कहानी "डोर – रिश्तों का बंधन" में नयना और चिंटू अपने रिश्तेदार पूर्वी की मोसी के घर जाते हैं। वहां उन्हें अच्छी खातिरदारी मिलती है, लेकिन नयना को मोसीजी के साथ कोई खास यादें नहीं होतीं, जिससे वह उनके साथ नजदीकी महसूस नहीं कर पाती। चिंटू और नयना पूर्वी के साथ शॉपिंग के लिए मॉल जाते हैं, जहां चिंटू की शेरवानी चुनने में काफी समय लगता है। अंततः पूर्वी की पसंद पर सब सहमत हो जाते हैं। चिंटू और पूर्वी नयना के लिए भी कपड़े खरीदते हैं, हालांकि नयना महंगे कपड़े खरीदने के खिलाफ होती है। भोजन के लिए एक रेस्टोरेंट में जाते हैं, जहां नयना शहर की भीड़ और ट्रैफिक के बारे में सोचती है। वह चिंटू के साथ शहर में घूमने का अनुभव चाहती थी। कहानी में नयना की सोच और रिश्तों का महत्व दर्शाया गया है, साथ ही उनकी यात्रा के दौरान के अनुभव भी। डोर – रिश्तों का बंधन - 10 Ankita Bhargava द्वारा हिंदी प्रेम कथाएँ 18 3.1k Downloads 9k Views Writen by Ankita Bhargava Category प्रेम कथाएँ पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण अगले दिन नयना और चिंटू सुबह सुबह ही पूर्वी की मोसी के घर जनकपुरी पहुंच गए। बस चाय के साथ बिस्कुट ही लिए थे दोनों ने, शनिवार को लीलाधर की छुट्टी रहती है, नयना ने तो बोला भी था ब्रेक फास्ट वह बना लेगी पर चिंटू कहने लगा, 'पूर्वी को भी साथ ले लेते हैं फिर किसी अच्छे से रेस्टोरेंट में ही कुछ खा लेंगे, चल आज तेरी पार्टी करवाता हूं, तू भी क्या याद करेगी कितना दिलदार है तेरा भाई।' पर इसकी तो नौबत ही नहीं आई पूर्वी की मोसी के घर उन दोनों की जम कर खातिरदारी हुई। चिंटू शायद पहले भी यहां आ चुका था इसलिए उसे सब जानते थे। जान तो नयना को भी गए थे जब जया मोसी ने अपनी बहन के समक्ष मां का जिक्र किया, पूर्वी की मोसी नयना के साथ भी बहुत प्रेम और अपनत्व से भरा व्यवहार कर रही थीं उनके पास भी नयना के बचपन की ढेरों बातें थीं जिन्हें सुन कर चिंटू पेट पकड़ कर हंस रहा था, पर नयना को उन मोसीजी से जुड़ी एक भी बात याद नहीं आ रही थी शायद इसीलिए वह उनके साथ उस तरह की नज़दीकी महसूस नहीं कर पा रही थी जितनी जया मोसी के साथ करती आई थी। खूब अच्छे से पेट भर नाश्ता कर वो लोग पूर्वी को साथ ले बाजार निकल गए। Novels डोर – रिश्तों का बंधन ढ़ोलकी की थाप पर जैसे ही गीत शुरु हुआ सुरेश की आंखों के कोर भीग गए। कैसा माहौल होता है बेटी की शादी में। घर में रौनक भी होती है और खुशियाँ भी पर दिल मे... More Likes This अधूरे हम.. - 1 द्वारा Aradhana तू था, मगर मेरा नहीं - 1 द्वारा Hindi kahaniyan वो जो मेरा था - 1 द्वारा Neetu Suthar Rebirth in Novel Villanes - 1 द्वारा Aaliya khan अनजानी कहानी - 1 द्वारा surya Bandaru इश्क़ - 1 द्वारा Anki अनदेखा प्यार - 2 द्वारा Mehul Pasaya अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी