इस कहानी में सिंदबाद जहाजी अपनी दूसरी यात्रा के बारे में बताता है। पहली यात्रा में आई विपत्तियों के बाद उसने व्यापार यात्रा न करने का निश्चय किया था, लेकिन फिर भी वह निष्क्रियता से परेशान हो गया और नई यात्रा पर निकलने का निर्णय किया। उसने विभिन्न व्यापारिक वस्तुएँ खरीदीं और अपने साथियों के साथ जहाज पर सवार हुआ। वे कई द्वीपों और देशों में गए और व्यापार किया। एक दिन, उनका जहाज एक सुनसान और हरे-भरे द्वीप पर पहुंचा, जहां सुंदर फलों के वृक्ष थे। लेकिन द्वीप पर कोई भी मानव या पक्षी नहीं था। सिंदबाद अपने साथियों से अलग होकर एक सोते के किनारे बैठकर खाना खाने लगा और शराब पीने के बाद सो गया। जब उसकी आँख खुली, तो उसने देखा कि उसके साथी और जहाज दोनों ही चले गए हैं। वह अकेला रह गया और उसे चिंता होने लगी कि वह इस उजाड़ द्वीप में मर जाएगा। उसने अपने भाग्य को कोसा और अपने आप को धिक्कारा। अंत में, वह भगवान का नाम लेकर इधर-उधर घूमने लगा, लेकिन कोई रास्ता नहीं मिला। फिर उसने एक ऊँचे पेड़ पर चढ़कर देखना चाहा, लेकिन वहां भी कुछ नहीं मिला। कुछ समय बाद, उसने दूर पर एक सफेद चीज देखी, जिसे देखकर उसने सोचा कि शायद वहां कोई ठिकाना हो। वह उस सफेद चीज के पास गया, जो एक बड़े गुंबद के आकार की थी, लेकिन उसका कोई दरवाजा नहीं था। यह कहानी साहस, संघर्ष और जीवन की अनिश्चितताओं को दर्शाती है। अलिफ़ लैला - 21 MB (Official) द्वारा हिंदी लघुकथा 10 3.3k Downloads 9.6k Views Writen by MB (Official) Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण मित्रो, पहली यात्रा में मुझ पर जो विपत्तियाँ पड़ी थीं उनके कारण मैंने निश्चय कर लिया था कि अब व्यापार यात्रा न करूँगा और अपने नगर में सुख से रहूँगा। किंतु निष्क्रियता मुझे खलने लगी, यहाँ तक कि मैं बेचैन हो गया और फिर इरादा किया कि नई यात्रा करूँ और नए देशों और नदियों, पहाड़ों आदि को देखूँ। अतएव मैंने भाँति-भाँति की व्यापारिक वस्तुएँ मोल लीं और अपने विश्वास के व्यापारियों के साथ व्यापार यात्रा का कार्यक्रम बनाया। हम लोग एक जहाज पर सवार हुए और भगवान का नाम लेकर कप्तान ने जहाज का लंगर उठा लिया और जहाज पर चल पड़ा। Novels अलिफ़ लैला फारस देश भी हिंदुस्तान और चीन के समान था और कई नरेश उसके अधीन थे। वहाँ का राजा महाप्रतापी और बड़ा तेजस्वी था और न्यायप्रिय होने के कारण प्रजा को प्रिय... More Likes This नेताजी की गुप्त फाइलें - भाग 1 द्वारा Shailesh verma पायल की खामोशी द्वारा Rishabh Sharma सगाई की अंगूठी द्वारा S Sinha क्या यही है पहला प्यार? भाग -2 द्वारा anmol sushil काली किताब - भाग 1 द्वारा Shailesh verma Silent Desires - 1 द्वारा Vishal Saini IIT Roorkee (अजब प्रेम की गज़ब कहानी) - 2 द्वारा Akshay Tiwari अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी