रात का सन्नाटा था। पूरा जंगल ठंडी हवा और झींगुरों की आवाज़ से गूँज रहा था। गहरी अंधेरी घाटी के बीचोंबीच एक गुफा में जंगल का राजा – एक शक्तिशाली इच्छाधारी शेर – अपने परिवार के साथ रहता था। उसकी आँखों में आग थी और उसके दहाड़ने की आवाज़ सुनकर कई किलोमीटर दूर तक लोग काँप उठते थे। गाँववालों का विश्वास था कि यह साधारण शेर नहीं, बल्कि इच्छाधारी शेर है – यानी वह इंसान से शेर और शेर से इंसान का रूप ले सकता है। उसका जंगल पर शासन था और कोई शिकारी उसकी ओर आँख उठाकर भी नहीं देखता था। लेकिन लालच, सत्ता और धन की भूख इंसान को अंधा बना देती है। गाँव के बाहर रहने वाले पंद्रह शिकारी, जिनके पास बड़े-बड़े हथियार और चालाक दिमाग थे, उन्होंने इस शेर का शिकार करने की ठानी। उन्हें लगता था कि अगर वे इच्छाधारी शेर की खाल और उसका दिल बेच दें तो करोड़ों की दौलत कमा सकते हैं।
इच्छाधारी शेरनी का बदला - भाग 1
बहुत अच्छा अब हम शुरू करते हैं आपकी नई रहस्यमयी और रोमांचक सीरीज़ – इच्छाधारी शेरनी का बदला भाग 1️ लेखक – विजय शर्मा एरी, अजनाला अमृतसर---प्रस्तावनारात का सन्नाटा था। पूरा जंगल ठंडी हवा और झींगुरों की आवाज़ से गूँज रहा था। गहरी अंधेरी घाटी के बीचोंबीच एक गुफा में जंगल का राजा – एक शक्तिशाली इच्छाधारी शेर – अपने परिवार के साथ रहता था। उसकी आँखों में आग थी और उसके दहाड़ने की आवाज़ सुनकर कई किलोमीटर दूर तक लोग काँप उठते थे।गाँववालों का विश्वास था कि यह साधारण शेर नहीं, बल्कि इच्छाधारी शेर है – यानी ...और पढ़े
इच्छाधारी शेरनी का बदला - भाग 2
अब मैं आपको “इच्छाधारी शेरनी का बदला – भाग 2” प्रस्तुत कर रहा हूँ।यह भाग लगभग 2500 शब्दों का और इसमें पहला शिकारी अपने भयानक अंत को पहुँचेगा।--- इच्छाधारी शेरनी का बदला – भाग 2️ लेखक: विजय शर्मा एरी---भूमिकाजंगल की उस अँधेरी रात से अब कई दिन बीत चुके थे। गाँव में खौफ का साया छा गया था। लोग कहते—"कहीं वो घायल शेरनी इंसानों का रूप धरकर गाँव में तो नहीं घूम रही?"बच्चे रात ढलते ही रो-रोकर माँ की गोद में सिमट जाते। औरतें दरवाज़े पर ताला जड़ देतीं। पर मर्द भी अब रात को बाहर निकलने से कतराने ...और पढ़े
इच्छाधारी शेरनी का बदला - भाग 3,4
--- इच्छाधारी शेरनी का बदला – भाग 3रात का समय था। गाँव से कुछ दूर एक जर्जर हो चुका कारख़ाना खड़ा था। वहीं तेरह शिकारी अपनी ज़िंदगी की सबसे भयावह रात गुज़ार रहे थे। दो साथी पहले ही मौत का शिकार हो चुके थे। अब हर किसी की आँखों में डर और दिल में धड़कनें तेज़ थीं।सरदार ने मेज़ पर हाथ पटकते हुए कहा –“सुनो सब! डरने से कुछ नहीं होगा। मौत से भागकर कोई नहीं बच सकता। हमने शिकार किया है, तो हमें पता है कि जंगल के नियम क्या होते हैं। वो चाहे इच्छाधारी शेरनी ही क्यों ...और पढ़े
इच्छाधारी शेरनी का बदला - भाग 5,6
ठीक है अब मैं आपको “इच्छाधारी शेरनी का बदला” का भाग 5 और भाग 6 अलग-अलग और विस्तार से रोमांच और डरावनी झलकियों के साथ) लिखकर देता हूँ।--- इच्छाधारी शेरनी का बदला – भाग 5जंगल की वह भयावह रात गुज़र चुकी थी। सात शिकारी अब मौत के घाट उतर चुके थे।बाकी पाँच शिकारी अपने गाँव लौट आए। उनके दिलों में खौफ बैठ गया था।सरदार ने उन्हें पुराने कुएँ के पास बुलाया और बोला –“डरो मत! अभी सब खत्म नहीं हुआ है। हम चाहें तो शहर छोड़कर भाग सकते हैं, पर याद रखो—अगर शेरनी इच्छाधारी है, तो वह दुनिया के ...और पढ़े
इच्छाधारी शेरनी का बदला - भाग 7
इच्छाधारी शेरनी का बदला – भाग 7️ लेखक – विजय शर्मा एरी---गाँव की सीमा के पास अँधेरा उतर चुका पेड़ों की छायाएँ जमीन पर लम्बी होती जा रही थीं और एक अजीब-सी खामोशी पूरे वातावरण में फैली थी। चारों ओर ऐसा लगता था मानो जंगल खुद साँस रोककर किसी घटना की प्रतीक्षा कर रहा हो।शिकारी दल के अब सिर्फ नौ सदस्य बचे थे। पहले छह शिकारी शेरनी के प्रकोप का शिकार हो चुके थे। अब सबके चेहरों पर भय की गहरी रेखाएँ थीं। वे बार-बार एक-दूसरे की ओर देखते और फुसफुसाकर कहते—पहला शिकारी (काँपती आवाज़ में):“यकीन मानो, ये शेरनी ...और पढ़े
इच्छाधारी शेरनी का बदला - भाग 8
इच्छाधारी शेरनी का बदला – भाग 8️ लेखक – विजय शर्मा एरी---मेला और खौफगाँव के पास सालाना मेला लगा ढोल-नगाड़ों की आवाज़, झूले की चमकती रोशनियाँ, दुकानों पर लगी मिठाइयों की खुशबू… हर तरफ़ उत्साह था। लेकिन इस उत्साह के बीच उन आठ बचे हुए शिकारी लगातार बेचैनी महसूस कर रहे थे।उनकी नज़रें बार-बार जंगल की ओर उठ जातीं। उन्हें लगता जैसे अँधेरे से कोई उन्हें घूर रहा हो।आठवाँ शिकारी (धीमे स्वर में):“ये शेरनी हमें जंगल तक ही सीमित नहीं रखेगी। अब ये हमारे बीच आएगी… देख लेना।”बाकी शिकारी उसकी बात सुनकर काँप गए। भीड़-भाड़ में वे सुरक्षित समझते ...और पढ़े