमल युवती दिखी वो सुंदरी एक विशाल वृक्ष से टेक लगा Novels प्रेम मोक्ष दुर्घटना संध्या समय की चंचलता अपने मोहक वातावरण मे सूर्य की लाली संग एक अद्धभुत नजारे मे ढल रही हैँ इस समय एक खामोश सडक पर सुभाष... More Likes This झूले पर बैठी गुड़िया - 1 द्वारा neha sharma पिशाचनी का श्राप - 1 द्वारा Ashutosh Moharana अंधेरी कोठरी का रहस्य - भाग 1 द्वारा Pawan भूतनी के रिश्तेदार! - अध्याय 1 द्वारा बैरागी दिलीप दास 2 दिन चांदनी, 100 दिन काली रात - 1 द्वारा बैरागी दिलीप दास Lfrit Jinn - 1 द्वारा HARSH PAL Check-In हुआ, Check-Out नहीं! - अध्याय 1 द्वारा Sakshi Devkule अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी