जाट और बनिया बहुत अच्छे मित्र थे। बनिया बहुत पूजा पाठ करता और जाट को तो पुजा का पता ही नही था, क्या होती है। बनिया हर रोज मंदिर में पूजा करने जाता था। चाहे दुनिया इधर से उधर हो जाए पर बनिया मंदिर में पूजा करने जरूर जाता था। एक दिन जाट और बनिये की बहस हो गई की कोई भगवान् नहीं होता। बहस इतनी बढ गई कि जाट जिद पर आ गया कि मुझे तेरा भगवान देखना है। बनिये को बोला मै हररोज तेरे साथ मन्दिर में जाऊगा और तेरे भगवान् को दो जूते मारकर आऊंगा फिर देखता