नूर और शैली की बातचीत में यह चर्चा होती है कि शैली को अपने पिता की अनुमति के बिना नौकरी नहीं करनी चाहिए, क्योंकि माता-पिता हमेशा अपने बच्चों की भलाई का सोचते हैं। नूर अपने पिता से पूछती है कि क्या वह नौकरी कर सकती है, लेकिन उनके पिता इसे नहीं चाहते क्योंकि बाहर का माहौल ठीक नहीं है। नूर अपने पिता को शैली की परेशानी बताती है और उन्हें राणाजी से बात करने के लिए कहती है। कुछ दिन बाद, हैदर साहब राणाजी से बात करते हैं और उन्हें समझाते हैं कि लड़कियाँ समझदार और शिक्षित हैं, इसलिए उन्हें नौकरी करने से रोकने का कोई कारण नहीं है। राणाजी बताते हैं कि वह ऑफिस में काम करते हैं और बाहर के माहौल को जानते हैं, इसलिए वह चिंतित हैं। लेकिन हैदर साहब की बात सुनकर राणाजी थोड़े खुले होते हैं और कहते हैं कि वह देखेंगे कि कहीं अच्छी नौकरी मिल सके। थोड़े समय बाद, राणाजी एक हादसे का शिकार हो जाते हैं और बेहोश हो जाते हैं। उन्हें अस्पताल ले जाया जाता है। इस दौरान शैली को राणाजी के नंबर से एक कॉल आता है, जिसमें कोई उसे पूछता है कि क्या वह राणाजी की बेटी है। यह घटना कहानी में एक महत्वपूर्ण मोड़ लाती है। अब नहीं सहुंगी...भाग 2 Sayra Ishak Khan द्वारा हिंदी महिला विशेष 35 5.6k Downloads 6.9k Views Writen by Sayra Ishak Khan Category महिला विशेष पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण शैली कि बातो से वो सहमत थी, लेकिन उसने यही कहा कि पापा की मर्ज़ी बिना तुझे जॉब नहीं करनी है , क्यू की मां-बाप हमारा अच्छा सोचते है, ओर रही बात घर की परेशानी की तो वो तो तू और में बचपन से समझते है! और वैसे भी तुझे पता है, हम दोनों कुछ सोचे तो कर के ही दम लेते है! थोड़ा टाइम होने दे पापा मान जाएंगे!फिर दोनो बातो में उलझ गई!और हसी मज़ाक चलता रहा.!अब आगे...!!!थोड़ी देर में नूर अपने घर चली गई ! लेकिन उसके मन में बार बार शैली की बाते घूम रही थी Novels अब नहीं सहुंगी... हल्लो दोस्तों...मैं एक बार फिर से आप लोगो के सामने एक नई कहानी लेकर हाजिर हूं ! मुझे उम्मीद है ,आप सभी को मेरी ये कहानी भी पसंद आएगी! मेरी कहानी ऐसी फ... More Likes This इश्क की लाइब्रेरी। - 8 द्वारा Maya Hanchate अनकहे रिश्ते - 1 द्वारा patel lay गड़बड़ - चैप्टर 1 द्वारा Maya Hanchate बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 13 द्वारा Maya Hanchate गुनाहों की सजा - भाग 1 द्वारा Ratna Pandey छाया प्यार की - 1 द्वारा NEELOMA चंद्रवंशी - 1 - अंक – 1.1 द्वारा yuvrajsinh Jadav अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी