Bhupendra Kuldeep

Bhupendra Kuldeep मातृभारती सत्यापित

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आपके बारे में

नमस्कार मित्रो, मेरा नाम भूपेंद्र कुलदीप है मैं छत्तीसगढ़ शासन के उच्च शिक्षा विभाग में प्रथम श्रेणी राजपत्रित अधिकारी हूँ और वर्तमान में दुर्ग विश्वविद्यालय में उपकुलसचिव के पद पर कार्यरत हूँ. मैं बोलचाल की भाषा मे कहानी लिखता हूं उम्मीद है आप सब इसे पसंद करेंगे. आपके सुझाव और समीक्षा आप मुझे bhupendrakuldeep76@gmail.com पर भेज सकते है ताकि मैं अगली कृतियों में सुधार कर सकूं.

Bhupendra Kuldeep मातृभारती सत्यापित कोट्स पर पोस्ट किया गया हिंदी शायरी
1 साल पहले

इस दौर के लोगों में वफ़ा ढूंढ रहे हो

बड़े नादान हो साहब
जहर की शीशी में
दवा ढूंढ रहे हो...!!

भूपेंद्र कुलदीप

Bhupendra Kuldeep मातृभारती सत्यापित कोट्स पर पोस्ट किया गया हिंदी शायरी
1 साल पहले

तुम दूर जाने में
भले माहिर हो

मगर हम भी याद आने की

काबिलियत रखते हैं...!!!

भूपेंद्र कुलदीप

Bhupendra Kuldeep मातृभारती सत्यापित कोट्स पर पोस्ट किया गया हिंदी शायरी
1 साल पहले

खूबियां इतनी तो नहीं है कि किसी का दिल जीत सकें, लेकिन

कुछ पल ऐसे जरूर छोड़ जाएंगे कि भूलना भी आसान ना होगा...!!!

भूपेंद्र कुलदीप

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Bhupendra Kuldeep मातृभारती सत्यापित कोट्स पर पोस्ट किया गया हिंदी शायरी
1 साल पहले

मैं चलते-चलते इतना तक गया हूँ
कि चल नहीं सकता

मगर मैं सूर्य हूँ शाम से पहले
ढल नहीं सकता...!!

भूपेंद्र कुलदीप

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Bhupendra Kuldeep मातृभारती सत्यापित कोट्स पर पोस्ट किया गया हिंदी विचार
3 साल पहले

"ऐ ज़िंदगी तू अब साथ चल मेरे
अब कहानी नई लिखते हैं,

छोड़ अब किसी के आने की उम्मीद
अब तलाश खुद की करते हैं...!!!

Bhupendra Kuldeep मातृभारती सत्यापित कोट्स पर पोस्ट किया गया हिंदी विचार
3 साल पहले

अच्छे रिश्तों को वादे और शर्तों की जरूरत नहीं होती,

बस दो खूबसूरत लोग चाहिए एक निभा सके और दूसरा समझ सके।

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Bhupendra Kuldeep मातृभारती सत्यापित कोट्स पर पोस्ट किया गया हिंदी विचार
3 साल पहले

"कर रहा हूँ तुझे खुशी से बसर

ज़िन्दगी तुझ से दाद चाहता हूँ...!!!"

Bhupendra Kuldeep मातृभारती सत्यापित कोट्स पर पोस्ट किया गया हिंदी विचार
3 साल पहले

चलते-चलते रास्ते में
रुककर सोचा भी,

क्या मंज़िल पर पहुंचकर
याद रहेगा रास्ता भी...!!!

Bhupendra Kuldeep मातृभारती सत्यापित कोट्स पर पोस्ट किया गया हिंदी रोमांस
3 साल पहले

बिखेर आया हूँ
हर जगह अपने वज़ूद को,

अब तन्हाई तुझे
छू ना पाएगी कभी...!!!

Bhupendra Kuldeep मातृभारती सत्यापित कोट्स पर पोस्ट किया गया हिंदी विचार
3 साल पहले

जिन्हें गुणो की पहचान नहीं है
उनकी "प्रशंसा" से डरिए ,
और
जिन्हें गुणों की जानकारी है
उनके "मौन" से डरिए l

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